अब गाडिय़ों में स़ुझाव पेटिका
हुबली। रेल यात्रियों को यात्रा के दौरान होने वाली परेशानियों व आने वाली समस्याओं के लिए अब शिकायत दर्ज कराने या सुझाव देने के लिए रेलवे स्टेशन पर जाकर समय की बर्बादी नहीं करनी होगी। अब यात्री यात्रा के दौरान ही अपने सुझाव दे सकते हैं। जी हां,अब दक्षिण पश्चिम रेलवे के हुबली मंडल ने यात्रियों की सुविधा के लिए रेल सेवा को बेहतर बनाने की कवायद के तहत मंडल द्वारा संचालित सभी गाडिय़ों के वातानुकूलित डिब्बों व गार्ड कोच में सुझाव पेटी लगाई है।
सभी गाडिय़ों में होगी सुझाव पेटी: रेल यात्रियों को यात्रा के मार्ग में होने वाली परेशानियों की जानकारी वे तत्काल किसी अधिकारी तक नहीं पहुंचा पाते हैं ऐसे में उनकी यात्रा के अनुभवों व शिकायतों को रेलवे अधिकारियों तक भेजना संभव नहीं होता है। रेलवे बोर्ड ने सभी गाडिय़ों के गार्ड डिब्बे में शिकायत या सुझाव पेटिका लगाने का आदेश दिया है जिसके तहत सभी गाडिय़ों के गार्ड डिब्बों में सुझाव पेटी लगाई गई है। इसके अलावा मंडल ने अपने स्तर पर सभी वातानुकूलित डिब्बों में भी सुझाव पेटी लगाई है।
खाने की गुणवत्ता संबंधी शिकायतें ज्यादा: शर्मा ने बताया कि पिछले पंद्रह दिनों से कई शिकायतें मिली हैं जिनमें से ज्यादातर भोजन की गुणवत्ता से संबंधित है। चूंकि खान-पान का जिम्मा आईआरसीटीसी देखती है इसलिए सभी सुझावों व शिकायतों से खान-पान विभाग को अवगत कराया गया है। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन हुबली पहुंचने पर गाडिय़ों से संबंधित विभाग के कर्मचारी डिब्बों से पत्र निकाल कर अधिकारियों तक पहुंचाते हैं। जिन पर तुरंत प्रभाव से कार्रवाई करते हुए यात्रियों के सुझावों पर अमल किया जाता है।
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- Dharmendra Gaur
- Nagaur, Rajasthan, India
- नागौर जिले के छोटे से गांव भूण्डेल से अकेले ही चल पड़ा मंजिल की ओर। सफर में भले ही कोई हमसफर नहीं रहा लेकिन समय-समय पर पत्रकारिता जगत में बड़े-बुजुर्गों,जानकारों व शुभचिंतकों की दुआ व मार्गदर्शन मिलता रहा। उनके मार्गदर्शन में चलते हुए तंग,संकरी गलियों व उबड़-खाबड़ रास्तों में आने वाली हर बाधा को पार कर पहुंच गया गार्डन सिटी बेंगलूरु। पत्रकारिता में बीजेएमसी करने के बाद वहां से प्रकाशित एक हिन्दी दैनिक के साथ जुड़कर पत्रकारिता का क-क-ह-रा सीखा और वहां से पहुंच गए राजस्थान की सिरमौर राजस्थान पत्रिका में। वहां लगभग दो साल तक काम करने के बाद पत्रिका हुबली में साढ़े चार साल उप सम्पादक के रूप में जिम्मेदारी का निर्वहन करने के बाद अब नागौर में ....
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