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Nagaur, Rajasthan, India
नागौर जिले के छोटे से गांव भूण्डेल से अकेले ही चल पड़ा मंजिल की ओर। सफर में भले ही कोई हमसफर नहीं रहा लेकिन समय-समय पर पत्रकारिता जगत में बड़े-बुजुर्गों,जानकारों व शुभचिंतकों की दुआ व मार्गदर्शन मिलता रहा। उनके मार्गदर्शन में चलते हुए तंग,संकरी गलियों व उबड़-खाबड़ रास्तों में आने वाली हर बाधा को पार कर पहुंच गया गार्डन सिटी बेंगलूरु। पत्रकारिता में बीजेएमसी करने के बाद वहां से प्रकाशित एक हिन्दी दैनिक के साथ जुड़कर पत्रकारिता का क-क-ह-रा सीखा और वहां से पहुंच गए राजस्थान की सिरमौर राजस्थान पत्रिका में। वहां लगभग दो साल तक काम करने के बाद पत्रिका हुबली में साढ़े चार साल उप सम्पादक के रूप में जिम्मेदारी का निर्वहन करने के बाद अब नागौर में ....

अप्रैल 13, 2010

अपराधियों की खैर नहीं : सिन्हा

जीआरपी व आरपीएफ की संयुक्त टास्क फोर्स गठित
एकीकृत सुरक्षा प्रणाली के लिए ९.७५ करोड़ मंजूर
धर्मेन्द्र गौड़
हुबली,१३ अप्रेल।
दक्षिण पश्चिम रेलवे जोन के तीन स्टेशनों पर एकीकृत सुरक्षा प्रणाली लगाने,यात्री व रेलवे संपति सुरक्षा एवं जोन में अपराध के ग्राफ में कमी करने सहित अनेक मुद्दों पर दपरे के मुख्य सुरक्षा आयुक्त सुभाष चन्द्र सिन्हा ने पत्रिका से विशेष बातचीत में विस्तार से जानकारी दी। पेश है सिन्हा से बातचीत के सम्पादित अंश:

पत्रिका: रेलवे में अपराध दर कम करने के लिए क्या प्रयास किया जा रहा है?
सिन्हा: दक्षिण पश्चिम रेलवे में अपराध की दर अन्य जोन से काफी कम है और इसके ग्राफ में पिछले वर्ष की तुलना में कमी आई है। यात्रियों व रेलवे माल की सुरक्षा में मुस्तैद रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के साथ बेहतर तालमेल से अपराधियों पर नकैल कसने की तैयारी में है। अपराध दर में कमी के लिए जीआरपी व आरपीएफ संयुक्त रूप से कार्य कर रहे हैं। इसके तहत जोन के बेंगलूरु,हुबली व मैसूर मंडल में टास्क फोर्स का गठन कर अपराधियों पर नजर रखी जा रही है।
पत्रिका: जीआरपी व रेलवे सुरक्षा बल में कितना तालमेल?
सिन्हा: बेशक,दोनों में बेहतर सामंजस्य है। अपराधियों पर नियंत्रण के लिए जीआरपी व आरपीएफ सूचनाओं का आदान-प्रदान कर रहे हैं ताकि अपराधियों तक जल्द से जल्द कार्रवाई की जा सके। रेल में जेब कतरने व सामान चोरी की घटनाओं के मद्देजनर दोनों की संयुक्त टास्क फोर्स काम कर रही है। इस संबंध में गृह सचिवों,आईबी व एमएचए के अधिकारियों की रेलवे बोर्ड अधिकारियों व सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशकों(आईजी/एडीजी)की मौजूदगी में हाल ही हुई बैठक में देश भर में रेलवे में अपराध दर में कमी लाने के लिए अन्तरराज्यीय स्तर पर सामंजस्य बनाने पर जोर दिया गया। साथ ही बैठक में जीआरपी व बल द्वारा संयुक्त रूप से काम करने की जरुरत महसूस की गई।
पत्रिका: जोन में एकीकृत सुरक्षा प्रणाली कब तक शुरू होगी?
सिन्हा: जोन में बेंगलूरु,यशवंतपुर व मैसूर स्टेशन पर एकीकृत सुरक्षा प्रणाली (इंटीग्रेटेड सिक्यूरिटी सिस्टम) लगाई जानी है। इसके लिए बोर्ड को भेजे गए १४ करोड़ के प्रस्ताव पर बोर्ड ने फिलहाल ९.७५ करोड़ रूपए मंजूर किए हैं। इसे दपरे महाप्रबंधक की मंजूरी भी मिल गई है। शीघ्र ही इस संबंध में निविदा बुलाई जानी है।
पत्रिका: १४ करोड़ की मांग पर बोर्ड द्वारा स्वीकृत ९।७५ करोड़ की राशी पर्याप्त है?
सिन्हा: पर्याप्त तो नहीं है लेकिन हमने प्रथम चरण में जरुरी कार्यों को शामिल किया है। इस राशी से तीनों चयनित स्थानों पर लगाए जाने वाली प्रणाली की गुणवत्ता अच्छी रखी है लेकिन प्रणाली के तहत उपकरणों की संख्या में कमी कर दी है। जिन्हें दूसरे चरण में पूरा किया जाएगा। इसके लिए सुरक्षा विशेषज्ञों की सेवाएं ली जाएगी और सुरक्षा के मानदंडों पर खरा उतरने वाली कंपनी को यह कार्य दिया जाएगा।
पत्रिका: इस प्रणाली के अन्तर्गत क्या-क्या सुविधाएं होंगी?
सिन्हा: क्लोज सर्किट टीवी कैमरा (सीसीटीवी) इस प्रणाली में अहम है। इसके जरिए रेलवे स्टेशन,प्लेटफार्म,पार्किंग क्षेत्र,यार्ड,पार्सल कार्यालय,लॉबी आदि पर नजर रखी जा सकेगी। प्रणाली के अन्तर्गत लगाए जाने वाले उपकरण अद्यतन व उच्च तकनीक युक्त होंगे जिसके कारण सब कुछ कैमरे की नजर में होगा। इसके अलावा लगेज स्केनर,वाहन स्केनर,हैंड हेल्ड मैटल डिटेक्टर भी लगाए जाएंगे। इनके जरिए स्टेशन के चप्पे चप्पे पर नजर रखी जा सकेगी।
पत्रिका: रेलों में यात्री सुरक्षा को लेकर क्या कर रहे हैं?
सिन्हा: देखिए,जहां तक यात्री सुरक्षा की बात है बल ने इसे लेकर कभी कोई समझौता नहीं किया है। यात्रियों की सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर है। जहरखुरानी,चोरी,हत्या की घटनाओं में कमी आई है और सुरक्षा बल का एंटी ड्रग स्क्वाड की ओर से समय-समय पर यात्रियों को सह यात्रियों से सजग रहने के लिए जागरुक किया जाता है। इसके लिए यात्रियों को भी थोड़ा सतर्क रहना चाहिए। कई बार देखा गया है कि यात्री अनजान लोगों से खाद्य सामग्री खाने के बाद अपना नुकसान खुद कर लेते हैं। इसलिए यात्रियों को सजग रहना चाहिए।

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