-आज होगी तीन दीक्षा
हुबली|गगन मंडल में गंूजते जैनं जयति शासनम, जिन शासन अमर रहे के उद्घोषों के बीच हाथों में पंचरगी ध्वज थामे नन्हे बालकों व बेंड की मधुर धुनों पर थिरकते युवाओं में जोश देखते ही बन रहा था। रविवार को शहर में कुछ ऐसा ही नजारा मुमुक्षु रीचा, सनम व हेमलता की दीक्षा के निमित्त आयोजित वरघोड़े में देखने को मिला। आचार्य विजय अजीतशेखरसूरीश्वर आदि ठाणा एवं साध्वी चारित्रवर्धनाश्री आदि ठाणा के सान्निध्य में सोमवार को सांसारिक मोह माया का त्याग कर वैराग्य के मार्ग पर चलने वाली मुमुक्षु रीचा, सनम व हेमलता मुमुक्षु बहनों के दीक्षा की उपलक्ष्य में आयोजित भव्य वर्षीदान वरघोड़े में उत्साह व जोश से सराबोर श्रद्धालु जिन शासन की शोभा बढ़ा रहे थे।
मुक्त हस्त से किया वर्षीदान
स्थानीय श्रीजैन मरुधर संघ के तत्वावधान में ताराचंद सुरेश कुमार वैदमूथा, किरण कुमार कंातिलाल मुठलिया, रमेश कुमार मोहनलाल सौलंकी परिवार की ओर से गब्बूर स्थित श्री पाश्र्व पद्मालय तीर्थ में आयोजित दीक्षा के उपलक्ष्य में दीक्षा कार्यक्रम के सातवें दिन रविवार को मुमुक्षुओं का वर्षीदान का भव्य वरघोड़ा सुबह आठ बजे शांतिनाथ जैन मंदिर से शुरू हुआ। यह शहर के विभिन्न सड़क मार्गों से होते हुए वापस शांतिनाथ जैन मंदिर पहुंचकर धर्मसभा में बदल गया। कार्यक्रम के बाद स्वामी वात्सल्य का आयोजन किया गया। रथ में सवार मुमुक्षों बहनों से वरघोड़े में दोनों हाथों ने से वर्षीदान कर सांसारिक मोह के प्रति अपनी विरक्ति का भाव प्रकट किया।
फिजां में जयकारों की गंूज
अभिनिष्क्रमण यात्रा (वरघोड़े) में मुमुक्षुओं के अलावा लाभार्थी परिवारों के सदस्य भी रथ में हाथ जोड़े बैठे थे। कर्नाटक प्रदेश के विभिन्न शहरों के अलावा राजस्थान सहित अन्य राज्यों से आए जैन समाज के लोगों का रविवार को जोश देखने लायक था। वर घोड़े के दौरान समाज के लोग धार्मिक गीतों पर झूमते गाते चल रहे थे। दीक्षार्थी अमर रहो, दीक्षार्थी नो जयजयकार...की प्रस्तुति पर युवा झूमे बिना नहीं रह सके। इसके अलावा संयम का ये पथ बहना...बीरा ई अवसर बैगा आवजो....पंछिड़ा ओ पंछिड़ा......सहित अनेक गीतों पर श्रद्धालु नाचते गाते चल रहे थे। गुरुजी हमारो अन्तर्नाद हमने आपो आशीर्वाद, जिन शासन अमर रहे दीक्षार्थी अमर रहे आदि जयकारे युवतियां लगा रहीं थीं। वरघोड़े में समाज के हर आयु वर्ग के लोग शामिल हुए जिनमें नन्हें बालक व बुजुर्ग भी उत्साह से लबरेज दिखाई दिए।
दो संस्कृतियों का मिलन
वरघोड़े में कर्नाटक के वाद्य यंत्रों के साथ राजस्थान के परंपरागत ढोल की थाप पर युवक-युवतियों थिरकते आगे बढ़ रहेथे। परंपरागत परिधानों में सजी-युवतियों व महिलाओं ने मानो हुबली में राजस्थानी संस्कृति को साकार कर दिया। हाथी, घोड़ों व बैलगाड़ी पर सवार श्रद्धालु व मुुमुक्षु मार्ग में हाथ जोड़कर समाज के लोगों का अभिवादन स्वीकार कर रहे थे। शाम को सात बजे दीक्षार्थी एवं परिवारजनों का श्री संघ की ओर से संघ के ट्रस्टियों, पदाधिकारियों व सदस्यों ने सम्मान कर दीक्षार्थियों को विदाई दी।
आज से संयम की राह पर
गब्बूर स्थित पाश्र्व पद्मालय में सोमवार को शहर में पहली बार तीन मुमुक्षु बहनें जैन साधु-संतों की मौजूदगी में धार्मिक रस्मों रिवाज के बीच सांसारिक बंधन छोड़ वैराग्य की राह पकड़ेगी। आचार्य व साध्वी वृंद की निश्रा में सुबह ८.१५ बजे मुमुुक्षुओं की दीक्षा विधि प्रारंभ होगी। कार्यक्रम में आचार्य विजय अजीत शेखरसूरीश्वर के शिष्य पंन्यास विमलबोधि विजय, मुनि ज्ञानशेखरविजय ऊॅंकारशेखरविजय सहित अन्य मुनि, साध्वी ज्योतिवर्धनाश्री, हर्षज्योतिश्री, मौनज्योतिश्री, विमलज्योतिश्री, दक्षज्योतिश्री, कृपा ज्योतिश्री, अर्हंज्योतिश्री व रत्नज्योतिश्री आदि भी सान्निध्य प्रदान करेंगे।
समाज ने दिखाई एकजुटता
हुबली के इतिहास में पहली बार एक साथ हो रही तीन दीक्षाओं के कार्यक्रम में समाज ने एकजुटता का परिचय देते हुए सुबह प्रतिष्ठान बंद रख वरघोड़ेे में शिरकत की। विभिन्न संघोंं, बहु मंडल,नवयुवक मंडलों,बालिका मंडल,युवक-युवती मंडल सहित अन्य मंडलों ने वरघोड़े में व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग दिया। युवतियों ने वरघोड़े के मार्ग में बनाई गई सुदंर रंगोली आकर्षण का केन्द्र बनी हुईं थीं। कार्यक्रम में श्री जैन मरुधर संघ के ट्रस्टी,पदाधिकारियों सहित समाज के अन्य संघ-संस्थाओं के गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
आचार्यवृंद का चातुर्मास प्रवेश आज
आचार्य विजय अजीत शेखरसूरीश्वर आदि ठाणा एवं साध्वी चारित्रवर्धनाश्री आदि ठाणा संसघ कंचगार गली स्थित जैन उपाश्रय में सोमवार सुबह चातुर्मासार्थ प्रवेश करेंगे। इस उपलक्ष्य में सुबह छह बजे कोप्पीकर रोड से भव्य वरघोड़ा निकाला जाएगा। आचार्य व साध्वी वरघोड़े के साथ कंचगार गली स्थित जैन उपाश्रय में प्रवेश कर गब्बूर स्थित पाश्र्व पद्मालय में दीक्षा कार्यक्रम में निश्रा प्रदान करेंगे।
हुबली में रविवार को श्री जैन मरुधर संघ के तत्वावधान में दीक्षा निमित्त आयोजित वरघोड़े में वर्षीदान करतीं दीक्षार्थी रीचा, सनम व हेमलता।
हुबली में श्री जैन मरुधर संघ के तत्वावधान में रविवार को दीक्षा निमित्त आयोजित वरघोड़े में उमड़े श्रद्धालु।
मेरे बारे में
- Dharmendra Gaur
- Nagaur, Rajasthan, India
- नागौर जिले के छोटे से गांव भूण्डेल से अकेले ही चल पड़ा मंजिल की ओर। सफर में भले ही कोई हमसफर नहीं रहा लेकिन समय-समय पर पत्रकारिता जगत में बड़े-बुजुर्गों,जानकारों व शुभचिंतकों की दुआ व मार्गदर्शन मिलता रहा। उनके मार्गदर्शन में चलते हुए तंग,संकरी गलियों व उबड़-खाबड़ रास्तों में आने वाली हर बाधा को पार कर पहुंच गया गार्डन सिटी बेंगलूरु। पत्रकारिता में बीजेएमसी करने के बाद वहां से प्रकाशित एक हिन्दी दैनिक के साथ जुड़कर पत्रकारिता का क-क-ह-रा सीखा और वहां से पहुंच गए राजस्थान की सिरमौर राजस्थान पत्रिका में। वहां लगभग दो साल तक काम करने के बाद पत्रिका हुबली में साढ़े चार साल उप सम्पादक के रूप में जिम्मेदारी का निर्वहन करने के बाद अब नागौर में ....
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