मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
Nagaur, Rajasthan, India
नागौर जिले के छोटे से गांव भूण्डेल से अकेले ही चल पड़ा मंजिल की ओर। सफर में भले ही कोई हमसफर नहीं रहा लेकिन समय-समय पर पत्रकारिता जगत में बड़े-बुजुर्गों,जानकारों व शुभचिंतकों की दुआ व मार्गदर्शन मिलता रहा। उनके मार्गदर्शन में चलते हुए तंग,संकरी गलियों व उबड़-खाबड़ रास्तों में आने वाली हर बाधा को पार कर पहुंच गया गार्डन सिटी बेंगलूरु। पत्रकारिता में बीजेएमसी करने के बाद वहां से प्रकाशित एक हिन्दी दैनिक के साथ जुड़कर पत्रकारिता का क-क-ह-रा सीखा और वहां से पहुंच गए राजस्थान की सिरमौर राजस्थान पत्रिका में। वहां लगभग दो साल तक काम करने के बाद पत्रिका हुबली में साढ़े चार साल उप सम्पादक के रूप में जिम्मेदारी का निर्वहन करने के बाद अब नागौर में ....

जनवरी 23, 2010

चीनी मोबाइल बिक्री पर सरकारी आदेश बेअसर


धड़ल्ले से हो रहा कारोबार
धर्मेन्द्र गौड़
हुबली ।
भाग दौड़ भरी जिन्दगी में तेजी से बदलती दुनिया में मोबाइल लगभग हर युवा की दिनचर्या में शामिल हो गया है। लगभग पन्द्रह साल पहले शुरू और अब हर दिन फल फूल रहा मोबाइल कारोबार सौ प्रतिशत की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। सस्ती होती मोबाइल दरें,हैंड सैटों की घटती कीमतेंं व उनमें मौजूद एप्लीकेशन में बेतहाशा वृद्धि का ही नतीजा है कि आज स्कूली विद्यार्थियों से लेकर गृहणियों के पास मोबाइल के अद्यतन मॉडल देखे जा सकते हैं। देश में बढ़ते मोबाइल कारोबार को भांपते हुए चीनी कंपनियों ने अनाप-शनाप मॉडल भारतीय बाजार में उतार दिए जिससे न केवल देसी कंपनियों का बिजनेस प्रभावित हुआ बल्कि ऐसे मोबाइल देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी खतरा बन गए। देश भर में बिना आईएमईआई नम्बर वाले हैंडसेटों की बाढ़ सी आने के बाद इन मोबाइलों को राष्ट्र विरोधी ताकतों द्वारा उपयोग में लाए जाने की जानकारी के बाद सरकार ने गत वर्ष नवम्बर से ऐसे मोबाइल पर प्रतिबंध लगा दिया जिनमें वैध आईएमईआई नम्बर नहीं है। सरकार ने स्थानीय दूरसंचार कंपनियों को ऐसे मोबाइल धारकों की सेवाएं तत्काल प्रभाव से बंद करने के आदेश जारी किए। कंपनियों ने सरकारी आदेशों का अक्षरश: पालन करते हुए राष्ट्र हित में ऐसे मोबाइलों को खतरनाक मानते हुए उन पर सेवा देनी बंद कर दी। इतना ही नहीं सरकार ने काम में लिए जा रहे अवैध चीनी हैंडसेटों को वैध बनाने के लिए देश भर में बाकायदा सेंटर स्थापित भी किए। इन केन्द्रों पर निर्धारित तिथि के दिन रात्रि बारह बजे बाद सर्वर बंद कर दिया गया। और जो मोबाइल बिना आईएमईआई के थे उनकी रिंग बंद हो गई। बावजूद इसके न तो चीन में निर्मित मोबाइल की बिक्री पर असर हुआ है और न ही लोगों ने इसका उपयोग करना बंद किया है। शहर में अभी भी ऐसी कई दुकानें हैं जहां धड़ल्ले से चाइना निर्मित अवैध मोबाइल को वैध बनाने का काम कहीं चोरी छिपे तो कहीं खुले में हो रहा है। गत शुक्रवार को स्टेशन रोड स्थित हर्षा कॉम्प्लेक्स में पुलिस द्वारा छापे की कार्रवाई को इससे जोड़ा जा सकता है। पुलिस का कहना है कि उनको शिकायत मिली है कि कुछ दुकानों में आईएमईआई नम्बर डालने का काम अवैध रूप से किया जा रहा है। हालांकि यह बात अलग है कि पुलिस को छापे की कार्रवाई में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जिससे यह साबित हो सके कि अभी भी यह काम चोरी छिपे जारी है। लेकिन इतना तो तय है कि कुछ तो है जिसकी वजह से पुलिस को छापे की कार्रवाई करनी पड़ी।

कोई टिप्पणी नहीं: