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Nagaur, Rajasthan, India
नागौर जिले के छोटे से गांव भूण्डेल से अकेले ही चल पड़ा मंजिल की ओर। सफर में भले ही कोई हमसफर नहीं रहा लेकिन समय-समय पर पत्रकारिता जगत में बड़े-बुजुर्गों,जानकारों व शुभचिंतकों की दुआ व मार्गदर्शन मिलता रहा। उनके मार्गदर्शन में चलते हुए तंग,संकरी गलियों व उबड़-खाबड़ रास्तों में आने वाली हर बाधा को पार कर पहुंच गया गार्डन सिटी बेंगलूरु। पत्रकारिता में बीजेएमसी करने के बाद वहां से प्रकाशित एक हिन्दी दैनिक के साथ जुड़कर पत्रकारिता का क-क-ह-रा सीखा और वहां से पहुंच गए राजस्थान की सिरमौर राजस्थान पत्रिका में। वहां लगभग दो साल तक काम करने के बाद पत्रिका हुबली में साढ़े चार साल उप सम्पादक के रूप में जिम्मेदारी का निर्वहन करने के बाद अब नागौर में ....

अप्रैल 16, 2010

दपरे ने यात्री भाड़े में कमाए 957.12 करोड़ : चतुर्वेदी

हुबली को स्टेशन रख-रखाव व राजभाषा रोलिंग शील्ड
बेंगलूरु को समग्र दक्षता व मैसूर को सुरक्षा दक्षता शील्ड
हुबली,16अप्रेल।
दक्षिण पश्चिम रेलवे (दपरे) महाप्रबंधक कुलदीप चतुर्वेदी ने दपरे की सफलताओं पर रोशनी डालते हुए कहा कि वर्ष 2009-10 में दपरे ने 154.6 7 मिलियन यात्रियों से 957.12 करोड़ कमाए हैं। पिछले वर्ष के मुकाबले यात्रियों में 13.33 प्रतिशत तथा आय में 6 .48 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। चतुर्वेदी चालुक्य रेलवे इंस्टीट्यूट में दपरे मुख्यालय की ओर से आयोजित 55 वें रेल सप्ताह समारोह का उद्घाटन कर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 2008 -09 में 136.48 मिलियन यात्रियों से 898.8 5 करोड़ कमाए गए थे। इसके अलावा वर्ष 2008 -09 की तुलना में वर्ष 2009-10 में अन्य कोच व विभिन्न स्रोतों से आय में 13 प्रतिशत तथा 98.40 बढ़ोतरी हुई है।
पार्सल वैन ढुलाई में वृद्धि: वैश्विक मंदी के चलते वर्ष में 4.06 प्रतिशत माल ढुलाई में कमी के चलते वर्ष 2009-10 में माल भाड़े में 16.89 प्रतिशत का घाटा हुआ है। जेवीएसएल माल ढुलाई व कमाई में बेहतरीन सफलता पाई है। त्योहारों व अवकाश के मौसम में अतिरिक्त यात्रियों के भार के चलते दपरे ने 3934 विशेष ट्रेनों तथा 6 8 15 अतिरिक्त कोच लगाए। इस वर्ष विशेष ट्रेनों की सेवा में 15.42 प्रतिशत का सुधार तथा अतिरिक्त कोच को शामिल कर 3.22 प्रतिशत सुधार किया गया है। वर्ष 2009-10 में 8031 पार्सल वैन की ढुलाई की गई जबकि वर्ष 2008 -09 में 6389 पार्सल वैन की ढुलाई की गई थी। कुल 25.7 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है।

हुबली में दपरे की ओर से शुक्रवार को आयोजित रेल सप्ताह कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन करते दपरे महाप्रबंधक कुलदीप चतुर्वेदी।
राजधानी एक्सप्रेस को किया दैनिक: दपरे ने वर्ष 2009 के बजट में घोषित सभी ट्रेनों को शुरू किया है। बेंगलूरु व दिल्ली को जोडऩेवाली राजधानी एक्सप्रेस को सप्ताह में चार दिन के बजाए दैनिक किया गया है। हावड़ा व बेंगलूरु के बीच चलाई जा रही पहली दुरंटो ट्रेन को अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। इस ट्रेन में चिकित्सक की अतिरिक्त सेवा भी दी जा रही है। यशवंतपुर व देवनहल्ली तथा यशवंतपुर से होसूर के बीच लोकल ट्रन चलाने की बेंगलूरु के यात्रियों की बहुत दिनों से लंबित मांग को पूरा किया गया। पिछले वर्ष माल ढुलाई के दौरान लोको विफलता में 6 प्रतिशत का सुधार किया गया है। हुबली व मैसूर वर्कशाप का कार्य संतोषजनक रहा।
यात्री सुविधाओं में इजाफा: यात्रियों की सुविधा को देखते हुए दपरे ने रेलवे स्टेशनों के सुधार के साथ उन्नतीकरण भी किया है। रेलवे स्टेशनों पर प्लेटफार्मों का विकास, पैदल यात्रियों के लिए पुल, स्टेशन भवनों तथा आसपास के इलाके का सुधार, प्लाटफार्मों पर आधुनिक लाइटिंग की व्यवस्था आदि सुधार किए गए हैं। आसानी से टिकटों के वितरण के लिए 178 स्टेशनों में बिना आरक्षण टिकट व्यवस्था (यूटीएस) तथा 49 स्टेशनों में यूटीए कम पीआरएस सेवा शुरू की है। इसके अलावा 40 स्थानों पर अतिरिक्त पीआरएस केंद्र स्थापित किए गए हैं। 19 इंडिया पोस्ट पीआरएस तथा 2 पीआरएस केंद्र सैनिक इलाके में शुरू किए गए हैं। यात्रियों को बिना आरक्षण के टिकट वितरण के लिए 15 जन साधारण टिकट बुकिंग सेवकों को नियुक्त किया गया है।
मोबाइल वैन के जरिए टिकट: उन्होंने कहा कि बेंगलूरु में मोबाइल वैन के जरिए टिकट देने की योजना बनाई जा रही है। तुमकुर, धरमापुरी, बंगारपेट, दावणगेरे, टिपटूर, केंगेरी तथा हावेरी रेलवे स्टेशन भवनों का उन्नतीकरण कार्य किया गया है। हुबली के नए स्टेशन भवन का कार्य चल रहा है। बेलगाम स्टेशन भवन का कार्य जल्द पूरा हो जाएगा। मैसूर, हुबली, बेल्लारी, दावणगेरे, शिमोग्गा शहर, तुमकुर तथा यशवंतपुर में विभिन्न सेवाओं वाले वाणिज्य भवन के निर्माण की योजना बनाई गई है।
बेंगलूरु स्टेशन होगा विश्वस्तरीय: उन्होंने कहा कि बेंगलूरु सिटी तथा बैयप्पनहल्ली स्टशनों को विश्व स्तरीय बनाने की योजना है। लोंडा तथा चामराजनगर स्टेशन सहित बागलकोट, देवनहल्ली, दोड बल्लापुर, गौरीबिदनूर, गोकाक रोड तथा यलहंका जंक्शनों को भी आदर्श स्टेशन के रुप में विकसित किया जाएगा। हुबली स्टेशन में आधुनिक सुविधाओं से लैस सेल किचन को शुरू किया गया है। हुबली-हेबसूर के बीच पटरी दोहरीकरण कार्य किया गया है। धारवाड़-कम्बारगणी के बीच बिछाई गई नई दोहरी लाईन कार्य का सीआरएस निरीक्षण किया गया है।

हुबली में दपरे की ओर से शुक्रवार को आयोजित रेल सप्ताह कार्यक्रम में बेंगलूरु मंडल प्रबंधक अखिल अग्रवाल को समग्र दक्षता शील्ड प्रदान करते दपरे महाप्रबंधक कुलदीप चतुर्वेदी।
मंडलों का कार्य संतोषजनक: चतुर्वेदी ने दपरे के सभी मंडलों के कार्य पर अपनी संतुष्ठि जताई। इस अवसर पर बेंगलूरु मंडल के मंडल प्रबंधक अखिल अग्रवाल ने समग्र दक्षता शील्ड ग्रहण की। वाणिज्य शील्ड मैसूर तथा बेंगलूरु मंडल को दिया गया। मैसूर मंडल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अनुप दयानंद तथा बेंगलूरु के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक प्रवीण पांडे को शिल्ड दी गई। इस अवसर पर 8 अधिकारियों तथा 156 रेलकर्मियों को उच्च सेवा तथा 19 शील्ड मंडलों की सफलता पर वितरित की गई। इस अवसर पर दपरे महिला कल्याण संगठन की कल्पना चतुर्वेदी, मुख्य कार्मिक अधिकारी मोहन मेनन के अलावा बेंगलूरु, मैसूर मंडल बी.बी वर्मा, हुबली मंडल प्रबंधक आदेश शर्मा, वरिष्ठ अधिकारी, पुरस्कृत कर्मचारी व अधिकारी, समेत दपरे के सभी मंडलों के मजदूर संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे।

दपरे जाने के वर्ष २००९-१० में दक्षता शील्ड विजेता
शील्ड विजेता मंडल
परिचालन दक्षता शील्ड - बेंगलूरु
वाणिज्य दक्षता शील्ड - मैसूर व बेंगलूरु
अंतर मंडल राजभाषा रोलिंग शील्ड-हुबली
सुरक्षा दक्षता शील्ड - मैसूर
लेखा दक्षता शील्ड - बेंगलूरु व हुबली
अभियांत्रिकी दक्षता शील्ड-हुबली व बेंगलूरु
यांत्रिकी दक्षता शील्ड- बेंगलूरु
कार्यशाला दक्षता शील्ड- हुबली
श्रेष्ठ निर्माण ईकाई प्रदर्शन दक्षता-डीई/सीई/सीएन/एचएएस
श्रेष्ठ रख-रखाव स्टेशन (प्रमुख)- वास्को डि गामा/हुबली
श्रेष्ठ रख-रखाव परिचालन कक्ष-एसबीएचआर/मैसूर मंडल
अंतर मंडल सुरक्षा शील्ड - मैसूर
श्रेष्ठ रख-रखाव स्टेशन (सामान्य)अलमात्ती/हुबली
चिकित्सा दक्षता शील्ड-बेंगलूरु
भंडार दक्षता शील्ड-डीएसडी/बेंगलूरु
कार्मिक दक्षता शील्ड-बेंगलूरु
विद्युत दक्षता शील्ड- बेंगलूरु
सिग्नल एवं टेलिकॉम दक्षता- बेंगलूरु
समग्र दक्षता शील्ड-बेंगलूरु
-लेखा दक्षता शील्ड बेंगलूरु व हुबली को संयुक्त रूप से दी गई है। यह पहले छह माह तक बेंगलूरु मंडल के पास व बाद में हुबली के पास रहेगी।
-वाणिज्य दक्षता शील्ड मैसूर व बेंगलूरु को संयुक्त रूप से दी गई है। यह पहले छह माह तक मैसूर मंडल के पास व बाद में बेंगलूरु के पास रहेगी।
-अभियांत्रिकी दक्षता शील्ड हुबली व बेंगलूरु को संयुक्त रूप से दी गई है। यह पहले छह माह तक हुबली मंडल के पास व बाद में बेंगलूरु के पास रहेगी।

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