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नागौर जिले के छोटे से गांव भूण्डेल से अकेले ही चल पड़ा मंजिल की ओर। सफर में भले ही कोई हमसफर नहीं रहा लेकिन समय-समय पर पत्रकारिता जगत में बड़े-बुजुर्गों,जानकारों व शुभचिंतकों की दुआ व मार्गदर्शन मिलता रहा। उनके मार्गदर्शन में चलते हुए तंग,संकरी गलियों व उबड़-खाबड़ रास्तों में आने वाली हर बाधा को पार कर पहुंच गया गार्डन सिटी बेंगलूरु। पत्रकारिता में बीजेएमसी करने के बाद वहां से प्रकाशित एक हिन्दी दैनिक के साथ जुड़कर पत्रकारिता का क-क-ह-रा सीखा और वहां से पहुंच गए राजस्थान की सिरमौर राजस्थान पत्रिका में। वहां लगभग दो साल तक काम करने के बाद पत्रिका हुबली में साढ़े चार साल उप सम्पादक के रूप में जिम्मेदारी का निर्वहन करने के बाद अब नागौर में ....

अप्रैल 11, 2010

हुबली मंडल ने कमाए १७८ करोड़, यात्री भार में १३.४ वृद्धि


यात्री सुविधाओं व रख-रखाव में जोन में अव्वल
धर्मेन्द्र गौड़
हुबली,११ अप्रेल।
दपरे का हुबली मंडल माल परिवहन के साथ-साथ यात्री परिवहन व यात्री सुविधाओं में भी जोन के तीनों मंडलों में अव्वल रहा है। बीते वित्त वर्ष 2009-10 में ३१ मार्च तक हुबली मंडल की कुल आय १७८ करोड़ रही और इस अवधि में मंडल ने २९.७ यात्री परिवहन के लक्ष्य को पार कर ३.६२ करोड़ यात्री ढ़ोए। यह आंकड़ा गत वर्ष १५७ करोड़ था और इस वर्ष इसमें १३.४ प्रतिशत की वृद्धि हुई है। दक्षिण पश्चिम रेलवे (दपरे) के हुबली मंडल के मंडल प्रबंधक आदेश शर्मा ने पत्रिका से विशेष बातचीत में यह बात कही। उन्होंने बताया कि गत वर्ष समान अवधि में यात्रियों की संख्या ३.०४ करोड़ थी जिसमें २० प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है। यात्री आय में भी गत वर्ष की अपेक्षा १३ प्रतिशत वृद्धि हुई।
यात्री भार व राजस्व में वृद्धि: माल परिवहन के उलट मंडल में न केवल यात्री भार में वृद्धि दर्ज की बल्कि इसकी आय भी गत वर्ष की अपेक्षा बढ़ी। उन्होंने बताया कि मंडल ने इस वर्ष अप्रेल से दिसम्बर की अवधि में 130.52 लाख यात्रियों से 131.50 करोड़ रुपए कमाए। इस वर्ष बढ़े लगभग 18 लाख से अधिक यात्रियों से मंडल को 18 करोड़ रुपए अधिक की आमदनी हुई। गत वर्ष मंडल ने 112.97 लाख यात्रियों से 113.91 करोड़ रुपए अर्जित किए थे।
सुरक्षा में भी अव्वल : उन्होंने बताया कि मंडल में गत वर्ष में एक भी दुर्घटना नहीं हुई है। मंडल के क्षेत्र से एक्सप्रेस व सवारियों गाडिय़ों सहित लगभग ९५ गाडिय़ां गुजरती है। गत वर्ष के अप्रेल माह से मार्च तक मंडल द्वारा संचालित में एक भी गाड़ी हादसे का शिकार नहीं हुई। उन्होंने कहा कि मंडल द्वारा संचालित गाडिय़ों के रख-रखाव की दिशा में बेहतर प्रयास व सावधानी के चलते यह संभव हो पाया है। मंडल की ओर से रख-रखाव की जाने वाली गाडिय़ों की पिट लाईन में छह घंटों में जांच के साथ मंडल के दायरे में आने वाले रेलवे ट्रेक पर कड़ी नजर रखने से दुर्घटनाओं को टालने में मदद मिली है। रेलवे कर्मचारी यात्रियों को बेहतर सुविधा व सुरक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है और इसी का परिणाम है कि मंडल में हादसे शून्य के बराबर हैं।
इज्जत टिकट से मिले ५८ हजार: शर्मा ने बताया कि मंडल में सिंगल रेल लाइन के बावजूद समय पर गाडिय़ों के परिचालन का ही नतीजा है कि मंडल में रेल यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने बताया कि मंडल ने रेल मंत्रालय की विशेष योजना के तहत २३१४ इज्जत टिकटों की बिक्री की। मंडल ने फरवरी में ५४५ व मार्च में ५५३ इज्जत टिकट बेचकर लगभग ५८ हजार का राजस्व अर्जित किया।

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