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Nagaur, Rajasthan, India
नागौर जिले के छोटे से गांव भूण्डेल से अकेले ही चल पड़ा मंजिल की ओर। सफर में भले ही कोई हमसफर नहीं रहा लेकिन समय-समय पर पत्रकारिता जगत में बड़े-बुजुर्गों,जानकारों व शुभचिंतकों की दुआ व मार्गदर्शन मिलता रहा। उनके मार्गदर्शन में चलते हुए तंग,संकरी गलियों व उबड़-खाबड़ रास्तों में आने वाली हर बाधा को पार कर पहुंच गया गार्डन सिटी बेंगलूरु। पत्रकारिता में बीजेएमसी करने के बाद वहां से प्रकाशित एक हिन्दी दैनिक के साथ जुड़कर पत्रकारिता का क-क-ह-रा सीखा और वहां से पहुंच गए राजस्थान की सिरमौर राजस्थान पत्रिका में। वहां लगभग दो साल तक काम करने के बाद पत्रिका हुबली में साढ़े चार साल उप सम्पादक के रूप में जिम्मेदारी का निर्वहन करने के बाद अब नागौर में ....

जुलाई 08, 2010

पूरे नहीं है डिब्बे, फिर भी दे रहा टिकट

-कोढ़ में खाज बनी प्रतीक्षा सूची
हुबली।
गाडिय़ों में अतिरिक्त डिब्बे लगाने की क्षमता नहीं होने के बरावजूद गाडिय़ों में लम्बी प्रतीक्षा सूची होने पर भी रेलवे प्रतीक्षा सूची में टिकट जारी करता है जिसका खामियाजा आरक्षण लेकर यात्रा करने वाले लोगों को भुगतना पड़ता है। रेलवे नियमों के अनुसार आरक्षित कोच में केवल आरक्षण वाले यात्रियों को ही सफर की अनुमति है लेकिन गाडिय़ों लम्बी प्रतीक्षा सूची होने और परिवार के आधे सदस्यों को आरक्षण मिलने की स्थिति में लोग यात्रा करते हैं। इसके अलावा ऐसे लोग भी हैं जो आरक्षण की अनुपलब्धता की स्थिति में प्रतीक्षा सूची पर ही यात्रा करते हैं।
आसान नहीं लम्बी दूरी की यात्रा
बेंगलूरु,यशवंतपुर से वाया हुबली होकर राजस्थान के जोधपुर, अजमेर व गुजरात जाने वाली सभी गाडिय़ों सहित लम्बी दूरी की सभी गाडिय़ों में कमोबेश यही स्थिति है। सीजन के समय तो इन गाडिय़ों में प्रतीक्षा सूची ज्यादा लम्बी होती है लेकिन सामान्य दिनों में भी इन गाडिय़ों में आरक्षण दो महीने पहले ही हो जाता है। गाड़ी में १५० से अधिक की प्रतीक्षा सूची होने पर एक अतिरिक्त डिब्बा लगाए जाने का प्रावधान है लेकिन बोगियों की कमी से झूज रहा रेलवे गाडिय़ों में अतिरिक्त डिब्बे लगाने की स्थिति में नहीं है। गाडिय़ों में एक आरक्षित डिब्बे में ७२ सीटें होती है लेकिन यात्रा करने की संख्या हर एक डिब्बे में लगभग २०० से ऊपर होती है ऐसे में आरक्षित डिब्बे की हालत सामान्य डिब्बे से भी बदतर हो जाती है। ऐसी स्थिति में आरक्षण लेकर यात्रा करने वालों की स्थिति काटो को खून नहीं जैसी हो जाती है।
बोगियों की संख्या नाकाफी
रेलवे बोर्ड व रेल मंत्रालय के निर्देशानुसार एक गाड़ी में अधिकतम २३ या २४ डिब्बे ही लगाने की अनुमति है लेकिन लम्बी दूरी की गाडिय़ों में यह संख्या नाकाफी है। हुबली से चलने वाली अधिकतर गाडिय़ां राज्य में ही सवारी गाड़ी के रूप में चलती है या महाराष्ट्र, आंध्रपदेश आदि पड़ोसी राज्यों में जाती है और उनमें ज्यादा आरक्षित डिब्बों की जरुरत नहीं रहती लेकिन दूर दराज के राज्यों में जाने वाली गाडिय़ों में डिब्बों की स्थिति ऊंट के मुहं में जीरे के समान है। रेलवे लम्बी यात्रा की गाडिय़ों में प्रतीक्षा सूची में टिकट तो जारी कर देता है लेकिन उसके अनुपात में डिब्बे नहीं जोड़ता जिसके चलते यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालांकि रेलवे बोर्ड ने साधारण टिकट लेकर पैनल्टी का भुगतान कर आरक्षित डिब्बों में यात्रा करने वालों पर लगाम कसने के लिए सर्कुलर सभी जोन में भेजा है। इसके बावजूद लम्बी दूरी की गाडिय़ों में पर्याप्त संख्या में डिब्बे नहीं जोडऩे से प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों की संख्या बढ़ी रहती है।
तत्काल टिकट भी उपलब्ध नहीं
लम्बी दूरी की गाडिय़ों में आम तौर पर जनरल, आरक्षित व वातानुकूलित डिब्बों सहित १८ से २० डिब्बे होते हैं। आरक्षित डिब्बों की संख्या के अनुपात में रेलवे की ओर से जारी प्रतीक्षा सूची टिकटों की संख्या ज्यादा होने से लोगों को परेशानी से दो-दो चार होना पड़ता है। बेंगलूरु,यशवंतपुर व मैसूर से वाया हुबली होकर जोधपुर,अजमेर जाने वाली गाडिय़ों में आरक्षित तत्काल टिकट भी निर्धारित दिन पर सुबह ८ बजे काउंटर शुरू होने के महज पांच मिनट बाद ही प्रतीक्षा सूची में आ जाते हैं। ऐसे में इन गाडिय़ों में प्रतीक्षारत यात्रियों की संख्या गाड़ी में आरक्षित टिकट पर यात्रा करने वाले मुसाफिरों से दुगुनी से भी अधिक हो जाती है। ऐसे में आरक्षण लेकर यात्रा करने वाले यात्री खुद को ठगा सा महसूस करते हैं। तत्काल टिकट आरक्षण को लेकर दलालों की सक्रियता से भी इंकार नहीं किया जा सकता। इस सिलसिले में हाल ही जोधपुर सहित अनेक शहरों में आरक्षण में गड़बड़ी का खुलासा हुआ है।
लम्बी प्रतीक्षा सूची
गाड़ी संख्या ६५०८ बेंगलूरु-जोधपुर एक्सप्रेस में हुबली से जोधपुर के लिए ८ जुलाई से २९ जुलाई तक द्वितीय श्रेणी शयन यान में प्रतीक्षा सूची है जबकि गाड़ी संख्या ६२१० मैसूर-अजमेर में भी ९ जुलाई को रिग्रेट है व १४ जुलाई से ६ अगस्त तक प्रतीक्षा सूची है। ११ जुलाई को यशवंतपुर से चलकर अगले दिन हुबली पहुंचने वाली ६५३४ यशवंतपुर-जोधपुर एक्सपे्रस में हुबली से जोधपुर के लिए १९ जुलाई तक प्रतीक्षा सूची है। शनिवार को हुबली से गुजरने वाली गाड़ी संख्या ६५३२ गरीब नवाज एक्सप्रेस में ३१ जुलाई तक हुबली से अजमेर व अन्य विभिन्न स्टेशनों के लिए लम्बी प्रतीक्षा सूची है।

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