तबादलों के बावजूद नहीं हटे पुराने अधिकारियों के नाम
धर्मेन्द्र गौड़
हुबली। सूचना प्रौद्योगिकी का गढ़ कहे जाने वाले कर्नाटक में दक्षिण पश्चिम रेलवे जोन की बेवसाइट को देखकर यह कह पाना मुश्किल है कि अद्यतन तकनीक के जमाने में,जहां पल-पल की जानकारी क्षण भर में अपडेट हो जाती है,दपरे इस तकनीक का कितना उपयोग करता है।
अधिकारी नए,नाम पुराने: दपरे की अधिकृत साईट पर आज भी मुख्यालय के उन अधिकारियों के पद नाम दिए गए हैं जिनको या तो जोन में ही किसी अंयंत्र विभाग में भेजा गया है या फिर उनका किसी दूसरे जोन में तबादला हो गया है। दपरे की आधिकारिक साइट पर अनुराग को वरिष्ठ उप महाप्रबंधक (एसडीजीएम) बताया गया है जबकि उनका वाणिज्यिक विभाग में मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक (पब्लिक बिजनेस) पद पर स्थानांतरण कर दिया गया है। मुख्य यांत्रिकी अभियंता (सीएमई) संजीव हांडा का तबादला हुए छह माह हो चुके हैं और उनकी जगह आलोक जोहरी ने कार्य भार ग्रहण भी कर लिया है लेकिन साइट पर जोहरी के बजाय हांडा का नाम ही दिया हुआ है। वित्तीय सलाहकार व मुख्य लेखा अधिकारी राधा वारियार का तबादला हो चुका है और उनकी जगह रामचन्द्रन आ गए हैं लेकिन नाम अभी भी पूर्व अधिकारी का ही दर्ज है।
कई महीनों से नहीं हुई अपडेट: इसके अलावा साइट पर मुख्य इलेक्ट्रिक इंजीनियर के रूप में नवीन टंडन का नाम लिखा है जबकि उनके तबादले के बाद टेम्पे यहां कार्य भार ग्रहण कर चुके हैं। साइट पर दामोदरन को मुख्य सुरक्षा आयुक्त बताया गया है जबकि वर्तमान में कार्यरत मुख्य सुरक्षा आयुक्त एस.सी.सिंहा को कार्यभार ग्रहण किए हुए दस माह बीत चुके हैं। इसके अलावा मुख्य सिग्रल एवं टेलिकॉम इंजीनियर का चेन्नई स्थानांतरण होने के बावजूद साइट पर उनका ही नाम है जबकि उनकी एस.लक्ष्मीनारायण कार्य भार ले चुके हैं। इसी प्रकार रेलवे के मुख्य विभागों में से एक पर्सोनेल विभाग के बारे में जानकारी अद्यतन नहीं की गई है। एन.स्वामीनाथन की जगह मोहन मेनन आ चुके हैं लेकिन साइट पर नाम एन.स्वामीनाथन का चल रहा है। इसके अलावा ऐसे कई अधिकारी है जिनका तबादला हो गया है लेकिन दपरे की साइट की मानें तो अभी वे दपरे जोन में काम कर रहे हैं। दपरे की साइट के अद्यतन नहीं होने के संबंध में एक पाठक द्वारा भेजे गए एक मेल के जवाब में २६ नवम्बर २००९ को दपरे निदेशक (वेबसाइट) की ओर से वापस भेजे गए उत्तर में लिखा गया था कि जल्द ही इसे अपडेट किया जाएगा। बावजूद इसके २२ जनवरी २०१० तक यह साइट अपडेट नहीं थी।
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- Dharmendra Gaur
- Nagaur, Rajasthan, India
- नागौर जिले के छोटे से गांव भूण्डेल से अकेले ही चल पड़ा मंजिल की ओर। सफर में भले ही कोई हमसफर नहीं रहा लेकिन समय-समय पर पत्रकारिता जगत में बड़े-बुजुर्गों,जानकारों व शुभचिंतकों की दुआ व मार्गदर्शन मिलता रहा। उनके मार्गदर्शन में चलते हुए तंग,संकरी गलियों व उबड़-खाबड़ रास्तों में आने वाली हर बाधा को पार कर पहुंच गया गार्डन सिटी बेंगलूरु। पत्रकारिता में बीजेएमसी करने के बाद वहां से प्रकाशित एक हिन्दी दैनिक के साथ जुड़कर पत्रकारिता का क-क-ह-रा सीखा और वहां से पहुंच गए राजस्थान की सिरमौर राजस्थान पत्रिका में। वहां लगभग दो साल तक काम करने के बाद पत्रिका हुबली में साढ़े चार साल उप सम्पादक के रूप में जिम्मेदारी का निर्वहन करने के बाद अब नागौर में ....
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