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नागौर जिले के छोटे से गांव भूण्डेल से अकेले ही चल पड़ा मंजिल की ओर। सफर में भले ही कोई हमसफर नहीं रहा लेकिन समय-समय पर पत्रकारिता जगत में बड़े-बुजुर्गों,जानकारों व शुभचिंतकों की दुआ व मार्गदर्शन मिलता रहा। उनके मार्गदर्शन में चलते हुए तंग,संकरी गलियों व उबड़-खाबड़ रास्तों में आने वाली हर बाधा को पार कर पहुंच गया गार्डन सिटी बेंगलूरु। पत्रकारिता में बीजेएमसी करने के बाद वहां से प्रकाशित एक हिन्दी दैनिक के साथ जुड़कर पत्रकारिता का क-क-ह-रा सीखा और वहां से पहुंच गए राजस्थान की सिरमौर राजस्थान पत्रिका में। वहां लगभग दो साल तक काम करने के बाद पत्रिका हुबली में साढ़े चार साल उप सम्पादक के रूप में जिम्मेदारी का निर्वहन करने के बाद अब नागौर में ....

अप्रैल 10, 2010

तल्ख हुए सूर्य के तेवर


गुलबर्गा, रायूचर सबसे गर्म
धर्मेन्द्र गौड
हुबली, अप्रेल।
उत्तर कर्नाटक में गर्मी के तीखे तेवर बुधवार को भी बरकरार रहे। दिन चढऩे के साथ ही शुरू होने वाला गर्मी का दौर देर शाम तक बना रहता है। सुबह से ही सूर्यदेव अपने तेवर दिखाने शुरू कर देते हंै। दोपहर के समय की गर्मी व तन झुलसाने वाली उमस से लोगों का बुरा हाल है। इस दौरान मुख्य मार्गों पर पसरे सन्नाटे को देखकर यह अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है कि यहां गर्मी का प्रकोप कितना है। मौसम विभाग के अनुसार गत सप्ताह हुबली शहर का अधिकतम तापमान ३५ डिग्री सेल्सियस के आसपास चल रहा था जो अब ३९ तक पहुंच गया है। इन दिनों उत्तर कर्नाटक में गुलबर्गा ४१, रायचूर ४१, बीदर ४१, बीजापुर ४२, बेल्लारी ४० डिग्री तापमान के साथ सबसे गर्म हैं।
सूरज ने दिखाए तेवर : सूर्य देव ने तल्ख तेवर दिखाना शुरू कर दिया है। गत सोमवार को खनन क्षेत्र बेल्लारी में अधिकतम 41.४ व न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। ऐसे में वे गर्मी में या तो घर जाकर विश्राम करते हंै या फिर दुकान में पंखों, एसी व कूलरों का सहारा लेते हैं। छोटा मुम्बई के नाम से प्रसिद्ध राज्य के दूसरे बड़े शहर हुबली में भीषण गर्मी से आम जनजीवन त्रस्त है। इन दिनों परीक्षाओं के चलते विद्यार्थियों को काफी परेशानी का सामना पड़ रहा है। बाइक से जाने वाली युवतियां दुपट्टे से सिर ढाक कर गाड़ी चला रही हंै।
पशु-पक्षियों का हाल बेहाल : हुबली शहर में कई ऐसे इलाके हैं जहां सप्ताह में केवल एक बार पेयजलापूर्ति की जाती है ऐसे में पशु-पक्षियों को पानी की तलाश में दर-दर भटकना पड़ रहा है। सड़कों पर आवारा घूमने वाले पशु बाजार में इधर-उधर पानी की तलाश में घूमते देखे जा सकते हैं। वहीं परिंदें घरोंं में नल या फिर बाल्टियों में रखे पानी से प्यास बुझा रहे हैं। आमतौर पर आदमी से दूर रहने वाले पक्षी इन दिनों सड़क किनारे शीतल पेय बेचने वालों के आसपास डेरा डाले दिखाई दे जाते हैं ,
ग्राहकी को लगा ग्रहण : गर्मी बढऩे से ग्राहकी में अपेक्षाकृत कमी हुई है, जिसका सीधा असर बाजार में देखने को मिल रहा है। ग्राहकी मंद होने से व्यापारियों को अधिकांश समय बैठे ही रहना पड़ रहा है। लोग सुबह या फिर शाम को ही खरीदी करने घरों से निकल रहे हैं। गर्मी के कारण व्यावसायिक मंदी की मार वाहन चालकों को भी झेलनी पड़ रही है। शहर में रेलवे स्टैण्ड के समीप व ईदगाह मैदान में वाहन दिन भर ग्राहकों के लिए तरसते दिखाई दे रहे हैं। वाहन चालकों के वाहन भी ग्राहकों के इंतजार में खड़े ही रहते है। गर्मी की मार के कारण लोग कहीं आना या जाना पसंद ही नहीं करते, ऐसे में वाहन चालकों को आर्थिक परेशानियां झेलनी पड़ रही है ।
शीतल पेय विक्रेताओं की चांदी : हालांकि शाम के समय भी गर्मी व उमस से लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है। गर्मी के कारण लोगों की दिनचर्या में भी बदलाव देखने को मिल रहा है। गर्मी से बचने के लिए लोगों को पंखे, कूलर व एसी का सहारा लेना पड़ रहा है। भीषण गर्मी के प्रकोप से बचने के लिए बाजारों में ज्यूस व आइसक्रीम की दुकानों पर भीड़ देखने को मिल रही है। इसके अलावा नारियल पानी के लिए थड़ी पर लोगों को गला तर करते देखा जा सकता है। इसके अलावा दोपहर में लस्सी, छाछ, दही या अन्य शीतल पेय पदार्थ पीकर गर्मी दूर करने का जतन कर रहे हैं।
मुश्किल हुआ रोटी का जुगाड़ : गर्मी की मार का असर लोगों के रोजगार पर दिखाई दे रहा है। गर्मी के कारण दिन चढ़ते ही सड़कें सूनी हो जाती हैं व व्यस्ततम रहने वाले चौराहों पर सन्नाटा छा जाता है। ऐसे में दुकानदारों को भी मंद ग्राहकी झेलनी पड़ रही है। गर्मी के कारण सामान्य श्रमिक से लेकर व्यापारिक प्रतिष्ठान चलाने वाले लोगों के पास ग्राहकों का टोटा दिखाई दे रहा है। जुड़वां शहर में इन दिनों लगातार बढ़ती गर्मी के कारण आमजन बेहाल है। शहर में बुधवार को भी सूर्यदेवता अंगारे बरसाते रहे। इन दिनों गर्मी परवान पर है, जिसके कारण सड़कों पर सन्नाटा पसरा नजर आ रहा है। दिहाड़ी मजदूरी पर काम कर आजीविका चलाने वाले मजदूरों का हाल बेहाल है। गर्मी के चलते काम नहीं मिलने पर परिवार का पेट पालना मुश्किल हो रहा है।
बैरन बनी गर्मी के कारण शहर का आम व्यापारी व छोटा व्यवसायी गर्मी से परेशान है। गर्मी के कारण बाजार सूने है और इसका सीधा ग्राहकी पर पड़ रहा है। ग्राहक केवल सुबह या शाम को ही खरीदी के लिए आ रहे हैं। जिसके चलते बिजनेस पर पर असर पड़ा है। - महावीर कुमार जैन, व्यवसायी

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