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नागौर जिले के छोटे से गांव भूण्डेल से अकेले ही चल पड़ा मंजिल की ओर। सफर में भले ही कोई हमसफर नहीं रहा लेकिन समय-समय पर पत्रकारिता जगत में बड़े-बुजुर्गों,जानकारों व शुभचिंतकों की दुआ व मार्गदर्शन मिलता रहा। उनके मार्गदर्शन में चलते हुए तंग,संकरी गलियों व उबड़-खाबड़ रास्तों में आने वाली हर बाधा को पार कर पहुंच गया गार्डन सिटी बेंगलूरु। पत्रकारिता में बीजेएमसी करने के बाद वहां से प्रकाशित एक हिन्दी दैनिक के साथ जुड़कर पत्रकारिता का क-क-ह-रा सीखा और वहां से पहुंच गए राजस्थान की सिरमौर राजस्थान पत्रिका में। वहां लगभग दो साल तक काम करने के बाद पत्रिका हुबली में साढ़े चार साल उप सम्पादक के रूप में जिम्मेदारी का निर्वहन करने के बाद अब नागौर में ....

जनवरी 07, 2011

सुरक्षा व्यवस्था पर खर्च होंगे साढ़े नौ करोड़

बेंगलूरु, यशवंतपुर, मैसूर में १४० सीसीटीवी
कैमरे-मई,जून तक पूरा होगा
काम-दपरे जोन में १२० नए पद सृजित
धर्मेंद्र गौड़ @ हुबली
देशभर में महत्वपूर्ण ठिकानों को आतंकियों द्वारा निशाना बनाए जाने की आशंका के मद्देनजर रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा कम चुनौती पूर्ण नहीं है। खुफिया एजेंसियों की ओर से मिली रिपोर्ट के बाद दक्षिण पश्चिम रेलवे के अन्तर्गत आने वाले महत्वपूर्ण बेंगलूरु सिटी स्टेशन व वास्को (गोवा) स्टेशन सहित अन्य स्टेशनों पर २६ जनवरी तक सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। दपरे क्षेत्रीय मुख्यालय में सुरक्षा उपायों को लेकर दपरे के मुख्य सुरक्षा आयुक्त एस.सी.सिन्हा ने पत्रिका से खास बातचीत की। पेश है उसके अंश:

पत्रिका: ऐसी जानकारी मिली थी कि आतंकी भीड़भाड़ वाले रेलवे स्टेशनों को निशाना बना सकते हैं। ऐसे में दपरे में सुरक्षा के क्या इंतजाम किए गए हैं?
सिन्हा: खुफिया एजेंसियों की ओर से आतंकियों के सक्रिय होने संबंधी पत्र मिला है। इसके मद्देनजर आईटी-बीटी सिटी के रूप में विख्यात बेंगलूरु सिटी स्टेशन, यशवंतपुर, मैसूर व पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण वास्को स्टेशन पर सुरक्षा बढ़ाई गई है। स्टेशनों पर चौकसी के अलावा सुरक्षा बलों को यात्रियों से अधिक से अधिक पूछताछ कर संदिग्ध लोगों पर नजर रखने की हिदायत दी गई है। हाल ही दिसम्बर अंत में रेलवे सुरक्षा महानिदेशक रणजीत सिंहा ने जोन का दौरा कर सुरक्षा स्थिति का जायजा लेकर सुरक्षा ढ़ांचे को और अधिक मजबूत करने के सुझाव दिए हैं।
पत्रिका: जोन में एकीकृत सुरक्षा प्रणाली का कार्य किस स्तर पर है?
सिन्हा: रेलवे बोर्ड ने जोन के तीन महत्वपूर्ण स्टेशनों की सुरक्षा के लिए एकीकृत सुरक्षा प्रणाली के तहत ९.७५ करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। पहले चरण में ९.४७ करोड़ रुपए में सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए उपकरण लगाने की प्रक्रिया चल रही है। १४२ पॉलीकार्बोनेट शिल्ड के लिए ऑर्डर दे दिया गया है जबकि १९ बुलेट पु्रफ जैकेट,१४२ बॉडी प्रोटेक्टर व १९ बुलेट पु्रफ हेलमेट खरीदने की प्रक्रिया अंतिम दौर में हैं।
पत्रिका: ऐसा कहा जा रहा है कि रेलवे बोर्ड की ओर से जारी बजट पर्याप्त नहीं है?
सिन्हा: ऐसा कुछ नहीं है। फिर भी इसको जोन के लिए पर्याप्त नहीं कहा जा सकता। इसलिए पहले चरण में महत्वपूर्ण कार्य किए जाएंगे और दूसरे चरण में शेष बजट में अन्य कार्य होंगे। दपरे जोन में ६ करोड़, ४८ लाख, ८९ हजार, ६८४ रुपए लागत से बेंगलूरु में ७१, यशवंतपुर में ३५ व मैसूर में ३४ सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसके अलावा ऑटोमेटिक ४ व्हीकल स्केनर, ३८ हेंड हेन्डल्ड डिटेक्टर, तीन बैग स्क्रीनिंग सिस्टम लगाए जाएंगे। तीनों स्टेशनों पर ५ स्नीफर डोग की सेवाएं भी ली जाएंगी।
पत्रिका: जोन में सुरक्षा बल में मैन पावर का अभाव है, ऐसे में सुरक्षा कैसे संभव है?
सिन्हा: देखिए, मैन पावर की कमी जैसी कोई बात नहीं है। जितने संसाधन व अधिकार बढ़ेंगे, आवश्यकताएं भी बढ़ती जाएंगी। इसलिए मैंने सदैव इस बात पर जोर दिया है कि हमारे पास उपलब्ध संसाधनों का अधिक उपयोग होना चाहिए। देखना यह है कि हम मौजूदा संसाधनों का कितना सदुपयोग कर पाते है। इस बात पर ध्यान देना जरुरी है कि आपके पास जो बल है वह इमानदारी से ड्यूटी कर रहा है या नहीं। कहीं ऐसा तो नहीं कि वह ड्यूटी के दौरान काम कर और अधिकारों का द़ुरुपयोग ज्यादा कर रहा है। इन सब बातों को लेकर समय-समय पर अधिकारियों को इस संबंध में सुरक्षा बलों को यात्रियों के प्रति संवेदनशील होकर व्यवहार करने की सलाह दी जाती है। ताकि यात्रियों में पुलिस का भय होने के बजाय उनमें सुरक्षा बलों के प्रति विश्वास जगे।
पत्रिका: जोन में संख्या बल की दृष्टि से आरपीएफ बल की क्या स्थिति है?
सिन्हा: फिलहाल यहां गजेटेड रेंक के १३ अधिकारी हैं व एक पद रिक्त है। इसके अलावा अन्य सभी वर्गों में १५४० पद स्वीकृत हैं जिनमें १३२६ सुरक्षाकर्मी कार्यरत हैं और २१४ पद खाली हैं। रेलवे बोर्ड ने जोन के लिए १२० नए पद सृजित किए हैं। इस पर भर्ती प्रक्रिया शीघ्र होने की संभावना है। इसके अलावा नई भर्तियों के जरिए सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ा रहा है। देशभर में इस वर्ष ५५०० सुरक्षा बलों की भर्तियां की जानी है। इसमें यहां से भी अनुशंसा की गई है और बोर्ड अपने हिसाब से नए लोग यहां भेजेगा। बेंगलूरू में स्टेशन पर यात्री भार के अनुपात में सुरक्षा बल पर्याप्त नहीं है। वहां पर ज्यादा बल तैनात किया जाएगा। इसके अलावा आमजन का सहयोग भी जरूरी है। यात्रियों को भी सतर्क रहना चाहिए। उनके सहयोग से बल और बेहतर ढ़ंग से काम कर सकेगा।
पत्रिका: रेलवे महिला यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर महिला वाहिनी गठित कर रहा है। इस बारे में कोई आदेश मिला है?सिन्हा: यह कार्य अभी प्रारंभिक चरण में है और रेल मंत्रालय ने इसकी सिफारिश विधि मंत्रालय से की है। एक बार वहां से इसे हरी झण्डी मिलने के बाद संभवत: आगे की कार्रवाई हो। दपरे जोन में फिलहाल ४६ महिला सुरक्षा बल हैं। अगली भर्ती प्रक्रिया में यह संख्या निश्चित तौर पर बढ़ेगी।

-राजस्थान पत्रिका हुबली, में ७ जनवरी २०११ को प्रकाशित

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