आंजणा पटेल समाज ने लिखा रेल मंत्री को पत्र
हुबली. उत्तर कर्नाटक में रहने वाले प्रवासी राजस्थानी व गुजराती समाज के लोगों को अपने राज्य में जाने के लिए पर्याप्त संख्या में गाडिय़ां नहीं होने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। प्रवासी यात्रियों की समस्या को देखते हुए स्थानीय श्री आंजणा(पटेल)समाज सेवा संघ के पदाधिकारियों ने सोमवार को सांसद प्रहलाद जोशी को रेल मंत्री ममता बनर्जी को संबोधित पत्र सौंपा। इस पत्र में मांग की कई है कि फिलहाल हुबली से बीकानेर के लिए कोई गाड़ी नहीं है। ऐसे में राजस्थान के मेड़ता,नागौर, नोखा, बीकानेर,गंगानगर आदि शहरों में जाने वाले यात्रियों को जोधपुर तक चलने वाली गाडिय़ों में ही यात्रा करनी पड़ती है। दक्षिण पश्चिम रेलवे जोन का मुख्यालय होने के बावजूद यहां से कोई भी सीधी गाड़ी राजस्थान के लिए नहीं है। इसलिए आगामी बजट में हुबली से बीकानेर के लिए नईगाड़ी शुरू करनी चाहिए।
तत्काल आरक्षण भी मुश्किल
ज्ञापन में कहा गया है कि राजस्थान जाने वाली मौजूदा गाडिय़ों में आरक्षण तो दूर तत्काल आरक्षण भी नहीं मिल पाता है। ऐसे में बुजुर्गों,महिलाओं व बच्चों को प्रतीक्षा सूची के टिकट पर ही यात्रा करनी पड़ती है। प्रतीक्षा सूची में यात्रा करने से इनको तकलीफों का सामना करना पड़ता है। समाज के सचिव तेजाराम पटेल ने जोशी को बताया कि राजस्थान जोने वाली गाडिय़ों में आरक्षण नहीं मिलता। यहां तक कि तीन महीने पहले टिकट लेने पर भी प्रतीक्षा सूची का ही टिकट मिलता है। रेलवे की तत्काल आरक्षण सुविधा में भी टिकट ले पाना टेढी खीर है। यात्रा दिन से निर्धारित समय पर सुबह टिकट खिड़की खुलते ही एक दो लोगों को आरक्षित टिकट मिलने के बाद प्रतीक्षा सूची आ जाती है। इसलिए इस क्षेत्र में रहने वाले प्रवासियों की सुविधा के लिए हुबली से बीकानेर तक सीधी गाड़ी शुरू करनी चाहिए। इस अवसर पर समाज के उप सचिव राजाराम आंजणा समाज युवा अध्यक्ष बींजाराम,लिंगराज पाटिल,प्रवासी भंवरलाल शर्मा सहित अन्य प्रवासी उपस्थित थे। समाज के अध्यक्ष खंगाराम पटेल के नेतृत्व में जोशी से मिले प्रतिनिधि मंडल ने सांसद से उनकी मांग रेल मंत्री तक पहुंचाने का आग्रह किया। जोशी ने संसद में यह मुद्दा उठाने का आश्वासन दिया।
हुबली में सोमवार को हुबली से बीकानेर के बीच रेलगाड़ी चलाने की मांग को लेकर सांसद प्रहलाद जोशी को ज्ञापन सौंपते आंजणा पटेल समाज के पदाधिकारी व प्रवासी राजस्थानी।
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- Dharmendra Gaur
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- नागौर जिले के छोटे से गांव भूण्डेल से अकेले ही चल पड़ा मंजिल की ओर। सफर में भले ही कोई हमसफर नहीं रहा लेकिन समय-समय पर पत्रकारिता जगत में बड़े-बुजुर्गों,जानकारों व शुभचिंतकों की दुआ व मार्गदर्शन मिलता रहा। उनके मार्गदर्शन में चलते हुए तंग,संकरी गलियों व उबड़-खाबड़ रास्तों में आने वाली हर बाधा को पार कर पहुंच गया गार्डन सिटी बेंगलूरु। पत्रकारिता में बीजेएमसी करने के बाद वहां से प्रकाशित एक हिन्दी दैनिक के साथ जुड़कर पत्रकारिता का क-क-ह-रा सीखा और वहां से पहुंच गए राजस्थान की सिरमौर राजस्थान पत्रिका में। वहां लगभग दो साल तक काम करने के बाद पत्रिका हुबली में साढ़े चार साल उप सम्पादक के रूप में जिम्मेदारी का निर्वहन करने के बाद अब नागौर में ....
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