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नागौर जिले के छोटे से गांव भूण्डेल से अकेले ही चल पड़ा मंजिल की ओर। सफर में भले ही कोई हमसफर नहीं रहा लेकिन समय-समय पर पत्रकारिता जगत में बड़े-बुजुर्गों,जानकारों व शुभचिंतकों की दुआ व मार्गदर्शन मिलता रहा। उनके मार्गदर्शन में चलते हुए तंग,संकरी गलियों व उबड़-खाबड़ रास्तों में आने वाली हर बाधा को पार कर पहुंच गया गार्डन सिटी बेंगलूरु। पत्रकारिता में बीजेएमसी करने के बाद वहां से प्रकाशित एक हिन्दी दैनिक के साथ जुड़कर पत्रकारिता का क-क-ह-रा सीखा और वहां से पहुंच गए राजस्थान की सिरमौर राजस्थान पत्रिका में। वहां लगभग दो साल तक काम करने के बाद पत्रिका हुबली में साढ़े चार साल उप सम्पादक के रूप में जिम्मेदारी का निर्वहन करने के बाद अब नागौर में ....

दिसंबर 27, 2010

महफूज नहीं आपका वाहन

-रेलवे स्टेशन बना चोरों का ठिकाना!
हुबली
अगर आप अपने रिश्तेदार या परिचितों को छोडऩे या लाने हुबली रेलवे स्टेशन पर जा रहे हैं तो वहां पर वाहन खड़ा करने से पहले सोच लें। क्योंकि आप जब तक प्लेटफार्म से बाहर आएंगे आपका दुपहिया वाहन वहां सुरक्षित मिलेगा,इसकी गारंटी नहीं है। हो सकता है आप स्टेशन पर खड़े हों और शातिर चोरों की नजर आपकी गाड़ी पर हो। जब तक आप आएंगे वे अपनी कारस्तानी को अंजाम दे चुके होंगे। बेहतर होगा कि आप अपने वाहन का ध्यान खुद रखें। रेलवे स्टेशन पर यात्रियों व नागरिकों की सुविधा के लिए रेलवे ने पार्किंग का ठेका दिया है और ठेकेदार का आदमी आपसे पार्किंग का पैसा वसूलेगा लेकिन वाहन की सुरक्षा की गारंटी वह भी नहीं लेता।
...और गायब मिला
तीन दिन पहले बुधवार शाम किसी रिश्तेदार को लाने के लिए रेलवे स्टेशन गए पाठक ने बताया कि जब वह उनको लेकर आए तो उनकी मोटरसाइकिल वहां पर नहीं थी। पहले तो काफी देर तक इधर-उधर तलाश की लेकिन पता नहीं चला। इसके बाद रेलवे स्टेशन पर राजकीय रेलवे पुलिस चौकी जाकर जानकारी दी। इस पर चौकी पर तैनात संबंधित पुलिस अधिकारी ने कहा कि गुरुवार शाम तक इंतजार करो, हम अपने स्तर पर गाड़ी को ढ़ूंढने का प्रयास करते हैं। अगर नहीं मिली तो रिपोर्ट लिखवा देना। इसके बाद पीडि़त व्यक्ति वापस आ गया। गुरुवार को भी गाड़ी नहीं मिलने पर पीडि़त फिर पुलिस चौकी गया व गाड़ी के बारे में पूछताछ की लेकिन पुलिस ने बताया कि अभी तक गाड़ी का कोई पता नहीं चला है। शुक्रवार को पीडि़त ने मोटरसाइकिल चोरी होने की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई।
कहीं भी पार्क कर देते
हालांकि रेलवे ने पार्किंग के लिए एक स्थान तय कर रखा है बावजूद इसके लोग स्टेशन के मुख्य द्वार के सामने तक गाडिय़ां पार्क कर देते हैं। मुख्य द्वार के बायीं तरफ लगे एटीएम के पास भी जगह पर भी लोग वाहन पार्क कर देते हैं। रेलवे या संबंधित ठेकेदार का कोई आदमी वहां लोगों को गाड़ी पार्क करने से नहीं रोकता।
ठेकेदार की है जिम्मेदारी
हुबली मंडल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्टेशन पर वाहन पार्किंग के लिए दी गई निविदा में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि स्टेशन पर शुल्क अदा कर निर्दिष्ट स्थान पर पार्क किए जाने वाले वाहन की सुरक्षा की जिम्मेदारी संबंधित ठेकेदार की होगी। रेलवे सूत्रों के अनुसार अन्य स्थानों के बाद अब रेलवे स्टेशन परिसर में पार्किंग स्थल से गाड़ी का गायब होना गंंभीर मामला है। इसके पीछे किसी बड़े वाहन गिरोह का हाथ भी हो सकता है। चोरी गई गाडिय़ों की कम बरामदगी से यह स्पष्ट होता है कि चोर यहां से गाड़ी चुराने के बाद या तो उसके पार्ट्स अलग-अलग कर बेच देते हैं या फिर गाड़ी को किसी दूसरे शहर में भेज देते हैं ताकि यहां वह पुलिस की पकड़ में आने से बच सके।
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मामला दर्ज हुआ है
वैसे तो स्टेशन पर वाहन चोरी के मामले कम ही सामने आते हैं।शुक्रवार दोपहर एक मामला दर्ज किया गया है। पीडि़त की ओर से दर्ज रिपोर्ट के आधार पर जांच की जा रही है। -बाबुराव कुलंदवाड़, सहायक निरीक्षक जीआरपी पोस्ट, हुबली स्टेशन

यह राजस्थान पत्रिका,हुबली के २६ दिसम्बर २०१० के अंक में प्रकाशित हुई है..

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