छमाही में दुर्घटनामुक्त रहा हुबली मंडल
समय पालन में भी आगे
धर्मेन्द्र गौड़
हुबली। देश भर में माल परिवहन से राजस्व संग्रहण में अव्वल ६४ मंडलों में पहले पांच मंडलों में शुमार दक्षिण पश्चिम रेलवे का हुबली मंडल चालू वर्ष की छमाही में दुर्घटना मुक्त रहा है। मंडल प्रबंधक आदेश शर्मा ने विशेष बातचीत में बताया कि मंडल के क्षेत्र से एक्सप्रेस व सवारियों गाडिय़ों सहित लगभग ९२ गाडिय़ां गुजरती है। चालू वर्ष के अप्रेल माह से सितम्बर तक मंडल द्वारा संचालित में एक भी गाड़ी हादसे का शिकार नहीं हुई।
रख-रखाव में सतर्कता जरुरी: उन्होंने कहा कि मंडल द्वारा संचालित गाडिय़ों के रख-रखाव की दिशा में बेहतर प्रयास व सावधानी के चलते यह संभव हो पाया है। मंडल की ओर से रख-रखाव की जाने वाली गाडिय़ों की पिट लाईन में छह घंटों में जांच के साथ मंडल के दायरे में आने वाले रेलवे टे्रक पर कड़ी नजर रखने से दुर्घटनाओं को टालने में मदद मिली है। रेलवे कर्मचारी यात्रियों को बेहतर सुविधा व सुरक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है और इसी का परिणाम है कि मंडल में हादसे शून्य के बराबर हैं।
समय पालन में भी आगे: शर्मा ने बताया कि हुबली मंडल दपरे के कुल राजस्व का अस्सी प्रतिशत राजस्व दे रहा है। जिसमें माल भाड़े के रूप में अर्जित आय,यात्री भाड़ा व अन्य स्रोतों से प्राप्त आय शामिल है। उन्होंने बताया कि मंडल द्वारा चलाई जाने वाली गाडिय़ों के संचालन मामले में भी मंडल आगे हैंं और मंडल की गाडिय़ों का लेटलतीफी का ग्राफ कम है। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन हुबली से संचालित होने वाली गाडिय़ों का समय पालन का प्रतिशत ९२ है जबकि दपरे के अन्य मंडलों का समय पालन का ग्राफ लगभग ८० फीसदी है।
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- Dharmendra Gaur
- Nagaur, Rajasthan, India
- नागौर जिले के छोटे से गांव भूण्डेल से अकेले ही चल पड़ा मंजिल की ओर। सफर में भले ही कोई हमसफर नहीं रहा लेकिन समय-समय पर पत्रकारिता जगत में बड़े-बुजुर्गों,जानकारों व शुभचिंतकों की दुआ व मार्गदर्शन मिलता रहा। उनके मार्गदर्शन में चलते हुए तंग,संकरी गलियों व उबड़-खाबड़ रास्तों में आने वाली हर बाधा को पार कर पहुंच गया गार्डन सिटी बेंगलूरु। पत्रकारिता में बीजेएमसी करने के बाद वहां से प्रकाशित एक हिन्दी दैनिक के साथ जुड़कर पत्रकारिता का क-क-ह-रा सीखा और वहां से पहुंच गए राजस्थान की सिरमौर राजस्थान पत्रिका में। वहां लगभग दो साल तक काम करने के बाद पत्रिका हुबली में साढ़े चार साल उप सम्पादक के रूप में जिम्मेदारी का निर्वहन करने के बाद अब नागौर में ....
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