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Nagaur, Rajasthan, India
नागौर जिले के छोटे से गांव भूण्डेल से अकेले ही चल पड़ा मंजिल की ओर। सफर में भले ही कोई हमसफर नहीं रहा लेकिन समय-समय पर पत्रकारिता जगत में बड़े-बुजुर्गों,जानकारों व शुभचिंतकों की दुआ व मार्गदर्शन मिलता रहा। उनके मार्गदर्शन में चलते हुए तंग,संकरी गलियों व उबड़-खाबड़ रास्तों में आने वाली हर बाधा को पार कर पहुंच गया गार्डन सिटी बेंगलूरु। पत्रकारिता में बीजेएमसी करने के बाद वहां से प्रकाशित एक हिन्दी दैनिक के साथ जुड़कर पत्रकारिता का क-क-ह-रा सीखा और वहां से पहुंच गए राजस्थान की सिरमौर राजस्थान पत्रिका में। वहां लगभग दो साल तक काम करने के बाद पत्रिका हुबली में साढ़े चार साल उप सम्पादक के रूप में जिम्मेदारी का निर्वहन करने के बाद अब नागौर में ....

दिसंबर 12, 2010

हुबली-धारवाड़ दोहरीकरण कार्य शीघ्र

-आएगी १०० करोड़ की लागत
-कम होगा यातायात का दबाव
हुबली.
सब कुछ रेलवे की योजना के मुताबिक रहा व कार्य समय पर पूरा हो गया तो दक्षिण पश्चिम रेलवे जोन के हुबली मंडल से नई गाडिय़ां शुरू करने की मांग भी पूरी हो सकती है। फिलहाल हुबली से हेब्सूर तक व धारवाड़ से कम्बरगनवी तक दोहरीकरण का कार्य पूरा हो गया है। हुबली-धारवाड़ के बीच सिंगल लाइन के कारण ज्यादा गाडिय़ों का परिचालन संभव नहीं है।
१०० करोड़ में होगा दोहरीकरण
रेलवे सूत्रों के अनुसार बहु-प्रतीक्षित हुबली-धारवाड़ लाइन के दोहरीकरण को रेलवे ने हरी झण्डी दे दी है और शीघ्र ही इसका कार्य शुरू होने वाला है। लगभग २० किलोमीटर लाइन के दोहरीकरण पर १०० करोड़ रूपए खर्च होंगे। यह कार्य रेलवे बाइपास के समानंतर चलेगा ताकि दोनों मार्गों पर एक साथ परिचालन शुरू होने से हुबली-धारवाड़ के बीच यातायात सुगम हो सके। रेलवे सूत्रों के अनुसार फिलहाल हुबली से नियमित १६ एक्सप्रेस गाडिय़ां,१२ सवारी गाडिय़ां,२२ गैर प्रतिदिन (जिनमें साप्ताहिक,द्वि साप्ताहिक व अन्य) गाडिय़ां व २२ माल गाडिय़ां गुजरती हैं। ऐसे में नई गाडिय़ों शुरू करना संभव नहीं है।
किसानों का पक्ष भी जानें
बेशक रेलवे लाइन बाईपास की योजना बहुत अच्छी है। परन्तु इस योजना का किसान विरोध कर रहे हैं। इस संबंध में उनका पक्ष जानने के बाद इस पर आगे कार्रवाई होनी चाहिए। पर किसानों का विरोध है। 104 एकड जमीन पर रेलवे बाईपास लाइन बिछाने की योजना है। धारवाड़ से लोंडा तथा हुबली से धारवाड़ तक रेलवे लाइन दोहरीकरण किया जा रहा है। बाइपास बनने के बाद इससे मालगाडिय़ां हुबली स्टेशन पर नहीं आएंगी। इससे और यात्री गाडिय़ों को चलाने में सुविधा होगी। रेलवे लाइन बाईपास के निर्माण से यातायात दबाव कम होगा। इस संबंध में किसानों के विरोध तथा किसानों के हितों की रक्षा के लिए रेल विभाग को अलाइनमेंट बदलने का सुझाव दिया है। रेल विभाग ने इस पर विचार करने का वादा किया है। जोशी ने कहा कि उन्होंने रेल विभाग से पहले अमरगोल से धारवाड़ तक दोहरी लाइल बिछाकर मालगाडिय़ों को इस लाइन से चलाने की मांग की है।
-प्रहलाद जोशी,सांसद

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