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Nagaur, Rajasthan, India
नागौर जिले के छोटे से गांव भूण्डेल से अकेले ही चल पड़ा मंजिल की ओर। सफर में भले ही कोई हमसफर नहीं रहा लेकिन समय-समय पर पत्रकारिता जगत में बड़े-बुजुर्गों,जानकारों व शुभचिंतकों की दुआ व मार्गदर्शन मिलता रहा। उनके मार्गदर्शन में चलते हुए तंग,संकरी गलियों व उबड़-खाबड़ रास्तों में आने वाली हर बाधा को पार कर पहुंच गया गार्डन सिटी बेंगलूरु। पत्रकारिता में बीजेएमसी करने के बाद वहां से प्रकाशित एक हिन्दी दैनिक के साथ जुड़कर पत्रकारिता का क-क-ह-रा सीखा और वहां से पहुंच गए राजस्थान की सिरमौर राजस्थान पत्रिका में। वहां लगभग दो साल तक काम करने के बाद पत्रिका हुबली में साढ़े चार साल उप सम्पादक के रूप में जिम्मेदारी का निर्वहन करने के बाद अब नागौर में ....

दिसंबर 12, 2010

बढ़ रहा सर्दी का अहसास




आम तौर पर शहर में दिसम्बर में मौसम सुहाना रहता है लेकिन कुछ दिन पहले उत्तर कर्नाटक क्षेत्र में हुई बेमौसम की मूसलाधार बारिश के चलते फिजा में सर्दी का असर रहा है। दिसम्बर का पहला सप्ताह सामान्य दिनों से थोड़ा सर्द raha , हालांकि दिन में कड़क धूप का अहसास होता रहता है। दूसरा सप्ताह आते-आते मौसम शहर में सर्दी का ज्यादा असर देखने को मिलेगा। मौसम विभाग के अनुसार somvar को आसमान साफ रहेगा लेकिन न्यूनतम १७ डिग्री तापमान के साथ हल्की सर्दी का असर दिन रात में रह सकता है।
बदला मौसम का मिजाज
मौसम विभाग के अनुसार आगामी दस दिन शहर का तापमान न्यूनतम १७ अधिकतम २८ रहने की संभावना है। इन दिनों पारे का न्यूनतम स्तर १७ से १९ डिग्री सेल्सियस के आसपास रिकॉर्ड किया गया। दिसम्बर में हुबली का औसतन तापमान १६ से अधिकतम २९ डिग्री सेल्सियस रहता है। शहर में सर्दी की दस्तक के साथ ही बाजार में गर्म कपड़ों की दुकानों पर चहल-पहल नजर आने लगी है। जनता बाजार के पास सभी प्रकार के क्वालिटी वाले गर्म कपड़े रखने वाले एक दुकानदार ने बताया कि आजकल शुद्ध ऊनी कपड़ों की मांग ज्यादा है। साथ ही लोग वुल मार्क वाले बेहतर गुणवत्ता वाले ब्रांडेड कपड़े ज्यादा पसंद करते हैं। विशेष रूप से अंदरूनी थर्मल कपड़ों की काफी मांग है। बच्चों अलावा कामकाज के सिलसिले में बाहर जाने वाले और देर रात तक काम करने वाले लोग स्वेटर या कोट के बजाय अंदरुनी थर्मल कपड़ों को ज्यादा महत्व देते हैं।
सर्दी ने बढ़ाई चहल-पहल
शहर में बढ़ती सर्दी से इन दिनों गर्म कपड़ों के बाजार में दिन भर चहल-पहल देखी जा सकती है। हुबली धारवाड़ जुड़वां शहर में एक-दूसरे शहर से कामकाज के सिलसिले में दुपहिया वाहन से आने जाने वाले लोग सेहत के प्रति खासे चिंतित दिखाई देते हैं और सर्दी से बचाव के लिए थर्मल कपड़े, स्वेटर या जैकेट में से कोई एक चुनते हैं। रात्रि में हुबली से धारवाड़ जाने या धारवाड़ से हुबली आने पर तेज रफ्तार से चलते वाहन पर सर्दी का ज्यादा अहसास होता है ऐसे में उनके लिए ऊनी कपड़े ज्यादा जरुरी है। इसके अलावा शहर से १०० किलोमीटर तक के दायरे में आने वाले शहरों में नौकरी के सिलसिले में रोज अप-डाऊन करने वाले भी बाजार में गर्म कपड़े खरीद रहे हैं।
सबकी पंसद जुदा-जुदा
एक अन्य दुकानदार ने बताया कि बाजार में नामी कंपनियों के अलावा लॉकल बं्राड के स्वेटर भी काफी बिक रहे हैं। कपड़े भले ही ऊनी क्यों हो लेकिन इसमें भी लोग चूजी हो गए हैं। हर आयु वर्ग अपने हिसाब अंदाज से कुछ खास नया डिजायन चाहता है जो उसे केवल सर्दी से बचाता है बल्कि उसके व्यक्तित्व में भी चार चांद लगा देता है। बाजार में इन दिनों लुधियाना,कश्मीर, चंडीगढ सहित अन्य शहरों से ऊनी कपड़े रहे हैं।

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