-भव्य वरघोड़ा निकाला
आचार्य विजय अजीतशेखर सूरीश्वर ने किया चातुर्मासार्थ प्रवेशहुबली। आचार्य विजय अजीत शेखरसूरीश्वर आदि ठाणा एवं साध्वी चारित्रवर्धनाश्री आदि ठाणा ने सोमवार को संसघ कंचगार गली स्थित जैन उपाश्रय में चातुर्मासार्थ प्रवेश किया। इस उपलक्ष्य में सुबह मधु वन, कोप्पीकर रोड से भव्य वरघोड़ा निकाला गया। आचार्य व साध्वी वरघोड़े के साथ कंचगार गली स्थित जैन उपाश्रय में प्रवेश किया। आचार्य ने वहां पर उपस्थित श्रद्धालुओं को चातुर्मास के समय को श्रेष्ठ समय बताते हुए इस अवधि में धर्म ध्यान करने का आग्रह किया। गब्बूर स्थित पाश्र्व पद्मालय में आयोजित दीक्षा कार्यक्रम में निश्रा प्रदान करने रवाना हो गए। आचार्य के शिष्य पंन्यास विमलबोधि विजय, मुनि ज्ञानशेखर विजय ऊॅंकारशेखरविजय सहित अन्य मुनि, साध्वी ज्योतिवर्धनाश्री, हर्षज्योतिश्री, मौनज्योतिश्री, विमलज्योतिश्री, दक्षज्योतिश्री, कृपा ज्योतिश्री, अर्हंज्योतिश्री व रत्नज्योतिश्री आदि भी मंगल प्रवेश मेंं उनके साथ थे। वरघोड़े में स्थानीय श्री जैन मरुधर संघ के ट्रस्टी, पदाधिकारी व सदस्य, श्रीअलबेला भक्ति कल्याण मंडल, बहु मंडल, रेवती मंडल, होसूर महिला मंडल, महावीर यूथ फेडरेशन, चंदनबाला मंडल सहित अनेक मंडलों व संघ-संस्थाओं के पदाधिकारियों व सदस्यों का सक्रिय सहयोग रहा। वरघोड़े में मुम्बई, चेन्नई, राजस्थान व कर्नाटक के हावेरी,दावणगेरे, हरिहर, राणेबेन्नूर,बेंगलूरु सहित अनेक शहरों व शहर की अनेक सभा-संस्थाओं के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।
हुबली में सोमवार को चातुर्मासार्थ प्रवेश कर रहे आचार्य विजय अजीत शेखर सूरीश्वर म.सा. की अगवानी करते श्रद्धालु।
साध्वी अशोकश्री ने किया चातुर्मास प्रवेश
हुबली। साध्वी अशाोकश्री आदि ठाणा-चार ने सोमवार को स्थानीय तेरापंथ सभा भवन में जुलूस के रूप में मंगल प्रवेश किया। जुलूस भवन पहुंचकर धर्मसभा में बदल गया। वहां पर श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए साध्वी ने कहा कि गुरु की कृपा से असहाय भी पहाड़ पर चढ़ सकता है, मूक बोलने लगता है और बधिर सुनने लगता है। गुरु की असीम कृपा से ही व्यक्ति अज्ञानी से ज्ञानी बन सकता है। इस अवसर पर सभा ने साध्वी वृंद का स्वागत किया। तेरापंथ महासभा के उपाध्यक्ष व अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य प्यारे लाल पितलिया, हुबली मूर साविर मठ के गुरु सिद्धेश्वर राजयोगीन्द्र महास्वामी, उत्तर कर्नाटक एरिया सेवा समिति के अध्यक्ष धनराज तातेड़ व महामंत्री केवलचंद बाफना मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। किशोर मंडल द्वारा महावीर स्तुति से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। सभा के उपाध्यक्ष पारसमल बाफणा ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर अतिथियों,अमृत संसद के रावतमल गोठी, सभा अध्यक्ष मांगीलाल बडेरा, पूर्व अध्यक्ष सोहनलाल कोठारी, तेयुप के अध्यक्ष रतनलाल बागरेचा, महिला मंडल अध्यक्ष मंजुदेवी वेदमूथा, ज्ञान शाला संयोजिका कंकुबाई लूंकड़,पारसमल बोहरा, महावीर कोठारी विशेष रूप से उपस्थित थे। हिरियूर सभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष उदयराज चौपड़ा को प्यारे लाल पितलिया ने शपथ ग्रहण कराई। तेरापंथ सभा, तेरापंथ युवक परिषद,तेरापंथ महिला मंडल,कन्या मंडल,किशोर मंडल एवं ज्ञानशाला के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं एवं हिरियूर, चित्रदुर्गा, दावणगेरे, हरिहर, राणेबेन्नूर, हावेरी आदि शहरों से श्रद्धालुओं ने भी शिरकत की।
हुबली में सोमवार को तेरापंथ सभा भवन में चातुर्मासार्थ प्रवेश कर सभा को संबोधित करतीं साध्वी अशोकश्री।
आचार्य विजयराज ने किया चातुर्मास प्रवेश
होसपेट। जैन धर्म की जय, वंदे वीरम् जय महावीरम्,आचार्य भगवंत की जय के गगनभेदी नारों के बीच आचार्य विजयराज म.सा.ने चातुर्मास प्रवेश किया। आचार्य विजयराज अपने शिष्य अजीत मुनि, विनोद मुनि, नवीनप्रज्ञ मुनि, कौशल मुनि व आलेख मुनि के साथ राज्य के अलावा महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश, आन्ध्रप्रदेश, तमिलनाडु से आए सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में श्री आदिनाथ जैन धर्मशाला में चातुर्मासार्थ प्रवेश किया। शोभायात्रा में गणवेशधारी महावीर मित्र मंडल के युवा,नवकार बालिका मंडल की बालिकाएं व महिला मंडल की महिलाएं आकर्षण का केन्द्र बने हुएथे। होसपेट के इतिहास में यह पहला मौका था जब चातुर्मास प्रवेश के मौके पर इतनी संख्या में श्रद्धालुओं को सैलाब उमड़ पड़ा। मंगल प्रवेश के मंगल प्रसंग पर साध्वी प्रभावती, साध्वी मयंकमणी,साध्वी अभिलाषा,साध्वी युगप्रभा,साध्वी पराक्रमश्री ने जैनाचार्य की अगवानी की। शोभायात्रा नवकानगर से हम्पी रोड, मैन बाजार से धर्मशाला पहुंचने के बाद के.एल.एस चोल्ट्री पहुंचकर धर्मसभा में बदल गई। वहां पर जैनाचार्य ने कहा कि आज भोग व आधुनिकता की आंधी में चरित्र के मूल्य बदल रहे हैं। मानवीय संवेदनाएं खत्म हो रही है। चरम विकास को पाने की ललक व गलाकाट प्रतिस्पर्धाने भारतीय मानदंडों को न केवल पीछे धकेला है बल्कि छिन-भिन्न कर दिया है। उन्होंने कहा कि इंसानी रिश्ते तो बिखर ही रहे हैं साथ ही मानवीय संवेदनाएं दम तोड़ रही है। अजीत मुनि, विनोद मुनि,नवीनप्रज्ञ व साध्वी युगप्रभा ने श्रद्धालुओं को संबोधित किया। महिला मंडल व नवकार बालिका मंडल ने मंगलाचरण किया। साध्वी मंडल ने शुभ मंगल हो शुभ मंगल हो गीत व विनय कानूगा ने भक्ति गीत प्रस्तुत किया। श्री आदिनाथ जैन श्वेताम्बर संघ के अध्यक्ष बसंतकुमार पालरेचा ने स्वागत किया व आचार्य श्रीविजय चातुर्मास व्यवस्था समिति के उप चेयरमैन मगनलाल सोलंकी ने जैनाचार्य का चातुर्मास सफल व ऐतिहासिक बनाने की अपील की। परसमल बोथरा बीजापुर,तेजमल बेताला बागलकोट, छगनलाल श्रीश्रीमाल बेल्लारी,बाबुलाल भूरट होसपेट ने चातुर्मास की महत्ता पर प्रकाश डाला। नवकार बालिका मंडल ने नाट्य प्रस्तुति दी। श्री अखिल भारतीय साधुमार्गी शांत क्रंाति संघ के राष्ट्रीय महामंत्री शांतिलाल कोठारी,चेन्नई ने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर जैनाचार्य द्वारा लिखित 'शिष्य ने पूछाÓ पुस्तक का विमोचन भी किया गया। पुस्तक प्रकाशन में सहयोगी चेन्नई निवासी जवरीलाल बोहरा का स्वागत किया गया। कार्यक्रम में श्री अखिल भारतीय साधुमार्गी शांत क्रंाति संघ के अध्यक्ष धर्मीचंद कोठारी,पूर्व अध्यक्ष प्रेमचंद सोमावत,मदन लाल लुंकड़ आदि भी उपस्थित थे। स्वामी वात्सल्य का आयोजन भंवरलाल गौतम चंद सुरेश कुमार भंसाली परिवार की ओर से किया गया। पुुखराज बाफणा व अशोक मोदी ने संचालन किया।
होसपेट में सोमवार को आचार्य विजयराज मसा.के चातुर्मास प्रवेश के अवसर पर आयोजित वरघोड़े में आचार्य वृंद के साथ श्रद्धालु।
मेरे बारे में
- Dharmendra Gaur
- Nagaur, Rajasthan, India
- नागौर जिले के छोटे से गांव भूण्डेल से अकेले ही चल पड़ा मंजिल की ओर। सफर में भले ही कोई हमसफर नहीं रहा लेकिन समय-समय पर पत्रकारिता जगत में बड़े-बुजुर्गों,जानकारों व शुभचिंतकों की दुआ व मार्गदर्शन मिलता रहा। उनके मार्गदर्शन में चलते हुए तंग,संकरी गलियों व उबड़-खाबड़ रास्तों में आने वाली हर बाधा को पार कर पहुंच गया गार्डन सिटी बेंगलूरु। पत्रकारिता में बीजेएमसी करने के बाद वहां से प्रकाशित एक हिन्दी दैनिक के साथ जुड़कर पत्रकारिता का क-क-ह-रा सीखा और वहां से पहुंच गए राजस्थान की सिरमौर राजस्थान पत्रिका में। वहां लगभग दो साल तक काम करने के बाद पत्रिका हुबली में साढ़े चार साल उप सम्पादक के रूप में जिम्मेदारी का निर्वहन करने के बाद अब नागौर में ....
जुलाई 19, 2010
संयम की राह पर
-तीन बहनों ने ली दीक्षा
-पाश्र्व पद्मालय में उमड़ा जन सैलाब
हुबली-बेंगलूरु राजमार्ग पर सोमवार को गब्बूर स्थित पाश्र्व पद्मालय में बने पांडाल में आचार्य विजय अजीत शेखरसूरीश्वर ने जैसे ही तीन मुमुक्षुओं को दीक्षा प्रदान कर संघ में शामिल करने की घोषणा की, विशाल पांडाल श्रद्धालुओं के हर्ष-हर्ष, जय-जय व दीक्षार्थी अमर रहे के नारों से गुंजायमान हो गया। मुमुक्षु बहनों ने दीक्षा से पूर्व रंग-बिरंगे वस्त्रों का त्याग किया। बाद में वे पांडाल में ओघा लेकर और श्वेत वस्त्र पहनकर आचार्य के समक्ष उपस्थित हुईं। आचार्य ने मंत्रोच्चार के साथ उनको दीक्षा प्रदान की। उनके पांडाल में पहुंंचते ही सभागार में मौजूद श्रद्धालुओं ने करबद्ध होकर उनका अभिवादन किया। स्थानीय श्री जैन मरुधर संघ के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में आचार्य ने शुभ वेला में परिजनों की आज्ञा व दीक्षार्थियों की अनुमति लेकर दीक्षा देकर तीन मुमुक्षु बहनों को जैन साधु-संतों व बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं की मौजूदगी में धार्मिक रस्मों रिवाज के बीच सांसारिक बंधन छोड़ वैराग्य की राह बताई। केशलोचन साध्वी वृंद ने करवाया।
सहमति मांगी, सहर्ष स्वीकारा
संघ की उपस्थिति में दीक्षा का विधान प्रारंभ करते हुए आचार्य ने सबसे पहले संयमी जीवन की विषमताओं, कठिनाइयों को समझाते हुए मुमुक्षुओं से सहमति मांगी, इसे उन्होंनेे सहर्ष स्वीकारा। इसके बाद उनके परिवार के सदस्यों ने सहमति जताई। संघ के तत्वावधान में ताराचंद सुरेश कुमार वैदमूथा, किरण कुमार कंातिलाल मुठलिया, रमेश कुमार मोहनलाल सौलंकी परिवार की ओर से गब्बूर स्थित श्री पाश्र्व पद्मालय तीर्थ में आचार्य विजय अजीत शेखरसूरीश्वर के मुखारविंद से दीक्षा हुई। सुबह मुहूर्त में आचार्य ने संयम अंगीकार करवाकर श्रावक-श्राविकाओं को संयमी जीवन की महत्ता के बारे में बताया। कार्यक्रम के प्रारंभ में दीक्षार्थी बहनों ने गुरु पूजन कर तीनों दीक्षार्थियों ने एक दूसरे को बधावणी दी व परमात्मा को स्वर्णाभूषणों की भेंट दी।
मिली नई पहचान
आचार्य ने सांसारिक नामों को बदलकर साध्वी जीवन में नई पहचान के लिए मुमुक्षु रीचा को साध्वी विधि ज्योतिश्री, मुमुक्षु सनम को नम्र ज्योतिश्री व मुमुक्षु हेमलता को साध्वी तारा ज्योतिश्री नाम दिया। सम्पूर्ण दीक्षा विधि कार्यक्रम का महत्वपूर्ण कही जानी वाली नामकरण विधि में तीनों दीक्षार्थियों के नामकरण का लाभ लेने वाले परिवारों द्वारा आचार्य वृंद व दीक्षार्थियों के परिवारजनों की अनुमोदना के बाद श्रद्धालुओं के बीच संयम जीवन के नामों की घोषणा करते ही पांडाल तालियों की गडग़ड़ाहट व णमोकार मंत्र की ध्वनि से वातावरण धर्ममय हो गया। पूर्व में दीक्षार्थियों के आग्रह पर आचार्य ने नंदी सूत्र का वाचन किया। आचार्य ने दीक्षार्थियों के परिजनों की अनुमति से जीव दया का प्रतीक रजोहरण (ओघा) नवदीक्षित दीक्षार्थियों को दिया।
इनका भी मिला सान्निध्य
आचार्य के शिष्य पन्न्यास विमलबोधि विजय, मुनि ज्ञानशेखर विजय ऊॅंकार शेखरविजय सहित अन्य मुनि, साध्वी ज्योतिवर्धनाश्री, हर्षज्योतिश्री, मौन ज्योतिश्री, विमल ज्योतिश्री, दक्षज्योतिश्री, कृपा ज्योतिश्री, अर्हंज्योतिश्री व रत्नज्योतिश्री आदि का भी सान्निध्य रहा। कार्यक्रम को सफल बनाने में समाज के महावीर यूथ फेडरेशन, श्रीअलबेला भक्ति कल्याण मंडल, बहु मंडल, रेवती मंडल, होसूर महिला मंडल,चंदनबाला मंडल सहित कई मंडलों व संघ-संस्थाओं के पदाधिकारियों व सदस्यों का सक्रिय सहयोग रहा। कार्यक्रम में मुम्बई, चेन्नई शहरों की अनेक सभा-संस्थाओं के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।
भक्ति रस की धारा
दीक्षा महोत्सव में युवाओं में उत्साह देखते ही बन रहा था। वाद्य यंत्रों पर सुमधुर संगीत की धुन पर श्रद्धालु अपने स्थान पर झूमते नजर आए। दीक्षार्थी अमर रहो, दीक्षार्थी नो जय जयकार.., गुरुजी बड़े ज्ञानी सुना रहे वाणी..., सुना है शरणागत को अपने गले लगाते हो... सहित अनेक गीतों की प्रस्तुति से भक्ति रस की गंगा बहाई। इससे पूर्व रविवार शाम को सात बजे दीक्षार्थी एवं परिवारजनों का श्री संघ की ओर से संघ के ट्रस्टियों, पदाधिकारियों व सदस्यों ने सम्मान कर दीक्षार्थियों को विदाई दी। इस अवसर पर चेन्नई से सुरेश भाई विशेष रूप से आए हुए थे। संघ की ओर से विक्रम गुरुजी,अरविंद गुरुजी व अनिल भाई गुरुजी का सम्मान किया गया। संगीतकार अरविंद भाई सी.जैन एवं पार्टी संगीत की रमझट के साथ दीक्षा कार्यक्रम को यादगार बनाया। हुबली के विक्रम भाई ने दीक्षा विधि विधान कराया। हैदराबाद से आए मुकेश भाई ने कार्यक्रम का संचालन किया।
-पाश्र्व पद्मालय में उमड़ा जन सैलाब
हुबली-बेंगलूरु राजमार्ग पर सोमवार को गब्बूर स्थित पाश्र्व पद्मालय में बने पांडाल में आचार्य विजय अजीत शेखरसूरीश्वर ने जैसे ही तीन मुमुक्षुओं को दीक्षा प्रदान कर संघ में शामिल करने की घोषणा की, विशाल पांडाल श्रद्धालुओं के हर्ष-हर्ष, जय-जय व दीक्षार्थी अमर रहे के नारों से गुंजायमान हो गया। मुमुक्षु बहनों ने दीक्षा से पूर्व रंग-बिरंगे वस्त्रों का त्याग किया। बाद में वे पांडाल में ओघा लेकर और श्वेत वस्त्र पहनकर आचार्य के समक्ष उपस्थित हुईं। आचार्य ने मंत्रोच्चार के साथ उनको दीक्षा प्रदान की। उनके पांडाल में पहुंंचते ही सभागार में मौजूद श्रद्धालुओं ने करबद्ध होकर उनका अभिवादन किया। स्थानीय श्री जैन मरुधर संघ के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में आचार्य ने शुभ वेला में परिजनों की आज्ञा व दीक्षार्थियों की अनुमति लेकर दीक्षा देकर तीन मुमुक्षु बहनों को जैन साधु-संतों व बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं की मौजूदगी में धार्मिक रस्मों रिवाज के बीच सांसारिक बंधन छोड़ वैराग्य की राह बताई। केशलोचन साध्वी वृंद ने करवाया।
सहमति मांगी, सहर्ष स्वीकारा
संघ की उपस्थिति में दीक्षा का विधान प्रारंभ करते हुए आचार्य ने सबसे पहले संयमी जीवन की विषमताओं, कठिनाइयों को समझाते हुए मुमुक्षुओं से सहमति मांगी, इसे उन्होंनेे सहर्ष स्वीकारा। इसके बाद उनके परिवार के सदस्यों ने सहमति जताई। संघ के तत्वावधान में ताराचंद सुरेश कुमार वैदमूथा, किरण कुमार कंातिलाल मुठलिया, रमेश कुमार मोहनलाल सौलंकी परिवार की ओर से गब्बूर स्थित श्री पाश्र्व पद्मालय तीर्थ में आचार्य विजय अजीत शेखरसूरीश्वर के मुखारविंद से दीक्षा हुई। सुबह मुहूर्त में आचार्य ने संयम अंगीकार करवाकर श्रावक-श्राविकाओं को संयमी जीवन की महत्ता के बारे में बताया। कार्यक्रम के प्रारंभ में दीक्षार्थी बहनों ने गुरु पूजन कर तीनों दीक्षार्थियों ने एक दूसरे को बधावणी दी व परमात्मा को स्वर्णाभूषणों की भेंट दी।
मिली नई पहचान
आचार्य ने सांसारिक नामों को बदलकर साध्वी जीवन में नई पहचान के लिए मुमुक्षु रीचा को साध्वी विधि ज्योतिश्री, मुमुक्षु सनम को नम्र ज्योतिश्री व मुमुक्षु हेमलता को साध्वी तारा ज्योतिश्री नाम दिया। सम्पूर्ण दीक्षा विधि कार्यक्रम का महत्वपूर्ण कही जानी वाली नामकरण विधि में तीनों दीक्षार्थियों के नामकरण का लाभ लेने वाले परिवारों द्वारा आचार्य वृंद व दीक्षार्थियों के परिवारजनों की अनुमोदना के बाद श्रद्धालुओं के बीच संयम जीवन के नामों की घोषणा करते ही पांडाल तालियों की गडग़ड़ाहट व णमोकार मंत्र की ध्वनि से वातावरण धर्ममय हो गया। पूर्व में दीक्षार्थियों के आग्रह पर आचार्य ने नंदी सूत्र का वाचन किया। आचार्य ने दीक्षार्थियों के परिजनों की अनुमति से जीव दया का प्रतीक रजोहरण (ओघा) नवदीक्षित दीक्षार्थियों को दिया।
इनका भी मिला सान्निध्य
आचार्य के शिष्य पन्न्यास विमलबोधि विजय, मुनि ज्ञानशेखर विजय ऊॅंकार शेखरविजय सहित अन्य मुनि, साध्वी ज्योतिवर्धनाश्री, हर्षज्योतिश्री, मौन ज्योतिश्री, विमल ज्योतिश्री, दक्षज्योतिश्री, कृपा ज्योतिश्री, अर्हंज्योतिश्री व रत्नज्योतिश्री आदि का भी सान्निध्य रहा। कार्यक्रम को सफल बनाने में समाज के महावीर यूथ फेडरेशन, श्रीअलबेला भक्ति कल्याण मंडल, बहु मंडल, रेवती मंडल, होसूर महिला मंडल,चंदनबाला मंडल सहित कई मंडलों व संघ-संस्थाओं के पदाधिकारियों व सदस्यों का सक्रिय सहयोग रहा। कार्यक्रम में मुम्बई, चेन्नई शहरों की अनेक सभा-संस्थाओं के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।
भक्ति रस की धारा
दीक्षा महोत्सव में युवाओं में उत्साह देखते ही बन रहा था। वाद्य यंत्रों पर सुमधुर संगीत की धुन पर श्रद्धालु अपने स्थान पर झूमते नजर आए। दीक्षार्थी अमर रहो, दीक्षार्थी नो जय जयकार.., गुरुजी बड़े ज्ञानी सुना रहे वाणी..., सुना है शरणागत को अपने गले लगाते हो... सहित अनेक गीतों की प्रस्तुति से भक्ति रस की गंगा बहाई। इससे पूर्व रविवार शाम को सात बजे दीक्षार्थी एवं परिवारजनों का श्री संघ की ओर से संघ के ट्रस्टियों, पदाधिकारियों व सदस्यों ने सम्मान कर दीक्षार्थियों को विदाई दी। इस अवसर पर चेन्नई से सुरेश भाई विशेष रूप से आए हुए थे। संघ की ओर से विक्रम गुरुजी,अरविंद गुरुजी व अनिल भाई गुरुजी का सम्मान किया गया। संगीतकार अरविंद भाई सी.जैन एवं पार्टी संगीत की रमझट के साथ दीक्षा कार्यक्रम को यादगार बनाया। हुबली के विक्रम भाई ने दीक्षा विधि विधान कराया। हैदराबाद से आए मुकेश भाई ने कार्यक्रम का संचालन किया।
वर्षीदान वरघोड़े में झलकी श्रद्धा
-आज होगी तीन दीक्षा
हुबली|गगन मंडल में गंूजते जैनं जयति शासनम, जिन शासन अमर रहे के उद्घोषों के बीच हाथों में पंचरगी ध्वज थामे नन्हे बालकों व बेंड की मधुर धुनों पर थिरकते युवाओं में जोश देखते ही बन रहा था। रविवार को शहर में कुछ ऐसा ही नजारा मुमुक्षु रीचा, सनम व हेमलता की दीक्षा के निमित्त आयोजित वरघोड़े में देखने को मिला। आचार्य विजय अजीतशेखरसूरीश्वर आदि ठाणा एवं साध्वी चारित्रवर्धनाश्री आदि ठाणा के सान्निध्य में सोमवार को सांसारिक मोह माया का त्याग कर वैराग्य के मार्ग पर चलने वाली मुमुक्षु रीचा, सनम व हेमलता मुमुक्षु बहनों के दीक्षा की उपलक्ष्य में आयोजित भव्य वर्षीदान वरघोड़े में उत्साह व जोश से सराबोर श्रद्धालु जिन शासन की शोभा बढ़ा रहे थे।
मुक्त हस्त से किया वर्षीदान
स्थानीय श्रीजैन मरुधर संघ के तत्वावधान में ताराचंद सुरेश कुमार वैदमूथा, किरण कुमार कंातिलाल मुठलिया, रमेश कुमार मोहनलाल सौलंकी परिवार की ओर से गब्बूर स्थित श्री पाश्र्व पद्मालय तीर्थ में आयोजित दीक्षा के उपलक्ष्य में दीक्षा कार्यक्रम के सातवें दिन रविवार को मुमुक्षुओं का वर्षीदान का भव्य वरघोड़ा सुबह आठ बजे शांतिनाथ जैन मंदिर से शुरू हुआ। यह शहर के विभिन्न सड़क मार्गों से होते हुए वापस शांतिनाथ जैन मंदिर पहुंचकर धर्मसभा में बदल गया। कार्यक्रम के बाद स्वामी वात्सल्य का आयोजन किया गया। रथ में सवार मुमुक्षों बहनों से वरघोड़े में दोनों हाथों ने से वर्षीदान कर सांसारिक मोह के प्रति अपनी विरक्ति का भाव प्रकट किया।
फिजां में जयकारों की गंूज
अभिनिष्क्रमण यात्रा (वरघोड़े) में मुमुक्षुओं के अलावा लाभार्थी परिवारों के सदस्य भी रथ में हाथ जोड़े बैठे थे। कर्नाटक प्रदेश के विभिन्न शहरों के अलावा राजस्थान सहित अन्य राज्यों से आए जैन समाज के लोगों का रविवार को जोश देखने लायक था। वर घोड़े के दौरान समाज के लोग धार्मिक गीतों पर झूमते गाते चल रहे थे। दीक्षार्थी अमर रहो, दीक्षार्थी नो जयजयकार...की प्रस्तुति पर युवा झूमे बिना नहीं रह सके। इसके अलावा संयम का ये पथ बहना...बीरा ई अवसर बैगा आवजो....पंछिड़ा ओ पंछिड़ा......सहित अनेक गीतों पर श्रद्धालु नाचते गाते चल रहे थे। गुरुजी हमारो अन्तर्नाद हमने आपो आशीर्वाद, जिन शासन अमर रहे दीक्षार्थी अमर रहे आदि जयकारे युवतियां लगा रहीं थीं। वरघोड़े में समाज के हर आयु वर्ग के लोग शामिल हुए जिनमें नन्हें बालक व बुजुर्ग भी उत्साह से लबरेज दिखाई दिए।
दो संस्कृतियों का मिलन
वरघोड़े में कर्नाटक के वाद्य यंत्रों के साथ राजस्थान के परंपरागत ढोल की थाप पर युवक-युवतियों थिरकते आगे बढ़ रहेथे। परंपरागत परिधानों में सजी-युवतियों व महिलाओं ने मानो हुबली में राजस्थानी संस्कृति को साकार कर दिया। हाथी, घोड़ों व बैलगाड़ी पर सवार श्रद्धालु व मुुमुक्षु मार्ग में हाथ जोड़कर समाज के लोगों का अभिवादन स्वीकार कर रहे थे। शाम को सात बजे दीक्षार्थी एवं परिवारजनों का श्री संघ की ओर से संघ के ट्रस्टियों, पदाधिकारियों व सदस्यों ने सम्मान कर दीक्षार्थियों को विदाई दी।
आज से संयम की राह पर
गब्बूर स्थित पाश्र्व पद्मालय में सोमवार को शहर में पहली बार तीन मुमुक्षु बहनें जैन साधु-संतों की मौजूदगी में धार्मिक रस्मों रिवाज के बीच सांसारिक बंधन छोड़ वैराग्य की राह पकड़ेगी। आचार्य व साध्वी वृंद की निश्रा में सुबह ८.१५ बजे मुमुुक्षुओं की दीक्षा विधि प्रारंभ होगी। कार्यक्रम में आचार्य विजय अजीत शेखरसूरीश्वर के शिष्य पंन्यास विमलबोधि विजय, मुनि ज्ञानशेखरविजय ऊॅंकारशेखरविजय सहित अन्य मुनि, साध्वी ज्योतिवर्धनाश्री, हर्षज्योतिश्री, मौनज्योतिश्री, विमलज्योतिश्री, दक्षज्योतिश्री, कृपा ज्योतिश्री, अर्हंज्योतिश्री व रत्नज्योतिश्री आदि भी सान्निध्य प्रदान करेंगे।
समाज ने दिखाई एकजुटता
हुबली के इतिहास में पहली बार एक साथ हो रही तीन दीक्षाओं के कार्यक्रम में समाज ने एकजुटता का परिचय देते हुए सुबह प्रतिष्ठान बंद रख वरघोड़ेे में शिरकत की। विभिन्न संघोंं, बहु मंडल,नवयुवक मंडलों,बालिका मंडल,युवक-युवती मंडल सहित अन्य मंडलों ने वरघोड़े में व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग दिया। युवतियों ने वरघोड़े के मार्ग में बनाई गई सुदंर रंगोली आकर्षण का केन्द्र बनी हुईं थीं। कार्यक्रम में श्री जैन मरुधर संघ के ट्रस्टी,पदाधिकारियों सहित समाज के अन्य संघ-संस्थाओं के गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
आचार्यवृंद का चातुर्मास प्रवेश आज
आचार्य विजय अजीत शेखरसूरीश्वर आदि ठाणा एवं साध्वी चारित्रवर्धनाश्री आदि ठाणा संसघ कंचगार गली स्थित जैन उपाश्रय में सोमवार सुबह चातुर्मासार्थ प्रवेश करेंगे। इस उपलक्ष्य में सुबह छह बजे कोप्पीकर रोड से भव्य वरघोड़ा निकाला जाएगा। आचार्य व साध्वी वरघोड़े के साथ कंचगार गली स्थित जैन उपाश्रय में प्रवेश कर गब्बूर स्थित पाश्र्व पद्मालय में दीक्षा कार्यक्रम में निश्रा प्रदान करेंगे।
हुबली में रविवार को श्री जैन मरुधर संघ के तत्वावधान में दीक्षा निमित्त आयोजित वरघोड़े में वर्षीदान करतीं दीक्षार्थी रीचा, सनम व हेमलता।
हुबली में श्री जैन मरुधर संघ के तत्वावधान में रविवार को दीक्षा निमित्त आयोजित वरघोड़े में उमड़े श्रद्धालु।
हुबली|गगन मंडल में गंूजते जैनं जयति शासनम, जिन शासन अमर रहे के उद्घोषों के बीच हाथों में पंचरगी ध्वज थामे नन्हे बालकों व बेंड की मधुर धुनों पर थिरकते युवाओं में जोश देखते ही बन रहा था। रविवार को शहर में कुछ ऐसा ही नजारा मुमुक्षु रीचा, सनम व हेमलता की दीक्षा के निमित्त आयोजित वरघोड़े में देखने को मिला। आचार्य विजय अजीतशेखरसूरीश्वर आदि ठाणा एवं साध्वी चारित्रवर्धनाश्री आदि ठाणा के सान्निध्य में सोमवार को सांसारिक मोह माया का त्याग कर वैराग्य के मार्ग पर चलने वाली मुमुक्षु रीचा, सनम व हेमलता मुमुक्षु बहनों के दीक्षा की उपलक्ष्य में आयोजित भव्य वर्षीदान वरघोड़े में उत्साह व जोश से सराबोर श्रद्धालु जिन शासन की शोभा बढ़ा रहे थे।
मुक्त हस्त से किया वर्षीदान
स्थानीय श्रीजैन मरुधर संघ के तत्वावधान में ताराचंद सुरेश कुमार वैदमूथा, किरण कुमार कंातिलाल मुठलिया, रमेश कुमार मोहनलाल सौलंकी परिवार की ओर से गब्बूर स्थित श्री पाश्र्व पद्मालय तीर्थ में आयोजित दीक्षा के उपलक्ष्य में दीक्षा कार्यक्रम के सातवें दिन रविवार को मुमुक्षुओं का वर्षीदान का भव्य वरघोड़ा सुबह आठ बजे शांतिनाथ जैन मंदिर से शुरू हुआ। यह शहर के विभिन्न सड़क मार्गों से होते हुए वापस शांतिनाथ जैन मंदिर पहुंचकर धर्मसभा में बदल गया। कार्यक्रम के बाद स्वामी वात्सल्य का आयोजन किया गया। रथ में सवार मुमुक्षों बहनों से वरघोड़े में दोनों हाथों ने से वर्षीदान कर सांसारिक मोह के प्रति अपनी विरक्ति का भाव प्रकट किया।
फिजां में जयकारों की गंूज
अभिनिष्क्रमण यात्रा (वरघोड़े) में मुमुक्षुओं के अलावा लाभार्थी परिवारों के सदस्य भी रथ में हाथ जोड़े बैठे थे। कर्नाटक प्रदेश के विभिन्न शहरों के अलावा राजस्थान सहित अन्य राज्यों से आए जैन समाज के लोगों का रविवार को जोश देखने लायक था। वर घोड़े के दौरान समाज के लोग धार्मिक गीतों पर झूमते गाते चल रहे थे। दीक्षार्थी अमर रहो, दीक्षार्थी नो जयजयकार...की प्रस्तुति पर युवा झूमे बिना नहीं रह सके। इसके अलावा संयम का ये पथ बहना...बीरा ई अवसर बैगा आवजो....पंछिड़ा ओ पंछिड़ा......सहित अनेक गीतों पर श्रद्धालु नाचते गाते चल रहे थे। गुरुजी हमारो अन्तर्नाद हमने आपो आशीर्वाद, जिन शासन अमर रहे दीक्षार्थी अमर रहे आदि जयकारे युवतियां लगा रहीं थीं। वरघोड़े में समाज के हर आयु वर्ग के लोग शामिल हुए जिनमें नन्हें बालक व बुजुर्ग भी उत्साह से लबरेज दिखाई दिए।
दो संस्कृतियों का मिलन
वरघोड़े में कर्नाटक के वाद्य यंत्रों के साथ राजस्थान के परंपरागत ढोल की थाप पर युवक-युवतियों थिरकते आगे बढ़ रहेथे। परंपरागत परिधानों में सजी-युवतियों व महिलाओं ने मानो हुबली में राजस्थानी संस्कृति को साकार कर दिया। हाथी, घोड़ों व बैलगाड़ी पर सवार श्रद्धालु व मुुमुक्षु मार्ग में हाथ जोड़कर समाज के लोगों का अभिवादन स्वीकार कर रहे थे। शाम को सात बजे दीक्षार्थी एवं परिवारजनों का श्री संघ की ओर से संघ के ट्रस्टियों, पदाधिकारियों व सदस्यों ने सम्मान कर दीक्षार्थियों को विदाई दी।
आज से संयम की राह पर
गब्बूर स्थित पाश्र्व पद्मालय में सोमवार को शहर में पहली बार तीन मुमुक्षु बहनें जैन साधु-संतों की मौजूदगी में धार्मिक रस्मों रिवाज के बीच सांसारिक बंधन छोड़ वैराग्य की राह पकड़ेगी। आचार्य व साध्वी वृंद की निश्रा में सुबह ८.१५ बजे मुमुुक्षुओं की दीक्षा विधि प्रारंभ होगी। कार्यक्रम में आचार्य विजय अजीत शेखरसूरीश्वर के शिष्य पंन्यास विमलबोधि विजय, मुनि ज्ञानशेखरविजय ऊॅंकारशेखरविजय सहित अन्य मुनि, साध्वी ज्योतिवर्धनाश्री, हर्षज्योतिश्री, मौनज्योतिश्री, विमलज्योतिश्री, दक्षज्योतिश्री, कृपा ज्योतिश्री, अर्हंज्योतिश्री व रत्नज्योतिश्री आदि भी सान्निध्य प्रदान करेंगे।
समाज ने दिखाई एकजुटता
हुबली के इतिहास में पहली बार एक साथ हो रही तीन दीक्षाओं के कार्यक्रम में समाज ने एकजुटता का परिचय देते हुए सुबह प्रतिष्ठान बंद रख वरघोड़ेे में शिरकत की। विभिन्न संघोंं, बहु मंडल,नवयुवक मंडलों,बालिका मंडल,युवक-युवती मंडल सहित अन्य मंडलों ने वरघोड़े में व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग दिया। युवतियों ने वरघोड़े के मार्ग में बनाई गई सुदंर रंगोली आकर्षण का केन्द्र बनी हुईं थीं। कार्यक्रम में श्री जैन मरुधर संघ के ट्रस्टी,पदाधिकारियों सहित समाज के अन्य संघ-संस्थाओं के गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
आचार्यवृंद का चातुर्मास प्रवेश आज
आचार्य विजय अजीत शेखरसूरीश्वर आदि ठाणा एवं साध्वी चारित्रवर्धनाश्री आदि ठाणा संसघ कंचगार गली स्थित जैन उपाश्रय में सोमवार सुबह चातुर्मासार्थ प्रवेश करेंगे। इस उपलक्ष्य में सुबह छह बजे कोप्पीकर रोड से भव्य वरघोड़ा निकाला जाएगा। आचार्य व साध्वी वरघोड़े के साथ कंचगार गली स्थित जैन उपाश्रय में प्रवेश कर गब्बूर स्थित पाश्र्व पद्मालय में दीक्षा कार्यक्रम में निश्रा प्रदान करेंगे।
हुबली में रविवार को श्री जैन मरुधर संघ के तत्वावधान में दीक्षा निमित्त आयोजित वरघोड़े में वर्षीदान करतीं दीक्षार्थी रीचा, सनम व हेमलता।
हुबली में श्री जैन मरुधर संघ के तत्वावधान में रविवार को दीक्षा निमित्त आयोजित वरघोड़े में उमड़े श्रद्धालु।
जुलाई 09, 2010
- रख रखाव के चलते बंद रहेगी आरक्षण प्रणाली
नांदेड-अमृतसर एक्सप्रेस रद्द
हुबली। दक्षिण मध्य रेलवे के सभी मंडलों में रख-रखाव के चलते यात्री आरक्षण सिस्टम (पीआरएस) ११ जुलाई रविवार १०.३० बजे से १२ जुलाई सोमवार को ०४.०० बजे तक बंद रहेगा। दमरे की ओर से जारी विज्ञप्ति से यहां मिली जानकारी के अनुसार रख-रखाव के चलते दक्षिण मध्य रेलवे के कार्य क्षेत्र में आने वाले सभी क्षेत्रों में पीआरएस, रोजाना आरक्षण,पैसेंजर ऑपरेटेड इन्क्वायरी सिस्टम (पीओइटी) के जरिए पूछताछ, व इंटर एक्टिव वॉयस रेस्पांस (आईवीआरएस) काम नहीं करेगा। दमरे ने नांदेड़ से शनिवार को ०९.३० बजे अमृतसर जाने वाली गाड़ी संख्या २७१५ नांदेड-अमृतसर एक्सप्रेस को रद्द कर दिया गया है। इसके समानान्तर अमृतसर से चलने वाली गाड़ी संख्या २७१६ अमृतसर-नांदेड के विलंब से चलने के कारण इस छोर से इस गाड़ी को रद्द किया गया है।
हुबली। दक्षिण मध्य रेलवे के सभी मंडलों में रख-रखाव के चलते यात्री आरक्षण सिस्टम (पीआरएस) ११ जुलाई रविवार १०.३० बजे से १२ जुलाई सोमवार को ०४.०० बजे तक बंद रहेगा। दमरे की ओर से जारी विज्ञप्ति से यहां मिली जानकारी के अनुसार रख-रखाव के चलते दक्षिण मध्य रेलवे के कार्य क्षेत्र में आने वाले सभी क्षेत्रों में पीआरएस, रोजाना आरक्षण,पैसेंजर ऑपरेटेड इन्क्वायरी सिस्टम (पीओइटी) के जरिए पूछताछ, व इंटर एक्टिव वॉयस रेस्पांस (आईवीआरएस) काम नहीं करेगा। दमरे ने नांदेड़ से शनिवार को ०९.३० बजे अमृतसर जाने वाली गाड़ी संख्या २७१५ नांदेड-अमृतसर एक्सप्रेस को रद्द कर दिया गया है। इसके समानान्तर अमृतसर से चलने वाली गाड़ी संख्या २७१६ अमृतसर-नांदेड के विलंब से चलने के कारण इस छोर से इस गाड़ी को रद्द किया गया है।
चतुर्वेदी ने किया एमडीटीसी का उद्घाटन
-सी व डी ग्रुप कर्मचारियों को देगा प्रशिक्षण
हुबली। दक्षिण पश्चिम रेलवे महाप्रबंधक कुलदीप चतुर्वेदी ने धारवाड़ में दपरे के नवनिर्मित बहुउद्देश्यीय प्रशिक्षण केंद्र एमडीटीसी का उद्घाटन पट्टिका का अनावरण कर किया। हुबली मंडल रेल प्रबंधक आदेश शर्मा, मुख्य यांत्रिक इंजीनियर डी.के. शेरॉफ, मुख्य विद्युत अभियंता वी.के.टेम्पे, मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार अभियंता एस लक्ष्मी नारायण,मुख्य सुरक्षा आयुक्त एस.सी.सिन्हा, मुख्य ट्रैक इंजीनियर वी.के. अग्रवाल,उप मुख्य कार्मिक अधिकारी सुनील कुमार ज्योति और वरिष्ठ मंडल इंजीनियर (समन्वय), हुबली के विपिन कुमार उपस्थित थे। इस नव बहु उद्देश्यीय प्रशिक्षण केन्द्र को मंडल समन्वित ट्रेनिंग स्कूल के रूप में भी जाना जाएगा। धारवाड़ में स्थित रेलवे की 23 एकड़ जमीन पर 3 करोड़ की लागत से बनाए गए इस दो मंजिला केन्द्र में ग्रुप सी और डी कर्मचारियों (तकनीकी) को इंजीनियरिंग, सिग्नल एवं दूर संचार, मैकेनिकल(कैरिज एण्ड वैगन),आवागमन और वाणिज्यिक, इलेक्ट्रिकल शाखाओं आदि पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। कैरिज एवं वैगन कक्ष में विभिन्न मॉडल,उपकरण, पहिया दोष, गेज और पहिया दोषों की व्याख्या, यात्री आपातकालीन अलार्म प्रणाली के मॉडल आदि के बारे में प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध है।
कुलदीप चतुर्वेदी ने दपरे के सभी अधिकारियों के साथ कमरा, मॉडल कक्ष, छात्रावास और सभागार हॉल का निरीक्षण किया। चतुर्वेदी ने एक विशाल क्षेत्र में गु्रप सी और डी कर्मचारियों के लिए इस तरह के एक सुंदर नए प्रशिक्षण केन्द्र का निर्माण करने पर दक्षिण पश्चिम रेलवे के इंजीनियरिंग के अधिकारियों की टीम को बधाई दी। महाप्रबंधक के सचिव एस.के गुप्ता,उप मुख्य कार्मिक अधिकारी सुनील कुमार ज्योति,वरिष्ठमंडल इंजीनियर (समन्वय) विपिन कुमार,मंडल अभियंता (केन्द्रीय) रविकांत,वरिष्ठ मंडलकार्मिक अधिकारी तिमोती टी.गोन्मई,वरिष्ठ मंडल मैकेनिकल इंजीनियर (सी एंड डब्ल्यू) उमेश कुमार, वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर (विद्युत)इन्द्रजीत, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक विनायक वी नायक, मंडल वरिष्ठ परिचालन अधिकारी अनिल कुमार,वरिष्ठ मंडल वित्त प्रबंधक श्रीमती अमृता दर्पण जैन,वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता श्रीमती स्मिता श्रीवास्तव,सीनियर डिवीजनल सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर भोलेन्द्र सिंह, मंडल सुरक्षा अधिकारी ए.एन.मुत्तालिक, मंडल सिग्नल एवं टेलीकॉम इंजीनियर घनश्याम वर्मा, सहायक मंडल मैकेनिकल इंजीनियर शान्वी, सहायक सुरक्षा आयुक्त आर सुन्दरराज और अन्य अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
हुबली। दक्षिण पश्चिम रेलवे महाप्रबंधक कुलदीप चतुर्वेदी ने धारवाड़ में दपरे के नवनिर्मित बहुउद्देश्यीय प्रशिक्षण केंद्र एमडीटीसी का उद्घाटन पट्टिका का अनावरण कर किया। हुबली मंडल रेल प्रबंधक आदेश शर्मा, मुख्य यांत्रिक इंजीनियर डी.के. शेरॉफ, मुख्य विद्युत अभियंता वी.के.टेम्पे, मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार अभियंता एस लक्ष्मी नारायण,मुख्य सुरक्षा आयुक्त एस.सी.सिन्हा, मुख्य ट्रैक इंजीनियर वी.के. अग्रवाल,उप मुख्य कार्मिक अधिकारी सुनील कुमार ज्योति और वरिष्ठ मंडल इंजीनियर (समन्वय), हुबली के विपिन कुमार उपस्थित थे। इस नव बहु उद्देश्यीय प्रशिक्षण केन्द्र को मंडल समन्वित ट्रेनिंग स्कूल के रूप में भी जाना जाएगा। धारवाड़ में स्थित रेलवे की 23 एकड़ जमीन पर 3 करोड़ की लागत से बनाए गए इस दो मंजिला केन्द्र में ग्रुप सी और डी कर्मचारियों (तकनीकी) को इंजीनियरिंग, सिग्नल एवं दूर संचार, मैकेनिकल(कैरिज एण्ड वैगन),आवागमन और वाणिज्यिक, इलेक्ट्रिकल शाखाओं आदि पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। कैरिज एवं वैगन कक्ष में विभिन्न मॉडल,उपकरण, पहिया दोष, गेज और पहिया दोषों की व्याख्या, यात्री आपातकालीन अलार्म प्रणाली के मॉडल आदि के बारे में प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध है।
कुलदीप चतुर्वेदी ने दपरे के सभी अधिकारियों के साथ कमरा, मॉडल कक्ष, छात्रावास और सभागार हॉल का निरीक्षण किया। चतुर्वेदी ने एक विशाल क्षेत्र में गु्रप सी और डी कर्मचारियों के लिए इस तरह के एक सुंदर नए प्रशिक्षण केन्द्र का निर्माण करने पर दक्षिण पश्चिम रेलवे के इंजीनियरिंग के अधिकारियों की टीम को बधाई दी। महाप्रबंधक के सचिव एस.के गुप्ता,उप मुख्य कार्मिक अधिकारी सुनील कुमार ज्योति,वरिष्ठमंडल इंजीनियर (समन्वय) विपिन कुमार,मंडल अभियंता (केन्द्रीय) रविकांत,वरिष्ठ मंडलकार्मिक अधिकारी तिमोती टी.गोन्मई,वरिष्ठ मंडल मैकेनिकल इंजीनियर (सी एंड डब्ल्यू) उमेश कुमार, वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर (विद्युत)इन्द्रजीत, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक विनायक वी नायक, मंडल वरिष्ठ परिचालन अधिकारी अनिल कुमार,वरिष्ठ मंडल वित्त प्रबंधक श्रीमती अमृता दर्पण जैन,वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता श्रीमती स्मिता श्रीवास्तव,सीनियर डिवीजनल सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर भोलेन्द्र सिंह, मंडल सुरक्षा अधिकारी ए.एन.मुत्तालिक, मंडल सिग्नल एवं टेलीकॉम इंजीनियर घनश्याम वर्मा, सहायक मंडल मैकेनिकल इंजीनियर शान्वी, सहायक सुरक्षा आयुक्त आर सुन्दरराज और अन्य अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
त्रेमासिक हिन्दी पत्रिका प्रतिबिंब का विमोचन
हुबली। दक्षिण पश्चिम रेलवे के हुबली मंडल के राजभाषा विभाग की ओर से प्रकाशित मंडल की त्रेमासिक बहुरंगी हिन्दी पत्रिका प्रतिबिंब का विमोचन मंडल प्रबंधक आदेश शर्मा ने किया। इस मौके पर अतिरिक्त राजभाषा अधिकारी व एडीआरएम प्रेमचंद, वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी तिमोती टी.गोन्मई व राजभाषा अधिकारी श्रीमती संध्या कुलकर्णी उपस्थित थे। पत्रिका में मंडल के विभिन्न विभागों, कार्यशाला, डीजल शेड,स्टोर डिपो व मंडल के अन्तर्गत आने वाले स्टेशनों की गतिविधियों व कार्यक्रमों की जानकारी को स्थान दिया गया है। मंडल कार्यालय के कॉन्फे्रंस हॉल में आयोजित विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए शर्मा ने कहा कि रेलवे कर्मचारियों के उपयोग के लिए बहुरंगी हिन्दी पत्रिका प्रकाशित कर मंडल के राजभाषा विभाग ने सराहनीय प्रयास किया है।
मंडल के राजभाषा विभाग को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि मंडल के विभागों में होने वाली गतिविधियों व कार्यक्रमों को आगामी महीनों में प्रकाशित अंकों में और अधिक स्थान देकर राजभाषा विभाग पाठकों के लिए इसे और रोचक बनाएगा। एडीआरएम व अतिरिक्त राजभाषा अधिकारी प्रेमचंद ने महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराने के लिए मंडल के जनसम्पर्क अधिकारी सहित विभाग की टीम को पत्रिका के प्रकाशन पर बधाई दी। इस अवसर पर वरिष्ठ मंडल वित्त प्रबंधक श्रीमती अमृता दर्पण जैन,वरिष्ठ मंडल अभियंता(समन्वय), वरिष्ठ मंडल परिचालन अधिकारी अनिल कुमार पत्के, श्रीमती स्मिता श्रीवास्तव, वरिष्ठ मंडल इलेक्ट्रिकल इंजीनियर व मंडल के विभागों के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
मंडल के राजभाषा विभाग को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि मंडल के विभागों में होने वाली गतिविधियों व कार्यक्रमों को आगामी महीनों में प्रकाशित अंकों में और अधिक स्थान देकर राजभाषा विभाग पाठकों के लिए इसे और रोचक बनाएगा। एडीआरएम व अतिरिक्त राजभाषा अधिकारी प्रेमचंद ने महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराने के लिए मंडल के जनसम्पर्क अधिकारी सहित विभाग की टीम को पत्रिका के प्रकाशन पर बधाई दी। इस अवसर पर वरिष्ठ मंडल वित्त प्रबंधक श्रीमती अमृता दर्पण जैन,वरिष्ठ मंडल अभियंता(समन्वय), वरिष्ठ मंडल परिचालन अधिकारी अनिल कुमार पत्के, श्रीमती स्मिता श्रीवास्तव, वरिष्ठ मंडल इलेक्ट्रिकल इंजीनियर व मंडल के विभागों के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
जुलाई 08, 2010
अजमेर के लिए स्पेशल गाड़ी चलाएगा दमरे
-वाया भोपाल,कोटा चलेगी गाड़ी
हुबली, बढ़ते यात्री भार को कम करने के लिए दक्षिण मध्य रेलवे (दमरे) हैदराबाद-अजमेर के बीच छह स्पेशल गाडिय़ां चलाएगा। दमरे से प्राप्त जानकारी के अनुसार गाड़ी संख्या ०७७८अ हैदराबाद-अजमेर एक्सप्रेस स्पेशल हैदराबाद से २६,२३,३० जुलाई को प्रत्येक शुक्रवार को ०९.३५ बजे रवाना होकर १०.०० बजे सिकन्द्राबाद पहुंचेगी। वहां से १०.०५ बजे रवाना होकर यह गाड़ी रविवार को ०२.३० बजे अजमेर पहुंचगी। वापसी में यह गाड़ी संख्या ०७७९अ अजमेर-हैदराबाद स्पेशल के रूप में १८,२५ जुलाई व १ अगस्त को प्रति रविवार १०.४५ बजे रवाना होकर मंगलवार को ०१.०० बजे सिकन्द्राबाद पहुंचेगी। यह गाड़ी दोनों छोर से मार्ग में मेडकल, कामरेड्डी,निजामाबाद, बसर, धरमाबाद, मुडखेड़, नांदेड़, पूरना, परभनी, जालना, औरंगाबाद,मनमाड,भुसावल, खंडवा, इटारसी, भोपाल, सहोर, सुजालपुर, उज्जैन, नागदा, कोटा,बूंदी,माडलगढ,चंदेरिया, भीलवाड़ा, विजयनगर, नसीराबाद सहित कुछ अन्य स्टेशनों पर रुकेगी।
आकोला-तिरुपति के बीच विशेष सेवा
इसी प्रकार आकोला-तिरुपति-आकोला के बीच यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को कम करने के लिए विशेष गाड़ी चलाएगा। दमरे से यहां प्राप्त जानकारी के अनुसार गाड़ी संख्या ०७६० आकोला-तिरुपति-आकोला अकोला से १० जुलाई को ०५.४५ बजे रवाना होकर अगले दिन ०६.३० बजे तिरुपति आएगी। वापसी में यह गाड़ी संख्या ०७५९तिरुपति-आकोला-तिरुपति के रूप में तिरुपति से ११ जुलाई को ०९.०० बजे रवाना होकर अगले दिन ९.३० बजे आकोला पहुंचेगी। दमरे ने नागरसोल-तिरुपति के बीच १४ व १५ जुलाई को विशेष गाड़ी चलाने का निर्णय लिया है। इसके अन्तर्गत गाड़ी संख्या ०७२५ नागरसोल-तिरुपति स्पेशल नागरसोल से १४ जुलाई को ०४.१५ बजे रवाना होकर ०४.३० बजे सिकन्द्राबाद होते हुए ०६.३० बजे तिरुपति पहुंचेगी। वापसी में यह गाड़ी संख्या ०७२६ तिरुपति-नागरसोल के रूप में यह तिरुपति से १५ जुलाई को ०९.०० बजे रवाना होकर १०.२० बजे सिकन्द्राबाद आएगी व वहां से १०.४० बजे रवाना होकर अगले दिन १२.०० बजे नागरसोल पहुंचेगी।
गाडिय़ों में मिलेंगे बेहतर बेडरोल
दक्षिण मध्य रेलवे (दमरे) यात्री गाडिय़ों में यात्रियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए वातानुूलित गाडिय़ों में बेहतर बेड रोल उपलब्ध कराएगा। दमरे से यहां प्राप्त जानकारी के अनुसार दक्षिण मध्य रेलवे महाप्रबंधक एम.एस.जयंत ने जोन के छह मंडलों के सभी विभागों के विभागाध्यक्षों को वीडियो कॉन्फे्रंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दमरे सदैव यात्री सुविधाओं व उनके हित को प्राथमिकता देता है। यात्रियों की संतुष्टि के लिए वातानुकूलित डिब्बों में गुणवत्तायुक्त बेड रोल देने के लिए महाप्रबंधक ने छह महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर गौर करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा दमरे जोन स्तर पर सिकन्द्राबाद,काचेगुड़ा व तिरुपति में लिनन धुलाई प्लांट की स्थापना कर रहा है और ये प्लांट आगामी कुछ महीनों में काम करना शुरू कर देेंगे। इसके अलावा दमरे बड़े पैमाने पर लिनन कपड़ों की धुलाई के लिए बूट तर्ज पर प्लांट लगाने की योजना बना रहा है। इसके लिए शीघ्र ही निविदा बुलाई जाएगी। इसके जरिए जोन की ओर से रख-रखाव किए जाने वाली गाडिय़ों में दिए जाने वाले बेड रोल की गुणवत्ता में सुधार होगा।
हुबली, बढ़ते यात्री भार को कम करने के लिए दक्षिण मध्य रेलवे (दमरे) हैदराबाद-अजमेर के बीच छह स्पेशल गाडिय़ां चलाएगा। दमरे से प्राप्त जानकारी के अनुसार गाड़ी संख्या ०७७८अ हैदराबाद-अजमेर एक्सप्रेस स्पेशल हैदराबाद से २६,२३,३० जुलाई को प्रत्येक शुक्रवार को ०९.३५ बजे रवाना होकर १०.०० बजे सिकन्द्राबाद पहुंचेगी। वहां से १०.०५ बजे रवाना होकर यह गाड़ी रविवार को ०२.३० बजे अजमेर पहुंचगी। वापसी में यह गाड़ी संख्या ०७७९अ अजमेर-हैदराबाद स्पेशल के रूप में १८,२५ जुलाई व १ अगस्त को प्रति रविवार १०.४५ बजे रवाना होकर मंगलवार को ०१.०० बजे सिकन्द्राबाद पहुंचेगी। यह गाड़ी दोनों छोर से मार्ग में मेडकल, कामरेड्डी,निजामाबाद, बसर, धरमाबाद, मुडखेड़, नांदेड़, पूरना, परभनी, जालना, औरंगाबाद,मनमाड,भुसावल, खंडवा, इटारसी, भोपाल, सहोर, सुजालपुर, उज्जैन, नागदा, कोटा,बूंदी,माडलगढ,चंदेरिया, भीलवाड़ा, विजयनगर, नसीराबाद सहित कुछ अन्य स्टेशनों पर रुकेगी।
आकोला-तिरुपति के बीच विशेष सेवा
इसी प्रकार आकोला-तिरुपति-आकोला के बीच यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को कम करने के लिए विशेष गाड़ी चलाएगा। दमरे से यहां प्राप्त जानकारी के अनुसार गाड़ी संख्या ०७६० आकोला-तिरुपति-आकोला अकोला से १० जुलाई को ०५.४५ बजे रवाना होकर अगले दिन ०६.३० बजे तिरुपति आएगी। वापसी में यह गाड़ी संख्या ०७५९तिरुपति-आकोला-तिरुपति के रूप में तिरुपति से ११ जुलाई को ०९.०० बजे रवाना होकर अगले दिन ९.३० बजे आकोला पहुंचेगी। दमरे ने नागरसोल-तिरुपति के बीच १४ व १५ जुलाई को विशेष गाड़ी चलाने का निर्णय लिया है। इसके अन्तर्गत गाड़ी संख्या ०७२५ नागरसोल-तिरुपति स्पेशल नागरसोल से १४ जुलाई को ०४.१५ बजे रवाना होकर ०४.३० बजे सिकन्द्राबाद होते हुए ०६.३० बजे तिरुपति पहुंचेगी। वापसी में यह गाड़ी संख्या ०७२६ तिरुपति-नागरसोल के रूप में यह तिरुपति से १५ जुलाई को ०९.०० बजे रवाना होकर १०.२० बजे सिकन्द्राबाद आएगी व वहां से १०.४० बजे रवाना होकर अगले दिन १२.०० बजे नागरसोल पहुंचेगी।
गाडिय़ों में मिलेंगे बेहतर बेडरोल
दक्षिण मध्य रेलवे (दमरे) यात्री गाडिय़ों में यात्रियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए वातानुूलित गाडिय़ों में बेहतर बेड रोल उपलब्ध कराएगा। दमरे से यहां प्राप्त जानकारी के अनुसार दक्षिण मध्य रेलवे महाप्रबंधक एम.एस.जयंत ने जोन के छह मंडलों के सभी विभागों के विभागाध्यक्षों को वीडियो कॉन्फे्रंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दमरे सदैव यात्री सुविधाओं व उनके हित को प्राथमिकता देता है। यात्रियों की संतुष्टि के लिए वातानुकूलित डिब्बों में गुणवत्तायुक्त बेड रोल देने के लिए महाप्रबंधक ने छह महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर गौर करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा दमरे जोन स्तर पर सिकन्द्राबाद,काचेगुड़ा व तिरुपति में लिनन धुलाई प्लांट की स्थापना कर रहा है और ये प्लांट आगामी कुछ महीनों में काम करना शुरू कर देेंगे। इसके अलावा दमरे बड़े पैमाने पर लिनन कपड़ों की धुलाई के लिए बूट तर्ज पर प्लांट लगाने की योजना बना रहा है। इसके लिए शीघ्र ही निविदा बुलाई जाएगी। इसके जरिए जोन की ओर से रख-रखाव किए जाने वाली गाडिय़ों में दिए जाने वाले बेड रोल की गुणवत्ता में सुधार होगा।
पूरे नहीं है डिब्बे, फिर भी दे रहा टिकट
-कोढ़ में खाज बनी प्रतीक्षा सूची
हुबली। गाडिय़ों में अतिरिक्त डिब्बे लगाने की क्षमता नहीं होने के बरावजूद गाडिय़ों में लम्बी प्रतीक्षा सूची होने पर भी रेलवे प्रतीक्षा सूची में टिकट जारी करता है जिसका खामियाजा आरक्षण लेकर यात्रा करने वाले लोगों को भुगतना पड़ता है। रेलवे नियमों के अनुसार आरक्षित कोच में केवल आरक्षण वाले यात्रियों को ही सफर की अनुमति है लेकिन गाडिय़ों लम्बी प्रतीक्षा सूची होने और परिवार के आधे सदस्यों को आरक्षण मिलने की स्थिति में लोग यात्रा करते हैं। इसके अलावा ऐसे लोग भी हैं जो आरक्षण की अनुपलब्धता की स्थिति में प्रतीक्षा सूची पर ही यात्रा करते हैं।
आसान नहीं लम्बी दूरी की यात्रा
बेंगलूरु,यशवंतपुर से वाया हुबली होकर राजस्थान के जोधपुर, अजमेर व गुजरात जाने वाली सभी गाडिय़ों सहित लम्बी दूरी की सभी गाडिय़ों में कमोबेश यही स्थिति है। सीजन के समय तो इन गाडिय़ों में प्रतीक्षा सूची ज्यादा लम्बी होती है लेकिन सामान्य दिनों में भी इन गाडिय़ों में आरक्षण दो महीने पहले ही हो जाता है। गाड़ी में १५० से अधिक की प्रतीक्षा सूची होने पर एक अतिरिक्त डिब्बा लगाए जाने का प्रावधान है लेकिन बोगियों की कमी से झूज रहा रेलवे गाडिय़ों में अतिरिक्त डिब्बे लगाने की स्थिति में नहीं है। गाडिय़ों में एक आरक्षित डिब्बे में ७२ सीटें होती है लेकिन यात्रा करने की संख्या हर एक डिब्बे में लगभग २०० से ऊपर होती है ऐसे में आरक्षित डिब्बे की हालत सामान्य डिब्बे से भी बदतर हो जाती है। ऐसी स्थिति में आरक्षण लेकर यात्रा करने वालों की स्थिति काटो को खून नहीं जैसी हो जाती है।
बोगियों की संख्या नाकाफी
रेलवे बोर्ड व रेल मंत्रालय के निर्देशानुसार एक गाड़ी में अधिकतम २३ या २४ डिब्बे ही लगाने की अनुमति है लेकिन लम्बी दूरी की गाडिय़ों में यह संख्या नाकाफी है। हुबली से चलने वाली अधिकतर गाडिय़ां राज्य में ही सवारी गाड़ी के रूप में चलती है या महाराष्ट्र, आंध्रपदेश आदि पड़ोसी राज्यों में जाती है और उनमें ज्यादा आरक्षित डिब्बों की जरुरत नहीं रहती लेकिन दूर दराज के राज्यों में जाने वाली गाडिय़ों में डिब्बों की स्थिति ऊंट के मुहं में जीरे के समान है। रेलवे लम्बी यात्रा की गाडिय़ों में प्रतीक्षा सूची में टिकट तो जारी कर देता है लेकिन उसके अनुपात में डिब्बे नहीं जोड़ता जिसके चलते यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालांकि रेलवे बोर्ड ने साधारण टिकट लेकर पैनल्टी का भुगतान कर आरक्षित डिब्बों में यात्रा करने वालों पर लगाम कसने के लिए सर्कुलर सभी जोन में भेजा है। इसके बावजूद लम्बी दूरी की गाडिय़ों में पर्याप्त संख्या में डिब्बे नहीं जोडऩे से प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों की संख्या बढ़ी रहती है।
तत्काल टिकट भी उपलब्ध नहीं
लम्बी दूरी की गाडिय़ों में आम तौर पर जनरल, आरक्षित व वातानुकूलित डिब्बों सहित १८ से २० डिब्बे होते हैं। आरक्षित डिब्बों की संख्या के अनुपात में रेलवे की ओर से जारी प्रतीक्षा सूची टिकटों की संख्या ज्यादा होने से लोगों को परेशानी से दो-दो चार होना पड़ता है। बेंगलूरु,यशवंतपुर व मैसूर से वाया हुबली होकर जोधपुर,अजमेर जाने वाली गाडिय़ों में आरक्षित तत्काल टिकट भी निर्धारित दिन पर सुबह ८ बजे काउंटर शुरू होने के महज पांच मिनट बाद ही प्रतीक्षा सूची में आ जाते हैं। ऐसे में इन गाडिय़ों में प्रतीक्षारत यात्रियों की संख्या गाड़ी में आरक्षित टिकट पर यात्रा करने वाले मुसाफिरों से दुगुनी से भी अधिक हो जाती है। ऐसे में आरक्षण लेकर यात्रा करने वाले यात्री खुद को ठगा सा महसूस करते हैं। तत्काल टिकट आरक्षण को लेकर दलालों की सक्रियता से भी इंकार नहीं किया जा सकता। इस सिलसिले में हाल ही जोधपुर सहित अनेक शहरों में आरक्षण में गड़बड़ी का खुलासा हुआ है।
लम्बी प्रतीक्षा सूची
गाड़ी संख्या ६५०८ बेंगलूरु-जोधपुर एक्सप्रेस में हुबली से जोधपुर के लिए ८ जुलाई से २९ जुलाई तक द्वितीय श्रेणी शयन यान में प्रतीक्षा सूची है जबकि गाड़ी संख्या ६२१० मैसूर-अजमेर में भी ९ जुलाई को रिग्रेट है व १४ जुलाई से ६ अगस्त तक प्रतीक्षा सूची है। ११ जुलाई को यशवंतपुर से चलकर अगले दिन हुबली पहुंचने वाली ६५३४ यशवंतपुर-जोधपुर एक्सपे्रस में हुबली से जोधपुर के लिए १९ जुलाई तक प्रतीक्षा सूची है। शनिवार को हुबली से गुजरने वाली गाड़ी संख्या ६५३२ गरीब नवाज एक्सप्रेस में ३१ जुलाई तक हुबली से अजमेर व अन्य विभिन्न स्टेशनों के लिए लम्बी प्रतीक्षा सूची है।
हुबली। गाडिय़ों में अतिरिक्त डिब्बे लगाने की क्षमता नहीं होने के बरावजूद गाडिय़ों में लम्बी प्रतीक्षा सूची होने पर भी रेलवे प्रतीक्षा सूची में टिकट जारी करता है जिसका खामियाजा आरक्षण लेकर यात्रा करने वाले लोगों को भुगतना पड़ता है। रेलवे नियमों के अनुसार आरक्षित कोच में केवल आरक्षण वाले यात्रियों को ही सफर की अनुमति है लेकिन गाडिय़ों लम्बी प्रतीक्षा सूची होने और परिवार के आधे सदस्यों को आरक्षण मिलने की स्थिति में लोग यात्रा करते हैं। इसके अलावा ऐसे लोग भी हैं जो आरक्षण की अनुपलब्धता की स्थिति में प्रतीक्षा सूची पर ही यात्रा करते हैं।
आसान नहीं लम्बी दूरी की यात्रा
बेंगलूरु,यशवंतपुर से वाया हुबली होकर राजस्थान के जोधपुर, अजमेर व गुजरात जाने वाली सभी गाडिय़ों सहित लम्बी दूरी की सभी गाडिय़ों में कमोबेश यही स्थिति है। सीजन के समय तो इन गाडिय़ों में प्रतीक्षा सूची ज्यादा लम्बी होती है लेकिन सामान्य दिनों में भी इन गाडिय़ों में आरक्षण दो महीने पहले ही हो जाता है। गाड़ी में १५० से अधिक की प्रतीक्षा सूची होने पर एक अतिरिक्त डिब्बा लगाए जाने का प्रावधान है लेकिन बोगियों की कमी से झूज रहा रेलवे गाडिय़ों में अतिरिक्त डिब्बे लगाने की स्थिति में नहीं है। गाडिय़ों में एक आरक्षित डिब्बे में ७२ सीटें होती है लेकिन यात्रा करने की संख्या हर एक डिब्बे में लगभग २०० से ऊपर होती है ऐसे में आरक्षित डिब्बे की हालत सामान्य डिब्बे से भी बदतर हो जाती है। ऐसी स्थिति में आरक्षण लेकर यात्रा करने वालों की स्थिति काटो को खून नहीं जैसी हो जाती है।
बोगियों की संख्या नाकाफी
रेलवे बोर्ड व रेल मंत्रालय के निर्देशानुसार एक गाड़ी में अधिकतम २३ या २४ डिब्बे ही लगाने की अनुमति है लेकिन लम्बी दूरी की गाडिय़ों में यह संख्या नाकाफी है। हुबली से चलने वाली अधिकतर गाडिय़ां राज्य में ही सवारी गाड़ी के रूप में चलती है या महाराष्ट्र, आंध्रपदेश आदि पड़ोसी राज्यों में जाती है और उनमें ज्यादा आरक्षित डिब्बों की जरुरत नहीं रहती लेकिन दूर दराज के राज्यों में जाने वाली गाडिय़ों में डिब्बों की स्थिति ऊंट के मुहं में जीरे के समान है। रेलवे लम्बी यात्रा की गाडिय़ों में प्रतीक्षा सूची में टिकट तो जारी कर देता है लेकिन उसके अनुपात में डिब्बे नहीं जोड़ता जिसके चलते यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालांकि रेलवे बोर्ड ने साधारण टिकट लेकर पैनल्टी का भुगतान कर आरक्षित डिब्बों में यात्रा करने वालों पर लगाम कसने के लिए सर्कुलर सभी जोन में भेजा है। इसके बावजूद लम्बी दूरी की गाडिय़ों में पर्याप्त संख्या में डिब्बे नहीं जोडऩे से प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों की संख्या बढ़ी रहती है।
तत्काल टिकट भी उपलब्ध नहीं
लम्बी दूरी की गाडिय़ों में आम तौर पर जनरल, आरक्षित व वातानुकूलित डिब्बों सहित १८ से २० डिब्बे होते हैं। आरक्षित डिब्बों की संख्या के अनुपात में रेलवे की ओर से जारी प्रतीक्षा सूची टिकटों की संख्या ज्यादा होने से लोगों को परेशानी से दो-दो चार होना पड़ता है। बेंगलूरु,यशवंतपुर व मैसूर से वाया हुबली होकर जोधपुर,अजमेर जाने वाली गाडिय़ों में आरक्षित तत्काल टिकट भी निर्धारित दिन पर सुबह ८ बजे काउंटर शुरू होने के महज पांच मिनट बाद ही प्रतीक्षा सूची में आ जाते हैं। ऐसे में इन गाडिय़ों में प्रतीक्षारत यात्रियों की संख्या गाड़ी में आरक्षित टिकट पर यात्रा करने वाले मुसाफिरों से दुगुनी से भी अधिक हो जाती है। ऐसे में आरक्षण लेकर यात्रा करने वाले यात्री खुद को ठगा सा महसूस करते हैं। तत्काल टिकट आरक्षण को लेकर दलालों की सक्रियता से भी इंकार नहीं किया जा सकता। इस सिलसिले में हाल ही जोधपुर सहित अनेक शहरों में आरक्षण में गड़बड़ी का खुलासा हुआ है।
लम्बी प्रतीक्षा सूची
गाड़ी संख्या ६५०८ बेंगलूरु-जोधपुर एक्सप्रेस में हुबली से जोधपुर के लिए ८ जुलाई से २९ जुलाई तक द्वितीय श्रेणी शयन यान में प्रतीक्षा सूची है जबकि गाड़ी संख्या ६२१० मैसूर-अजमेर में भी ९ जुलाई को रिग्रेट है व १४ जुलाई से ६ अगस्त तक प्रतीक्षा सूची है। ११ जुलाई को यशवंतपुर से चलकर अगले दिन हुबली पहुंचने वाली ६५३४ यशवंतपुर-जोधपुर एक्सपे्रस में हुबली से जोधपुर के लिए १९ जुलाई तक प्रतीक्षा सूची है। शनिवार को हुबली से गुजरने वाली गाड़ी संख्या ६५३२ गरीब नवाज एक्सप्रेस में ३१ जुलाई तक हुबली से अजमेर व अन्य विभिन्न स्टेशनों के लिए लम्बी प्रतीक्षा सूची है।
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