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Nagaur, Rajasthan, India
नागौर जिले के छोटे से गांव भूण्डेल से अकेले ही चल पड़ा मंजिल की ओर। सफर में भले ही कोई हमसफर नहीं रहा लेकिन समय-समय पर पत्रकारिता जगत में बड़े-बुजुर्गों,जानकारों व शुभचिंतकों की दुआ व मार्गदर्शन मिलता रहा। उनके मार्गदर्शन में चलते हुए तंग,संकरी गलियों व उबड़-खाबड़ रास्तों में आने वाली हर बाधा को पार कर पहुंच गया गार्डन सिटी बेंगलूरु। पत्रकारिता में बीजेएमसी करने के बाद वहां से प्रकाशित एक हिन्दी दैनिक के साथ जुड़कर पत्रकारिता का क-क-ह-रा सीखा और वहां से पहुंच गए राजस्थान की सिरमौर राजस्थान पत्रिका में। वहां लगभग दो साल तक काम करने के बाद पत्रिका हुबली में साढ़े चार साल उप सम्पादक के रूप में जिम्मेदारी का निर्वहन करने के बाद अब नागौर में ....

मई 09, 2010

सही दिशा दिखाती है माँ

मां का स्थान आकाश से भी ऊँचा होता है हमारे जीवन में धर्म ,कर्तव्य और कर्म की सही दिशा दिखाती है माँ। हर माँ के अपने बच्चों के प्रति अनगिनत उपकार है इसलिए जीवन में सब कुछ भूल जाना पर मां को मत भूलना चाहिए। मां का आशीर्वाद अपने हर बच्चे के साथ होता है।


माँ प्यार तुम्हारा ..........
सुन्दर फूलों के उपवन सा
जीवन बना हमारा
मन के आँगन जब से बरसा
माँ प्यार तुम्हारा।।
जीना क्या होता है इसका
अर्थ समझ में आया
दु:ख की बंजर सी धरती पर
सुख ने आधार बनाया।।
आप की ममता से मुस्कुराया
यह घर द्वार हमारा
मन के आँगन जब से बरसा
माँ प्यार तुम्हारा।।
आप के मीठे बोलों से
मन हुआ सार्थक ऐसे
प्यासे को मिले
अमृत की धारा जैसे ।।
माँ को मान सम्मान देना
अब आधार हमारा
मन के आँगन जब से बरसा
माँ प्यार तुम्हारा ।।
नीतू कुंवर पी.राजपुरोहित,बेलगाम

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