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Nagaur, Rajasthan, India
नागौर जिले के छोटे से गांव भूण्डेल से अकेले ही चल पड़ा मंजिल की ओर। सफर में भले ही कोई हमसफर नहीं रहा लेकिन समय-समय पर पत्रकारिता जगत में बड़े-बुजुर्गों,जानकारों व शुभचिंतकों की दुआ व मार्गदर्शन मिलता रहा। उनके मार्गदर्शन में चलते हुए तंग,संकरी गलियों व उबड़-खाबड़ रास्तों में आने वाली हर बाधा को पार कर पहुंच गया गार्डन सिटी बेंगलूरु। पत्रकारिता में बीजेएमसी करने के बाद वहां से प्रकाशित एक हिन्दी दैनिक के साथ जुड़कर पत्रकारिता का क-क-ह-रा सीखा और वहां से पहुंच गए राजस्थान की सिरमौर राजस्थान पत्रिका में। वहां लगभग दो साल तक काम करने के बाद पत्रिका हुबली में साढ़े चार साल उप सम्पादक के रूप में जिम्मेदारी का निर्वहन करने के बाद अब नागौर में ....

फ़रवरी 22, 2011

डी ग्रुप भर्ती में दौड़े युवक

-कड़ी धूप में लगाया दमखम
-४७०१ कर्मचारियों की होगी भर्ती
-पहले दिन १५ प्रतिशत अभ्यर्थी सफल

हुबली. दक्षिण पश्चिम रेलवे (दपरे) के रेलवे भर्ती सेल की ओर से डी ग्रुप के लिए आयोजित भर्ती के लिए सोमवार को युवाओं ने हुबली में रेलवे ग्राउण्ड में शारीरिक दक्षता परीक्षा (पीईटी) में दौड़ लगाई। हुबली के अलावा बेंगलूरु व मैसूर मंडल में भी भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई है। रेलवे की ओर से वर्ष २००७ में जारी रोजगार संख्या ०१/२००७ के लिए उम्मीदवारों ने शारीरिक दक्षता परीक्षा दी। गौरतलब है कि वर्ष 200७ में शुरू की गई 4701 डी श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया स्थानीय विरोध के चलते बंद करनी पड़ी थी। इसमें ३ लाख ६० हजार उम्मीदवारों ने आवेदन किया था।
दौड़ पर रही कैमरे की नजर
भर्ती प्रक्रिया में पूर्णतया पारदर्शिता बरतने के चलते रेलवे ग्राउण्ड में चार कैमरे लगाए गए जिनमें सभी उम्मीदवारों की दौड़ की वीडियोग्राफी की गई। पीईटी उत्तीर्ण ये अभ्यर्थी अब लिखित परीक्षा के पात्र होंगे। डी श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती में अभ्यर्थियों की सुविधा के मद्देनजर रेलवे बोर्ड ने स्थानीय भाषाओं को भी शामिल किया है। स्थानीय अभ्यर्थी कन्नड़ भाषा में भी लिखित परीक्षा दे सकते हैं। अन्य उम्मीदवारों के लिए हिन्दी,अंग्रेजी सहित अन्य भाषाओं के विकल्प दिए गए हैं।
ग्राउण्ड पर कड़ा बंदोबस्त
भर्ती में बड़ी संख्या में उम्मीदवारों के पहुंचने के चलते रेलवे की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। ग्राउण्ड के बाहर बड़ी संख्या में अभ्यर्थी अपनी बारी का इंतजार कर रहेथे। वहां बड़ी संख्या में रेलवे सुरक्षा बल,राजकीय रेलवे पुलिस व कर्नाटक पुलिस के जवान तैनात थे। भर्ती स्थल पर किसी भी प्रकार की गड़बड़ी रोकने के लिए बड़ी संख्या में रेलवे अधिकारी व पुलिसकर्मी मौजूद थे। उम्मीदवारों के लिए मैदान में पेयजल की व्यवस्था की गई थी। तेज धूप के बावजूद नौकरी पाने की ललक में युवाओं ने परीक्षा में पास होने के लिए पूरा दमखम लगाया।
आवेदन की तिथि बढ़ाई
गौरतलब है कि रेलवे की ओर से इन पदों के अलावा डी श्रेणी में 3007 कर्मचारियों की भर्ती की जा रही है। जिसमें उम्मीदवार की योग्यता दसवीं या फिर आईटीआई निर्धारित की गई है। इसके लिए आवेदन सौंपने की अंतिम तिथि 22 फरवरी से बढ़ाकर 22 मार्च तक की गई है। पहले इस भर्ती में शारीरिक परीक्षा के बाद लिखित परीक्षा होनी थी परन्तु रेलवे बोर्ड के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार 3007 कर्मचारियों की भर्ती में पहले लिखित परीक्षा होगी। इसमें उत्तीर्ण उम्मीदवारों की शारीरिक परीक्षा ली जाएगी।

पारदर्शिता से होगा काम

सुबह सात बजे शुरू हुई दौड़ के प्रत्येक बेच में ४० अभ्यर्थियों को दौड़ में शामिल किया गया। हालांकि दोपहर बाद यह संख्या बढ़ाकर पचास कर दी गई। सोमवार को ३९ दौर में शामिल लगभग १६८७ उम्मीदवारों में से २३९ उम्मीदवारों का चयन किया गया। भर्ती प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है।
-सुनील ज्योति, दपरे के उप मुख्य कार्मिक अधिकारी (भर्ती)

करवे ने किया प्रदर्शन
रेलवे भर्ती में कन्नडिग़ाओं को अधिक प्राथमिकता देने का आग्रह कर कर्नाटक रक्षणा वेदिके के कार्यकर्ताओं ने सोमवार दोपहर दक्षिण पश्चिम रेलवे (दपरे) महाप्रबंधक कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर दपरे महाप्रबंधक को ज्ञापन सौंपा। हुबली में रेलवे मैदान में सोमवार से डी श्रेणी पद की नियुक्ति के लिए शारीरिक परीक्षा शुरू हुई है। प्रदर्शनकारियों ने इसमें कन्नडिग़ाओं के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया है। राज्य से की जा रही रेलवे विभाग के सभी पदों पर कन्नडिग़ाओं को नियुक्ति करने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया।

फ़रवरी 21, 2011


हुबली में सोमवार को दक्षिण पश्चिम रेलवे की ओर से रेलवे ग्राउण्ड पर आयोजित डी ग्रुप भर्ती में (शारीरिक दक्षता परीक्षा)दौड़ लगाते उम्मीदवार।

हुबली में सोमवार को दक्षिण पश्चिम रेलवे की ओर से रेलवे ग्राउण्ड पर आयोजित डी ग्रुप भर्ती में (शारीरिक दक्षता परीक्षा) दौड़ के लिए बारी का इंतजार करते अभ्यर्थी।

फ़रवरी 02, 2011

स्टेशन का अपग्रेडेशन अधर में

-धनाभाव के कारण बंद पड़ा काम
हुबली.
माल भाड़े से रेलवे को मालामाल करने वाले देश के पहले पांच मंडलों में शुमार दक्षिण पश्चिम रेलवे जोन के हुबली स्टेशन का विकास कार्य अधर में अटक गया है। योजना के मुताबिक तीन मंजिला स्टेशन भवन का काम इसी वर्ष के शुरुआती महीनों में पूरा होना था लेकिन अब तक इसका आधा काम भी नहीं हो पाया है। इसका कार्य नवम्बर २०09 में शुरू हुआ था लेकिन 13.5 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले मुख्य भवन का काम करने वाले ठेकेदार ने पूरी राशि का भुगतान नहीं होने पर काम बीच में ही बंद कर दिया।
राजस्व में कमी बनी बाधा
रेलवे अधिकारियों का दावा है कि अति आधुनिक वास्तुकला से तैयार हो रहा यह स्टेशन भवन शहर के मुख्य पहचान चिह्नों में से एक होगा लेकिन धन की कमी के चलते इसका काम खटाई में पड़ गया है। माल परिवहन से हुबली मंडल को जबरदस्त कमाई होती थी। राज्य के बेल्लारी, होसपेट सहित आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोह अयस्क की ढुलाई से हुबली मंडल का राजस्व भी अच्छा खासा था। लगभग 18 .3 करोड़ की लागत से बनने वाले इस भवन में रेल यात्रियों के लिए शॉपिंग मॉल, फूड प्लाजा, प्रतीक्षालय, वीआईपी लॉंज व प्रतीक्षालय, महिला प्रतीक्षालय सहित अन्य वे सुविधाएं प्रस्तावित हैं जो अन्य बड़े शहरों में उपलब्ध हैं। प्रोजेक्ट के तहत पार्किंग पर 2 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
अब तक आधा भी नहीं हुआ काम
यात्रीभार को ध्यान में रखते हुए स्टेशन पर प्रवेश व निकास द्वार को बड़ा किया जाना है व निकास द्वार गणेशपेट की तरफ किया जाना है। बस, कार व अन्य दुपहिया वाहन पार्किंग के लिए स्टेशन के सामने अधिक स्थान छोड़ा जाना भी प्रस्तावित है और वाहनों के प्रवेश व निकासी का मार्ग अलग-अलग होगा ताकि वाहन पार्किंग में परेशानी नहीं हो। कुल बजट में से स्टेशन भवन के विद्युतीकरण पर 2.2 करोड़ व फर्नीचर निर्माण पर 10 लाख रुपए खर्च किए जाने हैं। इसके अलावा छह हजार वर्ग फीट में फूड प्लाजा बनाई जानी है। इसमें 100 व्यक्तियों के एक साथ बैठकर खाने की व्यवस्था होगी। नया भवन तैयार होने के बाद शारीरिक रूप से नि:शक्त लोगों को एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने में दिक्कत नहीं हो इसके लिए नए भवन में रेम्प सुविधा भी की जानी है लेकिन फिलहाल अपग्रेडेशन का काम बंद पड़ा है। भवन में १0 आरक्षण काउंटर, सामान्य प्रतीक्षालय, महिला प्रतीक्षालय, ऑटोमेटिक टिकट हेंडलिंग मशीन, वीआईपी प्रतीक्षालय बनाया जाना है।
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रेल बजट के बाद फंड मिलने की संभावना
जरूरी कोष की कमी से हुबली रेलवे स्टेशन के अपगे्रडेशन का काम रुका हुआ है। नए रेल बजट के बाद अप्रेल में फंड मिलने की संभावना है। उसके बाद ही इसका काम शुरू हो पाएगा।
-पी.समीर बाशा, मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी, दपरे