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Nagaur, Rajasthan, India
नागौर जिले के छोटे से गांव भूण्डेल से अकेले ही चल पड़ा मंजिल की ओर। सफर में भले ही कोई हमसफर नहीं रहा लेकिन समय-समय पर पत्रकारिता जगत में बड़े-बुजुर्गों,जानकारों व शुभचिंतकों की दुआ व मार्गदर्शन मिलता रहा। उनके मार्गदर्शन में चलते हुए तंग,संकरी गलियों व उबड़-खाबड़ रास्तों में आने वाली हर बाधा को पार कर पहुंच गया गार्डन सिटी बेंगलूरु। पत्रकारिता में बीजेएमसी करने के बाद वहां से प्रकाशित एक हिन्दी दैनिक के साथ जुड़कर पत्रकारिता का क-क-ह-रा सीखा और वहां से पहुंच गए राजस्थान की सिरमौर राजस्थान पत्रिका में। वहां लगभग दो साल तक काम करने के बाद पत्रिका हुबली में साढ़े चार साल उप सम्पादक के रूप में जिम्मेदारी का निर्वहन करने के बाद अब नागौर में ....

अक्तूबर 29, 2010

SANSKRITI EXHIBITION EXPRESS TRAIN IN HUBLI RAILWAY STATION---


A Timeless Journey into the life and creative works of the Noble Laureate Rabindranath Tagore

The SANSKRITI EXPRESS, a Special Exhibition Train launched by the Indian Railways as a part of ‘Sanskriti Yatra’ to commemorate the 150th birth anniversary of Nobel laureate Rabindranath Tagore, will run throughout the country over the next one year. The train, which was flagged off by Minister of Railways, Ms. Mamata Banerjee from the Rail Museum, Howrah, West Bengal, on 09th May, 2010, will return to Howrah on 08th May, 2011. This train will also be visiting Bangladesh during this period.
Today (29th Oct.10), the Sanskriti Express was arrived at Hubli Railway Station and the same was formally inaugurated by Shri KULDEEP CHATURVEDI, General Manager, South Western Railway at Platform No.1 (Coach Siding line )at 10-00 a.m. in the presence of Shri N.C. Sinha, Chief Operations Manager, SWR, Shri Mohan A. Menon, Chief Personnel Officer, SWR, Shri Praveen Kumar Mishra, Divisional Railway Manager, Hubli Division, Shri A.K. Aherwar, Controller of Stores, SWR, Shri S. Lakshminarayana Chief Signal & Telecom. Engineer, SWR, Shri Premchand, ADRM, Hubli Division, Shri S.K. Gupta, Secretary to GM/SWR and other Branch officers of Hubli Division. Shri Kuldeep Chaturvedi said that the Exhibition Express will stay here for two days i.e. on 29th & 30th Oct.2010, for public view. The Exhibition timings are : 10-00 a.m. to 8-00 p.m. Entry for the Exhibition Train is free. He further stated that the Sanskriti Express – a fully Air-conditioned five-coach Exhibition Train on the life and works of Gurudev Rabindranath Tagore, entered into the jurisdiction of South Western Railway after travelling Orissa, Andhra Pradesh, Tamilnadu and Kerala in the country, entered Karnataka and arrived at Ashokapuram (Mysore) Railway Station of Mysore Division on 21st Oct.10 and stayed for 03 days for public view from 22nd to 24th Oct.10, from there, it was entered Bangalore Cantonment Station of Bangalore Division and stayed there for 04 days i.e. from 25th to 28th Oct.2010, he added.


Shri Kuldeep Chaturvedi further said that around one lakh people visited the Exhibition Train so far, at Mysore and Bangalore Cities. The Sanskriti Exhibition Express Special Train will visit Madgoan station(of Konkan Railway Corpn. Ltd) and stay there for 03 days from 31st Oct.10 to 02nd Nov.2010. Further, it will also visit Vasco-da-gama(Goa) Station, under the jurisdiction of Hubli Division of SWR, stay for 02 days i.e. on 03rd and 04th Nov.2010, for public view. The first coach, named ‘Jibon Smriti ’ depicts the life of Tagore through photographs, his reminiscences, about Santiniketan and about Sriniketan. The second coach of the train, ‘ Gitanjali,’ exhibits his poems and singing of his songs by eminent artistes. Rabindranath Tagore was the first Asian to be presented Nobel Prize for his collection of poems Gitanjali in 1913. Two songs from his Rabindrasangeet canon are now the national anthems of India and Bangladesh. The Jana Gana Mana and the Amar Shonar Bangla. Rabindranath Tagore established Viswabharati University in 1921. He gave all his money from the Nobel Prize and royalty money from his books to this University. In 1940, Oxford University arranged a special ceremony to honour the poet with ‘Doctorate of Literature’
The third coach of the train, namely ‘ Muktodhara,’ exhibits Rabindra’s literature—prose, essays, novels, plays and dance dramas; creations and modifications by the poet; Tagore as performer, songs and recitation by him with photographs.
The fourth ‘Chitrarekha ’ coach depicts paintings of Tagore with descriptions like paintings from his childhood and teenage, portraits, natural stills, landscape, masks, sketches, illustrations and self portraits। There are paintings by other renowned artists like Nadalal Bose, Abanindranath Tagore, Gaganendranath Tagore, Binod Behari, Ramkinker Bej, Sunayani Devi and Sudhir Khastagir are also on display.




  • The fifth coach. ‘ Sesh Katha,’ presents the photos of the last days of Tagore’s life as described by his near and dear ones, poems written during his last days. Kabiguru Rabindranath Tagore passed away on 7th August,1941 in his ancestral home in Calcutta. This coach also has a section called ‘ Smaranika ’ photo print & handwriting of Rabindranath Tagore, vatika depicting history and Indianisation by the poet, ceramic pots and ornaments, gift cards printed by the Committee of Heritage & Culture and books by Tagore in Bengali and other translated languages.



Shri KULDEEP CHATURVEDI, General Manager, South Western Railway seen inaugurating the SANSKRITI EXPRESS formally at Hubli Railway Station today (29-10-2010). Also seen in the Picture are : Shri PRAVEEN KUMAR, Divisional Railway Manager, Hubli Division, Shri MOHAN A. MENON, Chief Personnel Officer, SWR, Shri A.K. AHERWAR, Controller of Stores, SWR and others look on.

अक्तूबर 23, 2010

लहसुन ने बिगाड़ा जायका

-गड़बड़ाया रसोई का गणित
-दस माह में दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर

धारवाड़.प्रमुख खाद्य पदार्थों में से एक लहसुन के भाव इन दिनों आसमान छू रहे हैं। अब तक प्याज ही लोगों को रूला रहा था लेकिन अब लहसुन भी लोगों की जेब पर भारी पड़ रहा है। आम तौर पर लहसुन 35-40 रुपए किलो था लेकिन अचानक हुबली-धारवाड़ में लहसुन के दाम 140 से 16 0 पार हुए हैं जबकि मेंगलूरु में यह 220 प्रति किलो है। व्यापारियों की मानें तो लहसुन पहली बार इतना महंगा हुआ है। दस माह में लहसुन के दाम 35 रुपए से 150 रुपए पार हुए हैं। कृषि विभाग के अनुसार वर्ष 2009 में जनवरी से मार्च तक लहसुन प्रति किलो 15 से 20 रुपए था। मौजूदा वर्ष मार्च में बढ़ते दामों ने केवल 10 माह में नया रिकॉर्ड बनाया है।
मांग के अनुरूप नहीं आपूर्ति
कृषि विभाग सूत्रों ने बताया कि राज्य में लहसुन हुबली-धारवाड़, हासन, गुलबर्गा में तथा महाराष्ट्र, पूणे, बेलगाम, नासिक जिलों में थोक दर सौ रुपए प्रति किलो से ऊपर है। देश भर में लहसुन के दाम बढ़ गए हैं। मेंगलूर शहर खाद्य पदार्थों की श्रेणी में देश के सबसे महंगे शहर की श्रेणी में आ गया है। कृषि विभाग सूत्रों ने बताया कि लहसुन के दामों में अचानक इतनी तेजी बढोतरी होने का प्रमुख कारण आयात पर प्रतिबंध लगाना है। निर्यात अधिक, खाद्य संग्रह इकाइयों की मांग बढ़ती मांग आदि प्रमुख कारण हैं। देश में लगभग 8 लाख टन लहसुन का उत्पादन किया जाता है। पिछले दो वर्षों में उत्पादन में अल्प मात्रा में बढो़तरी हुई है।
आयात पर लगा प्रतिबंध
पिछले दो वर्ष से चीन से लहसुन के आयात पर रोक लगा है। बाढ़ के चलते चीन में लहसुन की कृषि को नुकसान हुआ है। जिससे उत्पादन घट गया है। इससे देश से निर्यात की मात्रा पिछले दो वर्षों में 6 गुना बढ़ गई है। पिछले वर्ष 30 करोड़ रुपए मूल्य का लहसुन बांग्लादेश समेत अन्य एशियाई देशों को निर्यात किया गया है। आम तौर पर बड़ा लहसुन विदेशों में निर्यात किया जाता है और छोटा लहसुन की स्थानीय बाजार में बेचा जाता है। बढ़ते निर्यात को देख किसान बड़े आकार के लहसुन का अधिक उत्पादन कर रहे हैं। खाद्य पदार्थों में लहसुन का अधिक इस्तेमाल किए जाने के चलते भी इसकी मांग अधिक हो रही है।
किसानों को नहीं मिला फायदा
सर्दी के मौसम में ली जाने वाली लहसुन की फसल अक्टूबर माह के अंत में बोई जाएगी और आगामी फरवरी-मार्च तक नई फसल बाजार में आएगी। लहसुन की रिकॉर्ड कीमत होने के बावजूद उसका उत्पादन करने वाले किसानों को अधिक लाभ नहीं मिला है।
-यल्लप्पा मेणसिनकाई, किसान
संग्रहण संभव नहीं
लहसुन की फसल काटने के पश्चात उसका संग्रह कर अच्छे दामों का इंतजार नहीं कर सकते। एक दो माह के बाद लहसुन का वजन घटता जाता है। इससे नुकसान ही होता है लाभ नहीं। परंतु कुछ दिनों में दाम अधिक होने के आसार नजर आते हैं ऐसे में कुछ लहसुन बेचते हैं और कुछ बचा कर रखते हैं। बाजार में दाम बढऩे पर इसे बेचेंगे।
-रवि उल्लागड्डी, किसान निगदी ग्राम
लहसुन के भाव एक नजर में
शहर लहसुन प्रति किलो
मेंगलूर -220 रुपए
बेंगलूरु -155 रुपए
धारवाड़ -16 0 रुपए
बेलगाम -120 रुपए
बेमौसमी बारिश की मार
लहसुन के दाम बढऩे का प्रमुख कारण बेमौसम बारिश है। इससे लहसुन के उत्पादन में कमी हुई है। यह समस्या पिछले कुछ सालों से है। इसके अलावा आयात तथा निर्यात का भी लहसुन के बाजार पर बहुत असर हुआ है। बाजार में बदलाव देख किसान असमंजस में हैं। कृषि विभाग की ओर से आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रहीं हैं। विभाग हमेशा किसानों का मार्गदर्शन करता आया है। लहसुन के दाम बढऩे से भी किसानों को बहुत ज्यादा फायदा नहीं मिल पाएगा।
-गणेश नायक, जिला कृषि विभाग अधिकारी धारवाड़,
बिना लहसुन के बनता है खाना
लहसुन के बढ़ते दामों के चलते गरीब परिवार ही नहीं बल्कि मध्यम वर्गीय परिवारों का बजट भी डगमगा रहा है। 35 से 40 रुपए प्रति किलो मिल रहा लहसुन आज 16 0 रुपए पहुंच गया है। इससे महंगी तरकारी के साथ लहसुन के दाम बढने से लोगों को बड़ा झटका लगा है। इसके दामों में बढोतरी होने के कारण बिना लहसुन के ही दाल व सब्जी बनती है। मजदूर हैं कहां से महंगी तरकारी लाएं। घर चलाना बहुत मुश्किल हो गया है।

गाड़ी में चोरी करते धरा गया छात्र

-लेपटाप,एटीएम,केमरा व नकदी बरामद
-आरपीएफ ने किया जीआरपी के हवाले
हुबली.
रेलवे सुरक्षा बल ने गाड़ी में एक छात्र को यात्री का मोबाइल चोरी करते रंगे हाथ पकड़ कर गिरफ्तार किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार गाड़ी संख्या ७३०६ लोंडा-हुबली लिंक एक्सप्रेस गाड़ी में धारवाड़ स्टेशन पर वातानुकूलित शयन यान में एक यात्री की मोबाइल लेकर भाग रहे छात्र को यात्री ने पकड़कर आरपीएफ के हवाले कर दिया।
नाबालिग है आरोपी
प्राप्त जानकारी के अनुसार गाड़ी के वातानुकूलित कोच संख्या ए-२ से मोबाइल लेकर भाग रहे छात्र को मोबाइल के मालिक ने पकड़कर गाड़ी में ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा बलों को सौंप दिया। आरपीएफ स्क्वाड उसे लेकर हुबली पहुंची। आरोपी छात्र की पहचान उत्तर प्रदेश के मथुरा निवासी १८ वर्षीय छात्र धीरज सिंह के रूप में की गईहै। हुबली में तलाशी के दौरान उसके दो बेग से लेपटाप,कैमरा,एटीएम,पैन कार्ड अन्य कीमती सामान व ३४२८ रुपए नकद मिले हैं। आरोपी के खिलाफ आरपीएफ के सेक्शन के १२ के तहत कार्रवाईकर आरोपी को आगे की कार्रवाई के लिए हुबली जीआरपी को सौंपा है।
पुणे से चढा था गाड़ी में
आरोपी ने आरपीएफ को पूछताछ में बताया कि वह पुणे से गाड़ी संख्या २७८० गोवा एक्सप्रेस में बिना टिकट यात्रा कर रहा था। गाड़ी के लोंडा जक्शन पर पहुंचते ही उसने सह यात्री,जो कि गोवा जा रहा था,का समान चुरा लिया व गाड़ी से उतर गया। वहां से हुबली आने वाली गाड़ी संख्या ७३०६ लोंडा-हुबली लिंक एक्सप्रेस में चढ़ गया। गाड़ी जब धारवाड़ पहुंची तब वह एसी कोच में चढ़ गया और वहां चार्ज हो रहा एक मोबाइल लेकर भाग रहा था तभी पकड़ा गया। जीआरपी के अनुसार उसके खिलाफ धारा २७९ के तहत मामला दर्जकर कार्रवाई की जाएगी। मंडल सुरक्षा आयुक्त वी.पी.दिनेशन ने भी मामले की जानकारी ली।
जीआरपी को सौंपा मामला
जिस यात्री का सामान चोरी हुआ है वह गोवा जा रहा था। उसके बारे में जानकारी जुटाकर उसको सामान लौटा दिया जाएगा। हमने मामला जीआरपी को सौंप दिया है।
-बी. तिवारी, दपरे-आरपीएफ,हुबली प्रभारी निरीक्षक (प्रशासन)

कोर्ट में करेंगे पेश
चोरी की वारदात लोंडा में हुई है और लोंडा बेलगाम के क्षेत्र में आता है इसलिए आरोपी को बेलगाम जीआरपी की ओर से बेलगाम में कोर्ट में पेश किया जाएगा।
-बिरादर,जीआरपी, दपरे,हुबली

बोतल बंद पानी भरोसेमंद नहीं

-हलक में उतर रहा दूषित जल
हुबली-
धारवाड़। अगर आप बोतल बंद पानी पी रहे हैं तो सावधान हो जाएं। क्योंकि यह पानी आपकी सेहत बनाने के बजाय बिगाड़ भी सकता है। साधारण जल से परहेज कर बोतल बंद पानी को स्वास्थ्य के लिए लाभदायक समझने का खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है। आप ऐसा पानी पीने से पहले यह अवश्य पता कर लें कि यह पानी किसी ब्रांडेड या भरोसेमंद कंपनी का ही है अन्यथा यह पानी आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है।
सक्रिय हैं अवैध इकाइयां
इन दिनों शहर में मिनरल वाटर की अनेक इकाइयां हुबली-धारवाड़ में अपना अवैध रूप से पानी तैयार कर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। जुड़वां शहर में करीब 8 से10 नकली इकाइयां मिनरल वाटर बनाने के गोरख धंधे में सक्रिय है। इसके अलावा अकेले गदग में नकली मिनरल वाटर तैयार करने की 20 से अधिक इकाइयां कार्यरत हैं। राज्य भर में रोग फैलने का मुख्य कारण इन इकाइयों में तैयार होकर बाजार में बिकने वाला गंदा पानी है। पीने का पानी भी शुद्ध होना चाहिए। पानी से भी कई जलजनित रोग हो जाते हैं। इसके चलते कई लोग बंद बोतल वाला पानी ही पीते हैं क्योंकि वे समझते है कि ऐसा पानी शुद्ध है। राज्य में शुद्ध किए गए मिनरल वाटर को कैनों में भर कर बिक्री करने पर लोगों से अच्छा समर्थन मिला। लोगों को सस्ते दामों में बंद बोतलों में पानी मिलने से हर कोई बोतल वाला पानी ही पीने लगा।
जानकारी के बावजूद कार्रवाई नहीं
बोतल बंद पानी की अच्छी बिक्री से बड़ीं कम्पनियों के मुनाफे में चलने से धोखेबाज भी इस धंधे में उतर पड़े जिसका खामियाना आमजन को भुगतना पड़ रहा है। वे बोतल बंद पानी तैयार करने के लिए तय मानकों को दर किनार कर बिना साफ किए, बिना लाइसेंस धोखे से अपना धंधा चलाकर पैसा कमा रहे हैं। बड़ी कंपनियां जहां लाखों रुपए का निवेश कर मिनरल वाटर प्लांट लगाती हैं वहीं लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले लोग बहुत कम राशि का निवेश कर मशीन लगकर नकली मिनरल वाटर की बिक्री कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार इन नकली इकाइयों की जानकारी होने के बावजूद संबंधित अधिकारी आंख मूंद कर बैठे हैं।
ना लाइसेंस ना मानक का पालन
नकली इकाइयां बोतल पैकिंग में असली इकाइयों को पीछे छोड़ न केवल मुनाफा कमा रही है बल्कि आम जनता को बीमार भी बना रही है। कैन पर आईएसआई मार्का समेत असली इकाइयों की तरह आकर्षक पैकिंग व डिजायन में पानी बेचा जा रहा है। हाल ही में बिना लाइसेंस की नकली इकाइयों पर छापा मारकर महानगर निगम ने कार्रवाई की है। धारवाड़ के सत्तूर में स्थित नकली मिनरल वाटर इकाई पर छापा मारकर दो जनों को हिरासत में लिया था। महानगर निगम को इन नकली इकाइयों पर अंकुश लगाना बेहद जरूरी हैं। स्थानीय चिकित्सकों का कहना है कि ऐसे पानी से लोग सफेद जांडिस, स्वाइन फ्लू जैसी जानलेवा बीमारियों के चपेट में आ सकते हैं। बोरवेल से लिए गए पानी की प्रयोगशाला में जांच के बाद चिकित्सा विशेषज्ञों से भी इसकी गुणवत्ता की जांच करवानी चाहिए। इसके बाद ही उस पानी को बाजार में बेचा जा सकता है।
इकाइयों पर होगी कार्रवाई
हुबली-धारवाड़ में नकली मिनरल वाटर तैयार करने वाली इकाइयों के बारे में शिकाय मिलने, जांच के दौरान मालुम होने पर नकली या बिना लाइसेंस की इकाइयों को सीज कर ताला लगा दिया जाएगा। जुड़वा शहर में अब नकली इकाइयों को पता लगाने का कार्य तेज किया गया है। बिना किसी रोकटोक व दबाव में आए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-डॉ. पी. बिरादर, स्वास्थ्य अधिकारी,हुबली-धारवाड़ महानगर निगम

अक्तूबर 21, 2010

जुड़वां शहर में हाय पानी !


तल्ख़ हुए सूरज के तेवर


धुम्रपान के मामले घटे


गर्मी से राहत नहीं




त्याग का दूसरा नाम है माँ


यात्री भाड़े से कमाए ९५७.१२ करोड


कुवांरों को करना पड़ेगा ६ माह का इन्तजार


कुवांरों को करना पड़ेगा ६ माह का इन्तजार



हुबली मंडल ने पूरा किया लक्ष्य

हुबली मंडल ने कमाए १७८ करोड




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