पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते कामकाज से दूर
बेलगाम, 12 मार्च। पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते प्रदेश भाजपा आलाकमान ने बेलगाम जिला महानगर भाजपा के पूर्व अध्यक्ष बाबूलाल राजपुरोहित को पार्टी के सक्रिय कामकाज से दूर कर दिया है। एक दशक पूर्व पार्टी के महत्वपूर्ण नेता के तौर पर उन्होंने अपनी छवि बनाई थी। वर्ष 1994 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी से टिकट पाकर सफलतापूर्वक दूसरा नम्बर हासिल करने वाले राजपुरोहित को पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार शंकरगौड़ा पाटिल के खिलाफ काम करने के आरोप में पार्टी आलाकमान द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। सूत्रों का कहना है कि नोटिस को एक साल बीत जाने पर जवाब नहीं देने पर आलाकमान ने यह कदम उठाया है। अब स्थानीय पार्टी नेताओं ने विभिन्न समारोहों के आयोजनों में बनाई जानी वाली कार्यक्रम पत्रिका में उनका नाम शामिल करना बंद कर दिया है।
सीएम के दौरों के दौरान गायब रहे
स्थानीय भाजपा नेताओं के मुताबिक बाबूलाल राजपुरोहित की गणना उन नेताओं में की जाती है जो सिर्फ किसी बड़े नेता के दौरे के दौरान उनके आसपास मंडराते हैं। भाजपा की सत्ता आए राज्य में दो साल का समय लगभग पूरा हो रहा है और इस दौरान मुख्यमंत्री बी.एस.येडिड्यूरप्पा ने कई बार जिले का दौरा किया है। इस दौरान वे गायब ही रहे। अलबत्ता राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के दौरे के दौरान वे बिना बुलाए चले आते थे। वे रेलवे मंत्रालय द्वारा शुरू की गाडिय़ों व बेलगाम में उनका ठहराव करवाने में अपनी भूमिका के लिए भी खुद की पीठ थपथपाते रहे हैं।
पार्टी कार्यकारिणी में कोई जगह नहीं
सूत्रों का कहना है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते ही उन्हें नई कार्यकारिणी में स्थान नहीं दिया गया है। पार्टी की शहर इकाई के अध्यक्ष राघवेन्द्र पुजार ने बताया कि बाबूलाल राजपुरोहित को पार्टी से नहीं निकाला गया है। चंूकि वे जिला महानगर भाजपा अध्यक्ष पद पर रह चुके हैं, ऐसे में अब कार्यकारिणी में दूसरा कोई पद उन्हें नहीं दिया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि कारण बताओ नोटिस मिलने के बाद बाबूलाल का पार्टी सांसद सुरेश अंगड़ी तथा विधायक अभय पाटिल, संजय पाटिल और कर्नाटक वन औद्योगिक विकास निगम के अध्यक्ष शंकरगौड़ा पाटिल के साथ भी कोई संपर्क नहीं है। सूत्रों ने यह भी बताया कि हाल ही पार्टी के नए अध्यक्ष बने के.एस.ईश्वरप्पा के साथ बाबूलाल अच्छे रिश्ते रखने के प्रयासों में जुटे हुए हैं लेकिन पार्टी के स्थानीय नेताओं ने नई गठित होने वाली कार्यकारिणी में उन्हें स्थान नहीं देने की गुहार लगाई थी। इस संबंध में बाबूलाल राजपुरोहित से फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनका फोन सम्पर्क क्षेत्र से बाहर था।
BELGAUM se prakash bilgoji
मेरे बारे में
- Dharmendra Gaur
- Nagaur, Rajasthan, India
- नागौर जिले के छोटे से गांव भूण्डेल से अकेले ही चल पड़ा मंजिल की ओर। सफर में भले ही कोई हमसफर नहीं रहा लेकिन समय-समय पर पत्रकारिता जगत में बड़े-बुजुर्गों,जानकारों व शुभचिंतकों की दुआ व मार्गदर्शन मिलता रहा। उनके मार्गदर्शन में चलते हुए तंग,संकरी गलियों व उबड़-खाबड़ रास्तों में आने वाली हर बाधा को पार कर पहुंच गया गार्डन सिटी बेंगलूरु। पत्रकारिता में बीजेएमसी करने के बाद वहां से प्रकाशित एक हिन्दी दैनिक के साथ जुड़कर पत्रकारिता का क-क-ह-रा सीखा और वहां से पहुंच गए राजस्थान की सिरमौर राजस्थान पत्रिका में। वहां लगभग दो साल तक काम करने के बाद पत्रिका हुबली में साढ़े चार साल उप सम्पादक के रूप में जिम्मेदारी का निर्वहन करने के बाद अब नागौर में ....
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें