घंटों यातायात जाम में फंसे रहे लोग
हुबली,अप्रेल। लोकतंत्र में अपने हक के लिए धरना-प्रदर्शन करना सबका अधिकार है लेकिन यही अधिकार जब अन्य लोगों के लिए आफत बन जाए तो क्या किया जाए। कुछ ऐसा ही मंगलवार को हुबली शहर में देखने को मिला। जब हुबली बस स्टैण्ड के पास अपनी मांगों को लेकर रास्ता जाम करने से लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ा। सुबह ९.३० बजे से सड़क पर प्रदर्शन कर हुबली-धारवाड़ की ओर जाने वाले सड़क मार्ग को बंद कर देने के चलते वाहनों की लम्बी कतार लग गई व बाद में तारिहाल, एयरपोर्ट, गोकुल रोड, पुरानी हुबली व धारवाड़,गदग,होसपेट,सहित अन्य शहरों की ओर जाने वाली सभी छोटे-बड़े वाहनों को मार्ग बदल कर भेजा गया।
सुबह दफ्तर व दुकान जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। दुपहिया व अन्य बड़े वाहनों एवं सरकारी बसों से सफर कर गंतव्य तक पहुंचने वाले लोग काफी देर तक बीच रास्ते में अटक गए जिसके चलते वे कार्य स्थल भी विलंब से पहुंचे। पुलिस उन लोगों को समझाकर मार्ग खोलने पर राजी करने की कोशिश में जुटी थी कि चेन्नम्मा सर्कल पर स्थानीय अर्थमूवर्स मशीनरी ओनर्स एसोसिएशन ने राज्य सरकार की ओर से जेसीबी, एलएण्डटी, टेरेक्स, एसीई, कैटरपिल्लर, एसकार्ट्स आदि भारी वाहनों पर कर बढ़ोतरी के विरोध में कित्तूर चेन्नम्मा सर्कल में जेसीबी के साथ प्रदर्शन किया।
भारी भरकम मशीनों ने लगभग पूरी सड़क को घेर रखा था जिसके चलते रास्ते से वाहनों का गुजरना कठिन हो गया। इसके अलावा राज्य में इसाइयों पर हो रहे प्रताडऩ के खिलाफ हुबली-धारवाड़ जिला अल्पसंख्यक इसाई कल्याण संगठन की ओर से बड़ी संख्या में एकत्र लोगों ने प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री के नाम सहायक तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।
क्या कहते हैं अधिकारी - यह सही है कि जुड़वा शहर में आए दिन हो रहे धरना-प्रदर्शन से आम जन को तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है। प्रदर्शन के चलते घंटों यातायात जाम रहता है और लोगों को आवागमन में तकलीफ हो रही है। धरना प्रदर्शन से होने वाली परेशानी से निजात दिलाने के लिए शहर पुलिस आयुक्त से बातचीत चल रही है और शीघ्र ही इस मसले को लेकर कोई सकारात्मक हल निकाला जाएगा। - दर्पण जैन,जिलाधिकारी
मेरे बारे में
- Dharmendra Gaur
- Nagaur, Rajasthan, India
- नागौर जिले के छोटे से गांव भूण्डेल से अकेले ही चल पड़ा मंजिल की ओर। सफर में भले ही कोई हमसफर नहीं रहा लेकिन समय-समय पर पत्रकारिता जगत में बड़े-बुजुर्गों,जानकारों व शुभचिंतकों की दुआ व मार्गदर्शन मिलता रहा। उनके मार्गदर्शन में चलते हुए तंग,संकरी गलियों व उबड़-खाबड़ रास्तों में आने वाली हर बाधा को पार कर पहुंच गया गार्डन सिटी बेंगलूरु। पत्रकारिता में बीजेएमसी करने के बाद वहां से प्रकाशित एक हिन्दी दैनिक के साथ जुड़कर पत्रकारिता का क-क-ह-रा सीखा और वहां से पहुंच गए राजस्थान की सिरमौर राजस्थान पत्रिका में। वहां लगभग दो साल तक काम करने के बाद पत्रिका हुबली में साढ़े चार साल उप सम्पादक के रूप में जिम्मेदारी का निर्वहन करने के बाद अब नागौर में ....
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