-हलक में उतर रहा दूषित जल
हुबली- धारवाड़। अगर आप बोतल बंद पानी पी रहे हैं तो सावधान हो जाएं। क्योंकि यह पानी आपकी सेहत बनाने के बजाय बिगाड़ भी सकता है। साधारण जल से परहेज कर बोतल बंद पानी को स्वास्थ्य के लिए लाभदायक समझने का खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है। आप ऐसा पानी पीने से पहले यह अवश्य पता कर लें कि यह पानी किसी ब्रांडेड या भरोसेमंद कंपनी का ही है अन्यथा यह पानी आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है।
सक्रिय हैं अवैध इकाइयां
इन दिनों शहर में मिनरल वाटर की अनेक इकाइयां हुबली-धारवाड़ में अपना अवैध रूप से पानी तैयार कर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। जुड़वां शहर में करीब 8 से10 नकली इकाइयां मिनरल वाटर बनाने के गोरख धंधे में सक्रिय है। इसके अलावा अकेले गदग में नकली मिनरल वाटर तैयार करने की 20 से अधिक इकाइयां कार्यरत हैं। राज्य भर में रोग फैलने का मुख्य कारण इन इकाइयों में तैयार होकर बाजार में बिकने वाला गंदा पानी है। पीने का पानी भी शुद्ध होना चाहिए। पानी से भी कई जलजनित रोग हो जाते हैं। इसके चलते कई लोग बंद बोतल वाला पानी ही पीते हैं क्योंकि वे समझते है कि ऐसा पानी शुद्ध है। राज्य में शुद्ध किए गए मिनरल वाटर को कैनों में भर कर बिक्री करने पर लोगों से अच्छा समर्थन मिला। लोगों को सस्ते दामों में बंद बोतलों में पानी मिलने से हर कोई बोतल वाला पानी ही पीने लगा।
जानकारी के बावजूद कार्रवाई नहीं
बोतल बंद पानी की अच्छी बिक्री से बड़ीं कम्पनियों के मुनाफे में चलने से धोखेबाज भी इस धंधे में उतर पड़े जिसका खामियाना आमजन को भुगतना पड़ रहा है। वे बोतल बंद पानी तैयार करने के लिए तय मानकों को दर किनार कर बिना साफ किए, बिना लाइसेंस धोखे से अपना धंधा चलाकर पैसा कमा रहे हैं। बड़ी कंपनियां जहां लाखों रुपए का निवेश कर मिनरल वाटर प्लांट लगाती हैं वहीं लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले लोग बहुत कम राशि का निवेश कर मशीन लगकर नकली मिनरल वाटर की बिक्री कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार इन नकली इकाइयों की जानकारी होने के बावजूद संबंधित अधिकारी आंख मूंद कर बैठे हैं।
ना लाइसेंस ना मानक का पालन
नकली इकाइयां बोतल पैकिंग में असली इकाइयों को पीछे छोड़ न केवल मुनाफा कमा रही है बल्कि आम जनता को बीमार भी बना रही है। कैन पर आईएसआई मार्का समेत असली इकाइयों की तरह आकर्षक पैकिंग व डिजायन में पानी बेचा जा रहा है। हाल ही में बिना लाइसेंस की नकली इकाइयों पर छापा मारकर महानगर निगम ने कार्रवाई की है। धारवाड़ के सत्तूर में स्थित नकली मिनरल वाटर इकाई पर छापा मारकर दो जनों को हिरासत में लिया था। महानगर निगम को इन नकली इकाइयों पर अंकुश लगाना बेहद जरूरी हैं। स्थानीय चिकित्सकों का कहना है कि ऐसे पानी से लोग सफेद जांडिस, स्वाइन फ्लू जैसी जानलेवा बीमारियों के चपेट में आ सकते हैं। बोरवेल से लिए गए पानी की प्रयोगशाला में जांच के बाद चिकित्सा विशेषज्ञों से भी इसकी गुणवत्ता की जांच करवानी चाहिए। इसके बाद ही उस पानी को बाजार में बेचा जा सकता है।
इकाइयों पर होगी कार्रवाई
हुबली-धारवाड़ में नकली मिनरल वाटर तैयार करने वाली इकाइयों के बारे में शिकाय मिलने, जांच के दौरान मालुम होने पर नकली या बिना लाइसेंस की इकाइयों को सीज कर ताला लगा दिया जाएगा। जुड़वा शहर में अब नकली इकाइयों को पता लगाने का कार्य तेज किया गया है। बिना किसी रोकटोक व दबाव में आए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-डॉ. पी. बिरादर, स्वास्थ्य अधिकारी,हुबली-धारवाड़ महानगर निगम
मेरे बारे में
- Dharmendra Gaur
- Nagaur, Rajasthan, India
- नागौर जिले के छोटे से गांव भूण्डेल से अकेले ही चल पड़ा मंजिल की ओर। सफर में भले ही कोई हमसफर नहीं रहा लेकिन समय-समय पर पत्रकारिता जगत में बड़े-बुजुर्गों,जानकारों व शुभचिंतकों की दुआ व मार्गदर्शन मिलता रहा। उनके मार्गदर्शन में चलते हुए तंग,संकरी गलियों व उबड़-खाबड़ रास्तों में आने वाली हर बाधा को पार कर पहुंच गया गार्डन सिटी बेंगलूरु। पत्रकारिता में बीजेएमसी करने के बाद वहां से प्रकाशित एक हिन्दी दैनिक के साथ जुड़कर पत्रकारिता का क-क-ह-रा सीखा और वहां से पहुंच गए राजस्थान की सिरमौर राजस्थान पत्रिका में। वहां लगभग दो साल तक काम करने के बाद पत्रिका हुबली में साढ़े चार साल उप सम्पादक के रूप में जिम्मेदारी का निर्वहन करने के बाद अब नागौर में ....
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