-धनाभाव के कारण बंद पड़ा काम
हुबली. माल भाड़े से रेलवे को मालामाल करने वाले देश के पहले पांच मंडलों में शुमार दक्षिण पश्चिम रेलवे जोन के हुबली स्टेशन का विकास कार्य अधर में अटक गया है। योजना के मुताबिक तीन मंजिला स्टेशन भवन का काम इसी वर्ष के शुरुआती महीनों में पूरा होना था लेकिन अब तक इसका आधा काम भी नहीं हो पाया है। इसका कार्य नवम्बर २०09 में शुरू हुआ था लेकिन 13.5 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले मुख्य भवन का काम करने वाले ठेकेदार ने पूरी राशि का भुगतान नहीं होने पर काम बीच में ही बंद कर दिया।
राजस्व में कमी बनी बाधा
रेलवे अधिकारियों का दावा है कि अति आधुनिक वास्तुकला से तैयार हो रहा यह स्टेशन भवन शहर के मुख्य पहचान चिह्नों में से एक होगा लेकिन धन की कमी के चलते इसका काम खटाई में पड़ गया है। माल परिवहन से हुबली मंडल को जबरदस्त कमाई होती थी। राज्य के बेल्लारी, होसपेट सहित आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोह अयस्क की ढुलाई से हुबली मंडल का राजस्व भी अच्छा खासा था। लगभग 18 .3 करोड़ की लागत से बनने वाले इस भवन में रेल यात्रियों के लिए शॉपिंग मॉल, फूड प्लाजा, प्रतीक्षालय, वीआईपी लॉंज व प्रतीक्षालय, महिला प्रतीक्षालय सहित अन्य वे सुविधाएं प्रस्तावित हैं जो अन्य बड़े शहरों में उपलब्ध हैं। प्रोजेक्ट के तहत पार्किंग पर 2 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
अब तक आधा भी नहीं हुआ काम
यात्रीभार को ध्यान में रखते हुए स्टेशन पर प्रवेश व निकास द्वार को बड़ा किया जाना है व निकास द्वार गणेशपेट की तरफ किया जाना है। बस, कार व अन्य दुपहिया वाहन पार्किंग के लिए स्टेशन के सामने अधिक स्थान छोड़ा जाना भी प्रस्तावित है और वाहनों के प्रवेश व निकासी का मार्ग अलग-अलग होगा ताकि वाहन पार्किंग में परेशानी नहीं हो। कुल बजट में से स्टेशन भवन के विद्युतीकरण पर 2.2 करोड़ व फर्नीचर निर्माण पर 10 लाख रुपए खर्च किए जाने हैं। इसके अलावा छह हजार वर्ग फीट में फूड प्लाजा बनाई जानी है। इसमें 100 व्यक्तियों के एक साथ बैठकर खाने की व्यवस्था होगी। नया भवन तैयार होने के बाद शारीरिक रूप से नि:शक्त लोगों को एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने में दिक्कत नहीं हो इसके लिए नए भवन में रेम्प सुविधा भी की जानी है लेकिन फिलहाल अपग्रेडेशन का काम बंद पड़ा है। भवन में १0 आरक्षण काउंटर, सामान्य प्रतीक्षालय, महिला प्रतीक्षालय, ऑटोमेटिक टिकट हेंडलिंग मशीन, वीआईपी प्रतीक्षालय बनाया जाना है।
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रेल बजट के बाद फंड मिलने की संभावना
जरूरी कोष की कमी से हुबली रेलवे स्टेशन के अपगे्रडेशन का काम रुका हुआ है। नए रेल बजट के बाद अप्रेल में फंड मिलने की संभावना है। उसके बाद ही इसका काम शुरू हो पाएगा।
-पी.समीर बाशा, मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी, दपरे
मेरे बारे में
- Dharmendra Gaur
- Nagaur, Rajasthan, India
- नागौर जिले के छोटे से गांव भूण्डेल से अकेले ही चल पड़ा मंजिल की ओर। सफर में भले ही कोई हमसफर नहीं रहा लेकिन समय-समय पर पत्रकारिता जगत में बड़े-बुजुर्गों,जानकारों व शुभचिंतकों की दुआ व मार्गदर्शन मिलता रहा। उनके मार्गदर्शन में चलते हुए तंग,संकरी गलियों व उबड़-खाबड़ रास्तों में आने वाली हर बाधा को पार कर पहुंच गया गार्डन सिटी बेंगलूरु। पत्रकारिता में बीजेएमसी करने के बाद वहां से प्रकाशित एक हिन्दी दैनिक के साथ जुड़कर पत्रकारिता का क-क-ह-रा सीखा और वहां से पहुंच गए राजस्थान की सिरमौर राजस्थान पत्रिका में। वहां लगभग दो साल तक काम करने के बाद पत्रिका हुबली में साढ़े चार साल उप सम्पादक के रूप में जिम्मेदारी का निर्वहन करने के बाद अब नागौर में ....
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