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Nagaur, Rajasthan, India
नागौर जिले के छोटे से गांव भूण्डेल से अकेले ही चल पड़ा मंजिल की ओर। सफर में भले ही कोई हमसफर नहीं रहा लेकिन समय-समय पर पत्रकारिता जगत में बड़े-बुजुर्गों,जानकारों व शुभचिंतकों की दुआ व मार्गदर्शन मिलता रहा। उनके मार्गदर्शन में चलते हुए तंग,संकरी गलियों व उबड़-खाबड़ रास्तों में आने वाली हर बाधा को पार कर पहुंच गया गार्डन सिटी बेंगलूरु। पत्रकारिता में बीजेएमसी करने के बाद वहां से प्रकाशित एक हिन्दी दैनिक के साथ जुड़कर पत्रकारिता का क-क-ह-रा सीखा और वहां से पहुंच गए राजस्थान की सिरमौर राजस्थान पत्रिका में। वहां लगभग दो साल तक काम करने के बाद पत्रिका हुबली में साढ़े चार साल उप सम्पादक के रूप में जिम्मेदारी का निर्वहन करने के बाद अब नागौर में ....

जनवरी 16, 2011

रेल बजट से आस, मिलेगा कुछ खास

-चल सकती हैं नई गाडिय़ां
-फेरों में हो सकती हैं बढ़ोतरी

हुबली.रेलमंत्री ममता बनर्जी ने गत वर्ष रेल बजट में राज्य में नई लाइनों, गाडिय़ों, मार्ग दोहरीकरण, सेवा विस्तार सहित नई गाडिय़ों की सौगात दी थी। इस साल के बजट में राज्य में लंबित परियोजनाओं को हरी झण्डी, दोहरीकरण कार्य पूरा करने व लम्बी दूरी की गाडिय़ां चलाने की उम्मीद है। कर्नाटक में न केवल आईटी-बीटी क्षेत्र के लिए बल्कि सेमीकंडक्टर तकनीक के लिए भी बेहतर अवसर हैं। सूचना प्रौद्योगिकी के दम पर राज्य ने देश-दुनिया में खास पहचान बनाई है। राज्य में तेजी से विस्तार कर रहे उद्योग-धंधों के चलते बढ़ते मानव संसाधन के लिए बेहतर ढ़ांचागत सुविधाएं भी जरूरी है। बिजली, पानी, भूमि सहित अन्य सुविधाओं में रेल परिवहन महत्वपूर्ण जरूरत है। राज्य में स्थानीय व प्रवासी यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रेलवे से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े संगठनों, स्थानीय एवं राजस्थान के सांसदों तथा राष्ट्रीय, जोनल व मंडल स्तरीय रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य रेलमंत्री रेल राज्य मंत्री व संबंधित जोन के महाप्रबंधक व रेलवे बोर्ड को पत्र भेजकर जन हित में मांगों पर विचार करने का अनुरोध कर रहे हैं।
राज्य में संभावित नई रेल लाइनें
शिमोगा-हरिहर, तलिगुप्पा-होन्नावर, व्हाइट फील्ड-कोलार, हासन-बेंगलूरु, रायदुर्ग-टुमकुर, बेलगाम-धारवाड़ वाया कित्तूर, बेलगाम-बागलकोट वाया रायचूर, गदग-हावेरी, अलमाती-यादगीर, बीजापुर-शाहबाद, मुनिराबाद-मेहबूबनबर, अलमाती-कुडलसंगम-कोप्पल, व बागलकोट-कुडची।
फेरों में बढ़ोतरी
-गाड़ी संख्या ०६५३९/०६५४० यशवंतपुर-शिरडी एक्सप्रेस को सताह में कम से कम तीन दिन चलाया जा सकता है।
-गाड़ी संख्या ६५३२,६५३४,६५०६, ६५०८ में हर समय यात्री भार अधिक रहने के चलते इनके फेरे बढ़ाए जा सकते हैं।
-गाड़ी संख्या १७२२५/१७२२६ में क्षमता से अधिक सवारियां चलने की वजह से इसे त्रि साप्ताहिक से नियमित किया जा सकता है।
गाड़ी का विस्तार
-गाड़ी संख्या ०६५५४ का विस्तार चेन्नई तक किया जा सकता है।
समय में बदलाव
-गाड़ी संख्या १६५९२ हम्पी एक्सप्रेस के समय में बदलाव किया जा सकता है। इसे बेंगलूरु से रात्रि नौ के बजाय दस बजे चलाया जा सकता है।
-हुबली-तिरुपति गाड़ी संख्या ५७४७१ के समय में भी परिवर्तन संभावित है। इसे ६.३० बजे रवाना किया जाना चाहिए ताकि यात्री हजरत निजामुद्दीन, हुबली की गाड़ी पकड़़ सके।
मार्ग में बदलाव
गाड़ी संख्या १२४२९/१२४३० राजधानी एक्सप्रेस का विस्तार सिकन्द्राबाद तक किया गया है। इसके चलते गाड़ी संख्या १२६४९/१२६५० यशवंतपुर-निजामुद्दीन सम्पर्क क्रांति एक्स प्रेस को वाया गुंतकल,गदग,सोलापुर, दौंड चलाई जानी चाहिए।
जोन में अन्य संभावित कार्य
-अरसिकेरे-बिरुर, मैसूर-बेंगलूरु,होसपेट-वास्को।
-रानीगुंटा-गुंतकल-बेल्लारी होसपेट मार्ग पर विद्युतीकरण को नए बजट में शामिल किया जा सकता है।
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नई गाडिय़ां
हैदराबाद-कोल्हापुर-हैदराबाद नियमित गाड़ी। गाड़ी संख्या ७००३/७००४ हैदराबाद-कोल्हापुर-हैदराबाद फिलहाल द्विसाप्ताहिक चल रही है। गाड़ी संख्या ७४१५/७४१६ का बाइफरकेशन करने के बाद सप्ताह के अन्य दिनों में कोल्हापुर से हैदराबाद जाने के लिए कोई सुविधा नहीं हैं। इसलिए इस गाड़ी को नियमित किया जा सकता है।
गुंतकल-हुबली इंटरसिटी (दिन के समय)। गुंतकल से सुबह ९ बजे रवाना होने वाली गाड़ी दो बजे हुबली पहुंचती है और शाम को वापस छह बजे रवाना होकर रात्रि साढ़े ग्यारह बजे गुंतकल पहुंचती है। हुबली, बेल्लारी, होसपेट, कोप्पल के आसपास अनेक इकाइयां में जहां बड़ी संख्या में लोग कार्यरत है। इसके अलावा धारवाड़ में उच्च न्यायालय की चर पीठ होने से बड़ी संख्या में अधिवक्ता व आमजन हुबली-धारवाड़ आते हैं और शाम को वापस अपने शहर जाते हैं। ऐसे में गुंतकल-हुबली के बीच इंटरसिटी चलाई जा सकती है
हुबली-चेन्नई: हुबली-चेन्नई मार्ग पर बढ़ते यात्री भार को देखते हुए इस मार्ग पर द्वि साप्ताहिक या त्रि साप्ताहिक वाया गुंतकल,धरमावरम,पाकला,रेनीगुंटा-न्यू पाकला मार्ग पर शुरू की जा सकती है।
मुम्बई-चेन्नई: इस मार्ग पर एक गाड़ी वाया शोलापुर, बीजापुर, गदग, कोप्पल, होसपेट, बेल्लारी व गुंतकल चलाई जानी चाहिए। इसके अलावा हाल ही लोकमान्य तिलक टर्मिनस से यशवंतपुर के बीच शुरू की गई ०१२१५/ ०१२१६ स्पेशल गाड़ी का विस्तार चेन्नई तक किया जा सकता है।
हुबली-मुम्बई के बीच रात्रि गाड़ी: हुबली से मुम्बईके बीच रात्रि में रेल सेवा नहीं होने से यात्रियों को काफी परेशानी होती है। हुबली/ मुम्बई से शाम को रवाना होकर अगले दिन सुबह सात बजे हुबली/ मुम्बई पहुंचे।
यशवंतपुर-जोधपुर: राजस्थान जाने वाली सभी गाडिय़ों के हमेशा हाउस फुल रहने के चलते यात्री हित में यशवंतपुर से जोधपुर के बीच नई गाड़ी वाया गुंतकल, होसपेट, गदग, सोलापुर, दोंड, मनमाड, सूरत, अहमदाबाद,भिलड़ी,समदड़ी चलाई जा सकती है।
हुबली से बीकानेर के लिए सीधी सेवा: राजस्थान के बीकानेर क्षेत्र में जाने वाले यात्रियों को जोधपुर, अजमेर या जयपुर होकर गंतव्य तक जाना पड़ता है। ऐसे में अतिरिक्त समय लगता है। हुबली सहित उत्तर कर्नाटक के १० से अधिक जिलों के लोग इस गाड़ी से लाभांवित हो सकते हैं। हुबली से वाया बेलगाम, मिरज, पुणे, सूरत, अहमदाबाद, भिलड़ी, समदड़ी, जोधपुर चलाई जा सकती है।
रविवार को भी चले डेमू-मेमू: जोन के अन्तर्गत बेंगलूरु-बंगारपेट/मणिकुप्पम का परिचालन रविवार को भी किया जाना चाहिए। इस मार्ग पर नियमित रूप से आने जाने वाले यात्रियों को समस्या होती है। ऐसे में रविवार को इस गाड़ी की सेवा शुरू की जा सकती है ।
बेेंगलूरु-पालीताणा, भावनगर: पालीताणा जैन समाज के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ होने के चलते यहां देश भर से लाखों श्रद्धालु वर्ष भर आते रहते हैंं। कर्नाटक से भी बड़ी संख्या में जैन श्रद्धालु पालीताणा तीर्थ जाते हैं। पालीताणा के लिए सीधी रेल सेवा नहीं होने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसलिए पालीताणा के लिए एक नईगाड़ी वाया गुंतकल, हुबली चलाई जा सकती है।
हुबली-गुलबर्गा: गुलबर्गा संभागीय मुख्यालय है और इस क्षेत्र के लिए प्रदेश के अन्य हिस्सों से बहुत कम सम्पर्क सेवाएं हैं। इसलिए हुबली-गुलबर्गा के बीच नईगाड़ी वाया गदग, कोप्पल, होसपेट, बेल्लारी व गुंतकल चलाई जा सकती है।
हुबली-सोलापुर: हुबली से सोलापुर के लिए यात्रियों की सुविधा के लिए गाड़ी की मंाग लम्बे समय से की जा रही है। हुबली से १० बजे सोलापुर के लिए गाड़ी चलाई जानी चाहिए।

बजट से हैं काफी उम्मीदें
दपरे रेलवे के महत्वपूर्ण जोन में से है और आगामी बजट में इसको काफी कुछ मिलने की उम्मीद है। राज्य में ढांचांगत सुविधाओं की कमी नहीं है। नई योजनाओं की घोषणाओं से जहां एक ओर रेलवे को राजस्व मिलेगा वहीं, आमजन को सुविधा होगी। यहां से अन्य प्रदेशों के लिए लम्बी दूरियों की गाडिय़ां चलाने की मांग लम्बे समय से की जा रही है। नई लाइनों, कुछ मार्गों पर दोहरीकरण, गाडिय़ों के फेरे बढ़ाने, नई गाडिय़ां चलाने सहित कुछ अन्य मंागें हैं। जिनको लेकर स्थानीय रेल अधिकारियों व रेलवे बोर्ड को पत्र भेजा गया है।
-बाबुलाल जी. जैन, सदस्य, राष्ट्रीय रेलवे उपभोक्ता सलाहकार परिषद
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राजस्थान-दक्षिण के बीच मांगी चार गाडिय़ां
दक्षिण से राजस्थान-गुजरात के लिए नई गाडिय़ां चलाने के लिए रेलमंत्री ममता बनर्जी से बात की है। राजस्थान के अनेक सांसदों के अलावा मैं कर्नाटक के कई सांसदों से व्यक्तिगत रूप से मिला हूं और हम सब मिलकर संयुक्त रूप से गाडिय़ां चलाने की मांग कर रहे हैं। नए बजट में राजस्थान से चेन्नई, कोयम्बटूर, बेंगलूरु व हुबली के लिए गाडिय़ों की मांग की गई है। उम्मीद है इस बजट में नई गाडिय़ों को मंजूरी मिलेगी और प्रवासियों को फायदा होगा।
-देवजी भाई पटेल, सांसद, जालोर-सिरोही

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